सुक्र राशि परिवर्तन

शुक्र का कर्क राशि में गोचर, आपके जीवन पर पड़ेगा इसका सीधा प्रभाव

कर्क राशि में शुक्र ने की सूर्य, बुध और मंगल संग युति, बना योग।  शुक्र का कर्क राशि में गोचर
ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में से गुरु ग्रह के बाद शुक्र ग्रह को भी शुभ ग्रह का दर्जा प्राप्त होता है। जो सभी ग्रहों में से सबसे ज़्यादा चमकदार भी होता है और इसी कारण इसे पृथ्वी से बेहद आसानी से देखा जा सकता है। इसे संध्या और भोर का तारा भी कहा जाता है। ज्योतिषी के साथ-साथ वैज्ञानिक दावों में भी ये माना गया है कि शुक्र से निकलने वाली किरणों और इसके स्थान परिवर्तन का प्रत्येक जातक के शरीर और जीवन पर निश्चय रूप से प्रभाव पड़ता है।

शुक्र ग्रह का कुंडली पर प्रभाव

वैदिक ज्योतिष की माने तो शुक्र ग्रह का विशेष महत्व होता है। जिसे स्त्री, विवाह, प्रमाद, वैभव, विलास, राग-रंग, कला, कल्चर, साहित्य, संतान आदि का कारक माना जाता है। कुंडली में शुक्र ग्रह की अशुभ स्थिति के कारण व्यक्ति के जीवन में स्त्री, वाहन और धन सुख का आभाव रहता है। कई लोग शुक्र ग्रह को स्त्री ग्रह भी कहते हैं। परन्तु ज्योतिष विशेषज्ञ इस बात को गलत बताते हुए ये मानते हैं कि शुक्र ग्रह पुरुष के लिए स्त्री और स्त्री के लिए पुरुष समान होता है। स्वभाव से ये किसी राजा की तरह दिखाई देता इसलिए शुक्र को जातक की कुंडली में वैभव का कारक माना जाता है। शुभ रंगों में गुलाबी और चमकदार सफ़ेद इनके प्रिय होते हैं। इसके अलावा ये भी देखा गया है कि यदि किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में हो, यानी बली या प्रभावी हो तो, उस जातक को जीवन में वाहन सुख, वैवाहिक एवं तमाम भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। जबकि इसके विपरीत जातक की कुंडली में शुक्र के निर्बल या कमज़ोर होने पर जातक को जीवन में इन सभी सुखों के अभाव में रहना पड़ता है।

कुंडली में शुक्र के निर्बल या कमज़ोर होने के अहम कारण:-

घर या कार्य क्षेत्र की दक्षिण-पूर्व दिशा का खराब होना अर्थात दूषित या अशुद्ध होना शुक्र ग्रह को कमज़ोर बनाता है जिससे जातक को इसके नकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है।                 

.पराई स्त्री या नाबालिक स्त्री से संबंध बनाने से भी शुक्र कमज़ोर होता है, जिससे जातक को अशुभ फलों की प्राप्ति होने लगती है।

ये भी देखा गया है कि जिस भी कुंडली में शुक्र राहु के साथ युति बनाता है तो इससे जातक को स्त्री तथा धन सुख से काफी समय तक वंचित रहना पड़ता है।

जिस भी पत्नी या पति में कलह या विवाद होता है, इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण शुक्र का निर्बल होना देखा जाता है।

शारीरिक रूप से व्यक्ति का अशुद्ध रहना भी शुक्र को निर्बल बनता है। इसके साथ ही जो भी व्यक्ति मैले, गंदे-फटे कपड़े पहनता है उससे भी शुक्र कमज़ोर होता है।

घर का दूषित या अशुद्ध होना भी शुक्र के बलहीन होने का बड़ा कारण होता है।

विशेष तौर से घर के शयन कक्ष और भोजन स्थल के दूषित होने से शुक्र बुरे प्रभाव देना शुरू कर देता है।

काले या गहरे रंगों के अत्यधिक इस्तेमाल करने पर भी शुक्र के शुभ फलों में कमी आती है।

गृह क्लेश या बच्चों की पिटाई करने पर भी माना गया है कि शुक्र देव गुस्सा हो जाते हैं जिससे उनके खराब फल मिलने लगते हैं और साथ ही जातक के धन-दौलत में कमी हो जाती है।

ये देखा गया है कि जिस भी कुंडली में शुक्र की स्थिति अच्छी नहीं होती है, उस जातक को कई तरह की छोटी-बड़ी बीमारियाँ होने का खतरा भी बना रहता है। जैसे:-

घर की दक्षिण-पूर्व दिशा को वास्तु अनुसार ठीक करना चाहिए  है।

शुक्र की खराब स्थिति के कारण जातक को वीर्य संबंधी गुप्त रोग हो सकता है।

शुक्र के अशुभ फलों से जातक को कई प्रकार के यौन रोग होने की आशंका रहती है। इसके अलावा मुमकिन है कि समय से पहले ही व्यक्ति में कामेच्छा समाप्त हो जाए।

लगातार अँगूठे में दर्द रहना या बिना रोग के ही अंगूठा का बेकार हो जाना, यह कुंडली में विशेष रूप से शुक्र की कमज़ोर स्थिति को दर्शाता है।

त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न होने का कारण भी शुक्र देव को ही माना गया है।

शुक्र के नकारात्मक प्रभावों का सबसे बड़ा उदाहरण जातक के पैरों या पाँव की समस्या आदि का होना होता है।

सभी प्रकार के भौतिक एवं सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए हर कुंडली में शुक्र का सकारात्मक प्रभाव होना अनिवार्य होता है। इसके अलावा शुक्र की राशि में अलग-अलग भावों में स्थिति भी जातक के ऊपर विशेष प्रभाव डालती है। समस्त ग्रहों में से बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह होते हैं, जबकि सूर्य व चंद्रमा उनके शत्रु ग्रह कहलाते हैं। इसके साथ ही शुक्र देव एक राशि में लगभग 23 दिन का समय बिताते हैं और उसके बाद वो दूसरी राशि में गोचर करते हैं। अब यही प्रेम, सौंदर्य, कला और भौतिक सुखों का कारक शुक्र ग्रह एक बार फिर अपना स्थान परिवर्तन करते हुए 23 जुलाई 2019, मंगलवार दोपहर 12:35 बजे मिथुन राशि से निकलकर चंद्र देव की राशि कर्क में प्रवेश करेगा और इस राशि में वो अगले महीने 16 अगस्त 2019, शुक्रवार रात्रि 20:23 बजे तक स्थित रहेगा। परामर्श के  लिए  संपर्क  करें..... mobil/wt-8650925817

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