चंद्रमा के उपाय

चंद्रमा के उपाय

चंद्रमा मन का कारक है और आज के परिवेश में लगभग 90% लोगो का चंद्रमा पीड़ित ही मिलेगा। पाप ग्रहों से दृष्ट,पाप करतारी, शनि के साथ होने पर विष दोष,राहु या केतु के साथ होने पर ग्रहण दोष( हालाकि हमेशा ग्रहण दोष नही होता किंतु पाप प्रभाव होने से मन भ्रमित अवश्य होता है।) अकेला चंद्रमा होने पर केमद्रुम दोष, क्षीण चंद्रमा आदि। चंद्रमा चतुर्थ भाव का कारक भी होता है। अगर चंद्रमा पीड़ित हुआ तो स्वाभाविक है की सुख भी पीड़ित हुआ। अर्थात यदि आपके पास सबकुछ है किंतु मन ही दुखी है तो आप सुख कैसे भोग पाएंगे।
किंतु यदि चंद्रमा शुभ ग्रहों से दृष्ट  या युत हो जैसे गुरु या शुक्र तो उसके दोषों में कमी होगी। और ऐसे लोगो के पास धन न भी हो तो तो भी सुखी रह लेते है। कुछ न होते हुए भी सुखी है। अतः सबसे पहले चंद्रमा का सही होना जरूरी है वरना हमारे सुख में कमी आयेगी।
⭐सबसे पहले हमें अपनी दिनचर्या को सही करना चाहिए क्युकी आज के युग में बहुत रात तक जागने के कारण अधिकतर लोगो का चंद्रमा खराब होता जा रहा है। जल्दी सोए और जल्दी उठे।
⭐ सुबह उठकर प्राणायाम और मेडिटेशन करने का प्रयास करे।
⭐ चांदी की ग्लास से सुबह और शाम जल का सेवन करे।
⭐चांदी की चंद्रमा का लॉकेट बनवाकर पूर्णिमा के दिन धारण करे। चांदी का कड़ा भी पहन सकते है।
⭐ पूर्णिमा का व्रत करे।
⭐सोमवार को शिवजी को जल और कच्चा दूध मिश्रित जल अर्पित करे।
⭐ चंद्रमा के बीजमंत्र का जाप करे।
⭐ कुंडली दिखवाकर ही मोती धारण करे।
⭐ माता और माता समान स्त्री का सम्मान और सेवा करे।
⭐वृद्ध आश्रम जाकर माता समान स्त्री के लिए संभव हो तो सेवा या दान करे।
इन छोटे छोटे उपायों को कर के आप चंद्रमा के दुष्प्रभावों को कम कर सकते है।

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