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ग्रह कुपित हो तो क्या करे?

किसी का सूर्य कुपित हो या नीच का हो के बुरे परिणाम दे रहा हो तो आदमी को नमक कम खाना चाहिए ,
गुड़ जरूर खाए ,विटामिन डी जरूर ले ,
सूर्य यदि 11वे भाव में हो और मांसाहार शराब खाता हो तो संतान का सुख बेहद कठिनाई से मिलता 11 वे भाव का सूर्य संतान से रिलेशन ख़राब कर देगा ,सूर्य 11वे भाव में है और यदि ख़राब है तो संतान होने के बाद भी यदि ऐसा व्यक्ति शराब और मांसाहार का सेवन करे तो उसके संतान के साथ संबंध बहुत ख़राब हो जाते है और
उसकी संतान उससे बहुत दूर चली जाती है ,खास तौर पे यदि आप मांस मदिरा इत्यादि का सेवन करते है तो आपको अपने पुत्र से वियोग झेलना पड़ेगा ,तली हुई वस्तुए नहीं खानी चाहिये वरना नुकसान होगा!

चंद्रमा कुपित हो के बुरे परिणाम देने लगे तो कभी भूलकर भी मांसाहार मत लीजियेगा
जल पिये विटामिन c जरूर ले ,चंद्रमा जब भी ख़राब होगा शरीर में जल की कमी कर देगा और बहुत नुकसान देगा ,ऐसे में चंद्रमा की महादशा भी शुरू हो जाये तो ठंडी वस्तुओ का प्रयोग एक दम बंद कर दे ,और फ्रिज की
रखी हुई चीज़े जिसमे केला आता है ,चावल आता है ,दही आता है ऐसी वस्तुओ का प्रयोग आपको एकदम
बंद कर देना चाहिए ,या वो चीज़े खाना बंद कर दीजियेगा जिसमें पिपरमिंट होता है मेंथोल होता है ,नहीं तो आप काफी परेशानी में आते है ,खास तौर पे एकादशी को चावल छुए भी नहीं, रात का दूध पीना avoid करना चाहिये

जिनका मंगल ख़राब है उन्हें देर रात कभी भी भोजन नहीं करना चाहिये अगर रात की ड्यूटी भी है तो रात को 8-9 बजे एक रेसेस में जाये भोजन करे और उसके बाद कुछ न खाये ,जिन लोगो का मंगल कुपति अवस्थ में है उन्हें धूप में नहीं घूमना चाहिए ,जिन लोगो का मंगल कुपित है ऐसे लोगो को तेज़ मसाले तेज़ चीनी तेज़ नमक ,
ये घातक सिद्ध हो सकता है ,मंगल सीधे सीधे हड्डी या ब्लड से रिलेटेड समस्या को देे सकता है ,खास तौर से ब्लड प्रेशर,मंगल जिन लोगो का ख़राब होता है उन्हें नशे से दूर रहना चाहिए ।सिगरेट शराब किसी भी प्रकार का नशा कुपित मंगल वाले लोगो को काफी नुकसान दे देगा ।

बुध यदि कुपित हो तो (बुध बहुत जल्दी नाराज होते है )
और बुध यदि दशाओ में भी कही है ,महादशा में है अन्तर्दशा में है या प्रत्यंतर में है तो कभी भी तनाव में या जल्दी बाजी में भोजन न करिये ।जिनका बुध ख़राब है ) को दाले बहुत कम खानी चाहिये मतलब लिमिटेड यानि
जितना कटोरी भर प्रोटीन के लिये जरूरी है बस उतना ।
बहुत जादा दाले ऐसे लोगो को नहीं खानी चाहिये । कच्ची सब्जिया न खाये बहुत जादा तला पका खाने को नहीं कह रहे लेकिन कच्ची सब्जिया न खाये ।शीशे के बर्तन में भोजन न करे और न जल पिये । देर रात का भोजन कतई नहीं करना है ।नमकीन चीजों का सेवन भी आपको बहुत कम करना है । और देखिये बुध जितना कुपित होगाउतना आपकी रूचि उत्पन्न करता चला जायेगा चाट पकौड़े आदि खाने में ।तेज़ नमकीन या पैक्ड नमक वाली चीज़े खायेंगे या कभी कभी ऐसे लोग खाने की चीज़ के ऊपर नमक जरूर डालनाशुरू कर देते है । समझिये की ये बुध नुकसान पहुंचा रहा है ।रिश्तो में दरार कर देगा । ख़राब करेगा पैरो में दर्द करेगा और बिजनेस में आपको नुकसान पहुंचा देगा ।ऐसे लोगो को केचप सिरका अचार वगैरह का सेवन बहुत कम करना चाहिये । (छोड़ दे तो जादा अच्छा है )कम से कम तब तक तो छोड़ ही दे जब तक उस बुध की महादशा या अंतर दशा या प्रत्यंतर दशा चलरही हो । यदि बुध आपका कुपित हो तो जमीन के निचे निकलने वाली सब्जिया और फल बहुत कम
ले । न ही ले तो जादा अच्छा है । जितना जादा आप लेंगे उतना ही ये आपके भाग्य कोकम करता चला जाएगा । वाणी पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा ।फैट पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा । गले पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा ।
बेलो पर लटकने वाली सब्जिया होती है उनका सेवन जादा करे जैसे लौकी है ,कद्दू है ,एक ग्रह जो कुपित हो के काफी कुछ ख़राब कर सकता है वो बुध है,शास्त्रों में तीर्थ जाने की सलाह दी जाती है क्यूंकि जब भी जीवन में
बड़े हादसे जीवन को अव्यवस्थित कर दे तब तीर्थ जाये ताकि जल में नाभि तकडूब के स्नान करे क्यूंकि वहां सकारात्मक उर्जा होती है और ऐसी जगहों पे स्नान आदि करने सेउर्जा बढ़ जाती है शरीर में ।

