चंद्र के प्रत्येक भाव में फल
चंद्र के प्रत्येक भाव में फल 
- *प्रथम भाव में चंद्र*: प्रथम भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को भावनात्मक, संवेदनशील और कल्पनाशील बनाती है। वह अपने जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति करता है।
- *द्वितीय भाव में चंद्र*: द्वितीय भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को धन और संपत्ति की प्राप्ति कराती है। वह अपने परिवार के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है।
- *तृतीय भाव में चंद्र*: तृतीय भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को साहसी और पराक्रमी बनाती है। वह अपने भाइयों और पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है।
- *चतुर्थ भाव में चंद्र*: चतुर्थ भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को सुख और शांति की प्राप्ति कराती है। वह अपने परिवार और माता-पिता के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है।
- *पंचम भाव में चंद्र*: पंचम भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को रचनात्मक और कल्पनाशील बनाती है। वह अपने बच्चों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है।
- *षष्ठ भाव में चंद्र*: षष्ठ भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वह अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।
- *सप्तम भाव में चंद्र*: सप्तम भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति कराती है। वह अपने जीवनसाथी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है।
- *अष्टम भाव में चंद्र*: अष्टम भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। वह अपने जीवन में अचानक घटनाओं का सामना कर सकता है।
- *नवम भाव में चंद्र*: नवम भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक बनाती है। वह अपने पिता के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है।
- *दशम भाव में चंद्र*: दशम भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को अपने करियर में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। वह अपने जीवन में उच्च पद और प्रतिष्ठा की प्राप्ति करता है।
- *एकादश भाव में चंद्र*: एकादश भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद करती है। वह अपने मित्रों और संबंधियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखता है।
- *द्वादश भाव में चंद्र*: द्वादश भाव में चंद्र की स्थिति व्यक्ति को अपने जीवन में आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों में रुचि ले सकती है। वह अपने जीवन में उच्च पद और प्रतिष्ठा की प्राप्ति कर सकता है।
Comments
Post a Comment