एक लडका और एक लडकी
एक-दुसरे से
बुहूत ज्यादा प्यार करते थे.
प्रेम-दिवस के दिन दोनो
एक पार्टी मेँ गये
हूये थे
वहॉ उन्हौनैँ खुब डान्स
किया और
इन्जोय किया.
पार्टी के बाद जब घर जाने
का समय आया तो
लडके ने लडकी को
प्रपोज किया.
लडकी बुहुत प्यार
करती थी
इसलिऐ उसने हाँ कह दिया
सारे दौस्तौ ने खुशी
से ताली बजाई
इस तरह उन दोनौ का
किस्सा अब प्यार की शक्ल
ले चुका था
लेकिन वक्त को शायद उन
दोनौ कि खुशी मन्जुर
नही थी.
जब वो दोनो वापिस घर
लौट रहे थे
तो लडका 100 किलोमीटर
कि रफ्तार से बाईक
चला रहा था.
उसकी रफ्तार देख कर
लडकी घबरा गई
और उसने रफ्तार
कम करने के
लिये कहने लगी.
लेकिन लडके ने रफ्तार कम
नही की.
रात के समय मेँ बाईक तेज
रफ्तार से जा रही थी.
लडकी- मैँ कहती हुँ,
बाईक की रफ्तार कम करो.
मुझे डर लग रहा है.
इतनी तेज क्युँ
चला रहे हो?
लडका- नहीँ, नहीँ
मुझे तो मजा आ रहा है.
लडकी- तुमहेँ मजा
आ रहा हैँ,
मेरी जान निकली जा
रही है.
लडका- तो फिर कहो कि
तुम मुझसे प्यार करती हो.
लडकी- अभी तो कहा था
सबके सामने.
लडका- फिर कहो
मुझे तुम्हारे मुँह से
I Love You
सुनना बुहुत अच्छा
लगता हैँ.
कहो ना!
लडकी- I Love You,
अब तो रफ्तार कम कर दो.
लडका- मुझे किस करो.
लडकी- हाँ करती हुँ
फिर वो लडकै को जोर से
किस करती है.
लडके ने कहा क्या तुम मेरा
हेलमेट पहन लोगी,
मुझे रात मेँ इसके शिशेँ मेँ
ठिक से नहीँ देख
पा रहा हुँ.
लडकी ने उसका हेलमेट
पहन लिया.
•अगले दिन अखबार मेँ
खबर छपी
कि तेज रफ्तार से जाती
बाईक के एक्सीडेँट से एक
लडके कि मौँत हो गई
और पिछे बैँठी
लडकी बच गई
क्युँकी उसने हेलमेट पहन
रखा था.
मेरी आशिँकी तुम से ही हैँ
दोस्तौ, सच ये है
कि बाईक के ब्रेक फैँल हो
गये थे
और लडका ये जानता था
कि अब बाईक नहीँ रुक
सकती.
ईसलिये उसने अपने प्यार
कि जान बचाई
अपनी जान देके.
दोस्तौ! प्यार मेँ सिर्फ कसमेँ
खाना ही काफी नहीँ
बल्कि जरुरत पढे
तो अपनी जान देने का
नाम सच्चा प्यार हैँ!!

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