कलयुग मैं भाग्य बदलने के अचूक वैदिक उपाय दुर्भाग्य से सौभाग्य तक कैसे और क्या करे??
कलयुग मैं भाग्य बदलने के अचूक वैदिक उपाय दुर्भाग्य से सौभाग्य तक कैसे और क्या करे??
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यदि आप सच मै परेशान है तो करो ,आलस न करो, होता क्या है लोग पढ़ लेते है पर टाइम की कमी या आलस या कोई और रीजन से करते नहीं है और भाग्य को कोसते रहते है ऐसा न करे, करके देखिए लाभ मिलेगा पूर्ण आस्था से ।।
कलियुग में जीवन संघर्षमय हो गया है। कई बार मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती, धन आते-आते रुक जाता है, विवाह में बाधाएँ आती हैं, और पारिवारिक जीवन में शांति भंग हो जाती है। लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि भाग्य को बदला जा सकता है!  श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं:
सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ।
ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि।।
अर्थात् सुख-दुःख, लाभ-हानि और जय-पराजय को समान मानकर कर्म करो, यही धर्म है और यही भाग्य निर्माण का मार्ग है।
लेकिन, सिर्फ कर्म करने से ही भाग्य नहीं बदलता, जब तक हम आध्यात्मिक और वैदिक उपायों को अपने जीवन में लागू नहीं करते। तो आइए जानते हैं वे अद्भुत उपाय, जो कलियुग में हमारे भाग्य को पूरी तरह बदल सकते हैं।
 1. सूर्य उपासना – दुर्भाग्य मिटाने का अचूक उपाय
हर सुबह सूर्योदय से पहले उठकर तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें गुड़, लाल फूल और चावल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। साथ ही यह मंत्र 108 बार जपें:
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
सूर्यदेव की कृपा से जीवन में आत्मबल, मान-सम्मान और सफलता प्राप्त होती है ।।
 2. हनुमान जी की भक्ति – दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने का रामबाण
कलियुग में हनुमान जी की आराधना सबसे प्रभावी मानी गई है। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें और यह शाबर मंत्र 21 बार जपें:
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्
 यदि शनि, राहु, केतु या मंगल ग्रह प्रतिकूल हैं, तो हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें और बजरंग बली को सिंदूर, चमेली का तेल और गुड़-चना अर्पित करें।
 3. महामृत्युंजय मंत्र जप – संकटों से मुक्ति का उपाय
यदि किसी भी प्रकार का संकट या जीवन में कोई बड़ी बाधा हो, तो भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
🔱 महादेव की कृपा से समस्त रोग, भय, नकारात्मकता और दुर्भाग्य का अंत हो जाता है।
 4. धन वृद्धि के लिए लक्ष्मी साधना
यदि भाग्य आर्थिक रूप से कमजोर है और धन का अभाव बना रहता है, तो हर शुक्रवार को माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। घर में शंख, गोमती चक्र और सफेद कौड़ियाँ रखें और यह मंत्र जपें:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
इसके अलावा, हल्दी से माता लक्ष्मी के चरण चिह्न घर में बनाना अत्यंत शुभ होता है।
 5. पितृ दोष और ग्रह बाधा निवारण के लिए पितृ तर्पण
कई बार भाग्य पर बुरा प्रभाव हमारे पितरों के अशांत होने से पड़ता है। प्रत्येक अमावस्या को पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएँ और यह मंत्र बोलें:
ॐ पितृभ्यः नमः
पितरों की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
 6. भाग्य जागरण के लिए गीता का पाठ
यदि जीवन में कोई भी कार्य सफल नहीं हो रहा, तो प्रतिदिन श्रीमद्भगवद्गीता का 12वां और 15वां अध्याय पढ़ें। यह अध्याय मन को सकारात्मकता देते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं।
 7. बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से बचने के उपाय
 हर शनिवार को काले तिल और सरसों के तेल का दान करें।
 अपने घर के मुख्य द्वार पर गौमूत्र और गंगाजल का छिड़काव करें।
 नजर दोष से बचने के लिए शनिवार को 7 प्रकार के अनाज कौवों को खिलाएँ।
 संत तुलसीदास जी कहते हैं:
"करम प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करइ सो तस फल चाखा।।"
अर्थात् यह संसार कर्मों पर टिका हुआ है, जो जैसा करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है।
 कलियुग में भाग्य बदलने के ये अचूक वैदिक उपाय जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और मानसिक शांति लाने में सहायक होते हैं। इन उपायों को नियमित रूप से अपनाकर आप अपने जीवन को पूर्णतः बदल सकते हैं। 
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