ये सूर्य है

जय श्री बालाजी

ये सूर्य है

ये वही सूर्य है जिसके चारों तरफ ग्रह चक्कर लगाते रहते है। सोर मंडल का आधार है ये। सब ग्रह उपग्रह इसके प्यार में बंधे। सबका केंद्र बिंदु है ये। क्योंकि सूर्य है ये। जीवन डाता है ये क्योंकि सूर्य है ये। सब इसके गुरुत्व आकर्षण में बंधे है। इससे अलग हुए तो फिर व्रह्माण्ड में तैरते रह जाएंगे क्योंकि सूर्य है ये। सबसे शुद्ध है ये क्योंकि सूर्य है ये। ये तेरी आत्मा है क्योंकि सूर्य है ये। तेरे घर का मुखिया सूर्य ही तो है। तेरे गली का मुखिया सूर्य ही तो है। तेरे वार्ड का मुखिया सूर्य ही तो है। तेरे शहर का MLA सूर्य ही तो है। तेरी जिले का MP सूर्य ही तो है। तेरे राज्य का मुख्य मंत्री सूर्य ही तो है। तेरे देश का PM सूर्य ही तो है। तेरे ग्रह का मुखिया सूर्य ही तो है। तेरे ग्रहों का मुखिया वही सूर्य ही तो है। सूर्य तेरी हड्डियां है जिसके इर्द गिर्द सब मांस, नशे नाड़ियां लटकी रहती है। ये वही सूर्य है जोनतुझे जीवन देता है। 

ये सूर्य अपने तेज़ से सबको चका चोंध कर देता है। सबको अस्त कर देता है। सिर्फ सूर्य ही सूर्य दिखाई देता है। इसके पास किसी भी ग्रह का कोइ आस्तित्व नही। सब ग्रह इसके सामने ही अपने आपको फन्ने खा समझे। इसके पास आये तो फुसस्स। कोई भी ग्रह कितना भी अकड़ दिखा ले लेकिन सारी रिपोर्ट तो इसको ही करेगा। घूमेगा तो इसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से ही। इसके इर्द गिर्द ही क्योंकि सूर्य है ये। क्योंकि तेरी आत्मा है ये। सूर्य है ये।

बुध के साथ ये तुझे बुद्धिमान। गुरु के साथ जीवात्मा, परोपकारी बना देगा। मंगल के साथ तुझे महापराक्रमी। शनि को तो अपना सारा बल दे देगा, बेटे के प्यार में शहीद। शुक्र के साथ क्या करेगा, भोग में आत्मा का क्या काम। चन्दर के साथ तो अमावस्या। चन्दर चमकता तो इसी की रोशनी की वजह से है। क्योंकि सूर्य है ये।

राहु इसको अपना ग्रास बना लेगा। मतलब सूर्य तो अपनी जगह रोशनी बिखेर रहा है लेकिन अपनी तरफ उसका तेज़ नही आ रहा है राहु की वजह से। मतलब अपने अंदर ही कोई खोट है तभी ग्रहण लग गया अपने को। सूर्य को नही।

लग्न में ये तेज़ देगा। परिवार भाव मे दिल खोल के धन। सहज भाव मे दिल खोल के पराक्रम। माता के भाव मे पिता का क्या काम। पुत्र भाव मे पुत्र ही करेगा, पिता तो चुप चाप ही बैठेगा। रोग को तो भगा देगा, शत्रुहंता। पत्नी  भाव मे शुभ का हुआ तो बल्ले बल्ले नही तो पत्नी छोड़कर न चले जाएं। अष्टम में दिल खोल के ज्ञान लिजिन पाइल्स। भाग्य में तो  धर्म ध्वजा। दसम में तो पूछ्यो मत , अपनी सबसे favourate जगह। एकादश में भी बल्ले बल्ले। द्वादश में क्या काम। 

ये सूर्य है। ध्यान रखे ये सूर्य गुरु से भी बड़ा ग्रह यही। शुभ का हुआ तो तो उस भाव की बल्ले बल्ले। ओर पीडिर हुआ तो सब कुछ अस्त। क्योंकि सूर्य है ये।

आपकी हड्डियां सूर्य।

आपका तेज़ सूर्य।

आपकी आंखों का तेज सूर्य।

आपके शरीर की गर्मी सूर्य।

आपका पेट सूर्य।

आपका ह्दय सूर्य।

आपका आत्म बल बताएगा आपका सूर्य कैसा है।

आकाश की दृष्टि बता देगी आपका सूर्य कैसा है।

आपकी सूक्ष्मता, आपकी पवित्रता बता देगी आपका सूर्य कैसा है।

ये वही सूर्य है जो समस्त ग्रहों के दोष दूर करने की क्षमता रखता है। क्यो, क्योंकि सूर्य है ये।

ये शुभ तो देवता भी शुभ। क्योंकि सूर्य है ये।

ये पिता भी है ये पुत्र भी है। क्योंकि सूर्य है ये।

इसके रंग ने रंगने वाला सीधा परमात्मा की बात करता है। किसी ओर के लिए उसके पास वक़्त ही कहा क्योंकि सूर्य है ये।

इसके अगले भलव में शुभ ग्रह हो तो बहुत ही अच्छा योग कहा है शास्त्रकारों ने क्योंकि यातना पे शुभ प्रभाव जीवन सफल कर देता है क्योंकि ये राजा सूर्य है। इसी का अधिपत्य है।

सूर्य है ये

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