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मैं बड़ा हूँ- मैं श्रेष्ठ हूँ     🤔🤔🤔 एक बार भगवान कृष्ण सत्यभामा के साथ बैठे थे। पास में ही गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी बैठे थे। तभी सत्यभामा ने पूछा, प्रभु त्रेता युग मे जब आप ने ...

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💌                            विश्वास    💨 💦किसी नगर में एक सेठजी रहते थे. उनके घर के नजदीक ही एक मंदिर था.एक रात्रि को पुजारी के कीर्तन की ध्वनि के कारण उन्हें ठीक से नींद नह...

पित्तोड़ की सब्जी

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राजस्थान में बनाई जाने वाली पारम्परिक सब्जी है, जब फ्रिज में हरी सब्जियां न हो लेकिन कुछ स्पेशल भी बनाना हो तो राजस्थानी पित्तोड़ की सब्जी बनाकर देखिये राजस्थान के पारम्परिक खाने में बेसन का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। राजस्थानी पित्तोड़ की सब्जी बनाने के लिये भी मुख्य सामग्री बेसन और दही का प्रयोग किया जाता है।राजस्थानी बेसन के गट्टे  की सब्जी जहां बेसन को गट्टे की शक्ल देकर भाप में पकाते हैं। इसके विपरीत पित्तोड़ की सब्जी के लिये बेसन का घोल बनाकर और पका कर जमाकर बनाते हैं।  पित्तोड़ की सब्जी में सब्जी जरूर है लेकिन इसमें किसी हरी सब्जी का प्रयोग नहीं होता।      😋😋  पित्तोड़ की सब्जी  😋😋 🌺  सामग्री 🔴  कतली बनाने के लिये           बेसन - 1 कप           दही - 1/4 कप           तेल -  चम्मच           हींग - 1 - 2 पिंच      ...

द्रौपदी story

द्रौपदी के बारे में यह रोचक बातें शायद ही आप जानते होंगे? द्रौपदी का चरित्र अनोखा है। पूरी दुनिया के इतिहास में उस जैसी दूसरी कोई स्त्री नहीं हुई। महाभारत में द्रौपदी के स...

मोक्षदा एकादशी*

*मोक्षदा एकादशी* इस व्रत का महत्व, पूर्वजों के साथ अपने लिए भी खोलें मोक्ष के द्वार    मार्गशीर्ष महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी को भारतीय धर्म शास्त्रों में मोक्षदायिनी एक...

વેજ_ગ્રીલ_સેન્ડવીચ....

🌼આજે એક થોડી ફેન્સી વાનગી, પણ હેલ્ધી અને ટેસ્ટી વાનગી...🙏 ♣️મારો વિચાર:~ "નેકી કર કુવે મે ડાલ", મતલબ ઉપકાર કરીને ભૂલી જવો...😊 #વેજ_ગ્રીલ_સેન્ડવીચ.... 🌹 સામગ્રી... ખમણેલું ગાજર, કોબી 2_2 કપ, ...

ईमानदारी की अपेक्षा

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        ईमानदारी की अपेक्षा - गाँव में एक पशुपालक रहता था जो दूध से दही और मक्खन बना, बेचकर रोजी चलाता था। हमेशा की तरह आज भी उसकी पत्नी ने  मक्खन तैयार करके दिया, और वह  उसे बेचने के लिए अपने गाँव से शहर की तरफ निकल पड़ा।  मक्खन गोल पिंड़ी के आकार में होता था और प्रत्येक पिंड़ी का वज़न एक किलो था। शहर मे किसान ने उस मक्खन को हमेशा की तरह अपने रोज के दुकानदार को बेच दिया। बदले में दुकानदार से चायपत्ती, चीनी, तेल,  साबुन, मसाले व दालें वगैरहा खरीदकर वापस अपने गाँव चला गया। किसान के जाने के बाद, दुकानदार को मक्खन फ्रिज़र मे रखते हुए सहसा खयाल आया कि क्यूँ ना आज एक पिंड़ी का वज़न कर ही लिया जाए। वज़न करने पर पिंड़ी सिर्फ 900 ग्राम उतरी।  हैरत और संदेह से उसने सारी पिंडियाँ तोल डाली। प्रत्येक पिंड़ी 900-900 ग्राम ही थी। व्यापारी छले जाने के विषाद से भर उठा। अगले हफ्ते किसान हमेशा की तरह मक्खन लेकर जैसे ही दुकानदार की दहलीज़ पर चढ़ा। दुकानदार आक्रोश में चिल्लाते हुए, किसान से कहा, कि वह दफा हो जाए, उसे किसी बे-ईमान और धोखेबाज़ व्यक्ति से व्यापार नही...