काल स्पर्श दोष
क्या कोई जातक खुद से काल स्पर्श दोष की पूजा घर या मंदिर मै कर सकता है ❓ 
🔱 कालसर्प/कालस्पर्श दोष अगर किसी की कुण्डली में हो तो ज़रूरी नहीं कि हर किसी को बहुत भारी संकट ही देगा। असर जन्मकुण्डली की स्थिति, ग्रहों की दृष्टि और दशा-अन्तर्दशा पर निर्भर करता है।
यदि कोई व्यक्ति आर्थिक रूप से महंगी पूजा नहीं करा सकता तो घर में या नजदीकी मंदिर में साधारण उपाय कर सकता है।
शांति का सबसे मुख्य उद्देश्य मन को स्थिर करना, श्रद्धा रखना और ग्रहों को प्रसन्न करना है, न कि केवल बड़े-बड़े खर्चे करना।
सरल उपाय (जो कोई भी कर सकता है):
1. रोज़ भगवान शिव का जलाभिषेक करें – घर में ही जल में थोड़ा दूध या गंगाजल मिलाकर "ॐ नमः शिवाय" का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाएं।
2. राहु और केतु के लिए मंत्र जाप –
राहु मंत्र: "ॐ रां राहवे नमः" (108 बार रोज़)
केतु मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः" (108 बार रोज़)
3. नाग पंचमी या संकष्ट चतुर्थी जैसे दिनों पर व्रत रखें और नाग-देवता या गणेश जी की पूजा करें।
4. तिल का तेल दीपक शनिवार और मंगलवार को पीपल या हनुमान जी के सामने जलाएं।
5. गरीबों को दान – काला तिल, उड़द, नीला/काला कपड़ा या कंबल राहु-केतु शांति में बहुत शुभ माने जाते हैं।
6. महा मृत्युंजय मंत्र जाप – घर में या मंदिर में जितना संभव हो, रोज़ करें। 5 माला 
क्या विधि जरूरी है?
🔹 विधि जरूरी होती है ।
🔹 श्रद्धा और नियमितता ज्यादा प्रभाव डालते हैं।
🔹 साधारण मन से, सच्चे भाव से भी की गई प्रार्थना ग्रह शांति देती है।
 इसलिए अगर कोई आर्थिक रूप से बड़ा अनुष्ठान नहीं करवा सकता तो घर में ही नियमित मंत्र जाप, शिव पूजन, उपवास और दान से दोष बहुत हद तक शांत किया जा सकता है।
🔱साधारण कालसर्प शांति विधि (घर पर करने योग्य)
उपयुक्त दिन
सोमवार या नागपंचमी / महाशिवरात्रि जैसे दिन सर्वोत्तम माने जाते हैं।
अगर संभव न हो तो किसी भी सोमवार से शुरू कर सकते हैं। 11 दिन की पूजा करे ।
आवश्यक सामग्री
एक छोटा शिवलिंग (अगर घर में है तो वही पर्याप्त) तांबे का नाग नागिन का जोड़ा ।
गंगाजल या साफ पानी
कच्चा दूध
बेलपत्र, धतूरा (हो सके तो)
अक्षत (चावल), हल्दी, चंदन
काले तिल और थोड़ा सा शहद
धूप/दीपक
विधि:::
1. सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
2. शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएँ,और नाग नागिन को भी
3. उसके बाद दूध, जल, शहद, और काले तिल मिलाकर अभिषेक करें।
4. “ॐ नमः शिवाय” का कम से कम 108 बार जाप करें।
5. फिर राहु-केतु के मंत्र का जाप करें:
राहु: ॐ रां राहवे नमः (108 बार)
केतु: ॐ कें केतवे नमः (108 बार)
6. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और चावल चढ़ाएँ।
7. दीपक जलाकर प्रार्थना करें –
“हे भगवान शिव, नागदेवता और राहु-केतु, मेरे जीवन के कष्ट दूर करो, शांति और सुख प्रदान करो।”
8. पूजा के बाद काले तिल, उड़द, या नीले कपड़े का दान किसी गरीब को कर दें।
विशेष ध्यान रखें;;
यह पूजा रोजाना 11 दिन तक करनी है ।
महा मृत्युंजय मंत्र का रोज़ कम से कम 5 माला जाप करने से दोष काफी शांत होता है।
इस विधि को करने में किसी पंडित की अनिवार्यता नहीं है। आप खुद श्रद्धा से करेंगे तो पूर्ण फल मिलेगा।
जो लोग महंगा अनुष्ठान नहीं कर सकते, उनके लिए यही काफी है।
जब 11 दिन हो जाए प्रसाद को किसी को दे देवे और नाग नागिन को किसी नदी या बहते पानी मैं बहा दे ।
11 दिन तक गुस्सा न करे, सात्विक भोजन मांस मदिरा नहीं पूरी श्रद्धा विश्वास अपने ईस्ट देव गुरु को सिमरन करके पूजा करनी चाहिए पूजा से पहले संकल्प लेना जरूरी है ।
आपकी सच्ची निष्ठा जरूरी है पूजा मै गलती हो जाए तो क्षमा याचना करना न भूले।
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