कहानी
🌸🌸*एक अजीब फैसला*🌸🌸
*••••••••••••••••••*
*एक आठ साल का लड़का स्टोर से ब्रेड और पनीर चोरी करता हुआ पकड़ा गया ।*
*गार्ड ने पकड़ कर पुलिस को, और पुलिस ने बाल न्यायालय में पेश कर दिया!*
*जज ने जुर्म सुना और लड़के से पूछा तुमने क्या सचमुच कुछ चुराया था।*
*हाँ*
*ब्रैड और पनीर का पैकेट, लड़के ने सहमते हुए नीचे नज़रें कर के जवाब दिया।जज - क्यों ?*
*मुझे बहुत ज़रूरत थी जज खरीद लेते लड़का पैसे नहीं थे*
*घर वालों से ले लेते।*
*घर में सिर्फ मां है बीमार और बेरोज़गार है, ब्रैड और पनीर भी उसी के लिए चुराई थी।*
*तुम कुछ काम नहीं करते ?*
*करता था कार वाश गेराज़ में, मां की देखभाल के लिए एक दिन की छुट्टी की थी। तो मुझे काम से निकाल दिया गया।*
*तुम किसी से मदद मांग लेते मैं सुबह से घर से निकला था करीब बीस लोगों के पास गया भीख की तरह मांगा, बिल्कुल आख़री में ये क़दम उठाया।*
*जिरह ख़त्म हुई जज ने फैसला सुनाना शुरू किया - चोरी और वो भी सिर्फ ब्रैड की चोरी बहुत बड़ा जुर्म है और इस जुर्म के हम सब ज़िम्मेदार हैं ।*
*अदालत में मौजूद हर शख़्स मेरे सहित हम सब मुजरिम हैं !*
*इसलिए यहाँ मौजूद हर शख़्स पर सो सो रूपये का जुर्माना लगाया जाता है, सो रुपये दिए बग़ैर कोई भी यंहा से बाहर नहीं निकल सकेगा।*
*ये कह कर जज ने सो रूपये अपनी जेब से बाहर निकाल कर रख दिए और फिर पेन उठाया लिखना शुरू किया:-*
*इसके अलावा में स्टोर पर एक हज़ार रूपये का जुर्माना करता हूं कि उसने एक भूखे बच्चे से ग़ैर इंसानी सुलूक करते हुए पुलिस के हवाले करा इसलिए।*
*अगर चौबीस घंटे में जुर्माना जमा नहीं करा तो कोर्ट स्टोर सील करने का हुक्म दे देगी।*
*जुर्माना में इकट्ठा हुई सपूर्ण राशि इस लड़के को देकर कोर्ट उस लड़के से माफी तलब करती है।*
*फैसला सुनने के बाद कोर्ट में मौजूद लोगों के आंखों से आंसू तो बरस ही रहे थे, उस लड़के के भी हिचकीया बंध गई ।*
*वो लड़का बार बार जज को देख रहा था !*
*और आदर्श जज साहब रूमाल से अपने आंसू पोछते हुए बाहर निकल गये ।*
*क्या हमारा आज का समाज, सिस्टम और कोर्ट इस तरह के निर्णय के लिए तैयार हैं 🙏🏻🙋🏻♂️
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