बृहस्पति
जिस कुण्डली में बृहस्पति कुपित हो गया वहां चीज़े संभाले नहीं संभलती ।यदि बृहस्पति कुपित है तो व्यक्ति यदि साधू की तरह भोजन करे तो सम्मान पायेगा अन्यथा सम्मान नहीं पायेगा । यदि भोगी की तरह भोजन करेगा तो उसका सब कुछ चला जायेगा ।हल्दी का सेवन ऐसे लोगो को जरूर करना चाहिये । बृहस्पति संतुलित करने के लिए हल्दी का सेवन जरूर करे ।

यदि आपका शुक्र कुपित है तो ठंडी और मीठी
चीजों का सेवन बेहद कम कर दीजिये शराब का सेवन बिलकुल मत करिये । और ये आसानी से हो
नहीं पायेगा क्यूंकि शुक्र यदि बहुत कुपित अवस्था में होगा तो ठंडी चीज़े खिला खिला के बीमार करेगा
या मीठी चीज़े खिला खिला के बीमार करेगा । शराब के सेवन की तरफ उकसायेगा आप बहाने
बनायेंगे की भई मेरी तो सोसाइटी ऐसी है मै क्या करूँ ?

शनि - यदि आप दयावान है अध्यात्मिक है धर्म को मानते है चाहे किसी भी धर्म को मानते हो
उस धर्म के नियमो को अपनी जिंदगी में उतारते है जो ज्यादातर लोग नहीं कर रहे और गरीबो की मजदूरों की आप मदद करते है । जिन लोगो के शरीर के अंगो में दिक्कते है उनकी यदि आप मदद करते है तो ये शनि कितना भी ख़राब क्यूँ न हो नीच का भी क्यूँ न हो
नीच का हो के 6,8वे ,12वे भाव में ही क्यूँ न हो इसका नीच भंग ही हो रहा हो ,नवमांश में भी परम नीच का क्यूँ न हो रहा हो बावजूद उसके यह आपको नुकसान नहीं देगा
और इसकी दशा में कुछ न कुछ सेटलमेंट बड़ा जरूर होगा । और वही शनि यदि आपका उच्च का
भी है नवमांश में भी उच्च का है लेकिन आप स्वार्थी है जरा जरा सी बात पे दूसरो की निंदा करते है धार्मिक कार्यो से दूर हो जाते है अपने जीवन साथी की उन बातो में आते है जो बाते सही नहीं है शास्त्रोक्त नहीं है ,या उन मित्रो की बातो में आते है जो आपको गलत राह पे
डाल देते है और आप उस राह पे चल देते है तो यही शनि आपकी जिंदगी को हमेशा हिला के रख देगा स्थायित्व की आपके अन्दर बेहद कमी कर देगा ।

राहू की दशा में मछली या मछली से सम्बंधित कोई भी वास्तु खायी तो महा संकट आता है ।लड़ाई झगडे मुक़दमे ये सब बढ़ जाते है ।राई खटाई मिठाई ये तीनो चीज़े शनि और राहू को बहुत ख़राब करती है खास तौर पे यदि आपका राहू बहुत ख़राब हो तो राई खटाई मिठाई इन
तीनो चीजों से बहुत दूर रहे । इनका कम सेवन करे (कभी कभार खा लेने में कोई बात नहीं कम सेवन करे )

यदि आप बेहद सादा भोजन करते है और अपने भोजन का
कुछ हिस्सा कुत्ते के लिये निकाल के रखते है तो केतु कभी भी आपको बुरे परिणाम नहीं देगा ।

यदि आप अपने तन मन धन का कुछ हिस्सा समाज के लिए देते है तो केतु आपको बेहद फायदा करेगा
यदि आप अध्यात्मिक कार्य करते है तो केतु आपको बहुत लाभ देता है ।

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