मस्तिष्क रेखा

*!!श्री हरि!!*

1. यदि मस्तिष्क रेखा दोहोरी हो अर्थात मस्तिक रेखा के साथ ही साथ दूसरी सहायक रेखा भी चल रही हो तो ऐसा व्यक्ति अत्यंत भागवान होता है।  

2.यदि मस्तिष्क रेखा बीच में से कटी हुई हो तो ऐसा व्यक्ति असंतुलित मस्तिष्क का होता है

 3 .यदि मस्तिष्क रेखा की आस पास छोटी-छोटी बारीक रेखाएं दिखाई दे तो वह जातक सदा मानसिक बेचैनी का शिकार रहता है   

4. यदि मस्तिष्क रेखा घूमकर शुक्र पर्वत की ओर जाती हुई दिखाई दे तो वह जातक स्त्रियों में फ्री और सुख भोग करने वाला होता है यदि शुक्र पर्वत दशा हो तो कामुक वह नपुंसक होता है। 

5. यदि मस्तिष्क रेखा पर सफेद बिंदु दिखाई दे तो वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण सफलता प्राप्त करता है। 

 6.यदि लंबी उंगलियां हो और मस्तिक रेखा भी सीधी तथा स्पष्ट हो तो वह व्यक्ति सूक्ष्मदर्शी में बुद्धिमान होता है। 

 7.यदि बुध पर्वत विकसित हो परंतु मस्तिक रेखा कमजोर हो तो उसे जीवन में बड़े विश्वासघात से भारी मानसिक आघात लगता है। 

8. मस्तिक रेखा के साथ-साथ सूर्य पर्वत भी स्ट्रांग होना चाहिए तभी व्यक्ति को सफलता मिलती है 

9.यदि मस्तिष्क रेखा टेढ़ी-मेढ़ी हो तो वह व्यक्ति संकुचित विचारधारा का होता है। 

 10. यदि हृदय रेखा की ओर बढ़ती हुई मस्तिक रेखा बीच में कई जगह टूटी हुई हो तो मानसिक रोग लगी भूत प्रेत बाधा होती है  

11.  यदि यदि मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत पर जाकर समाप्त होती हो तो वह व्यक्ति प्रसिद्ध तांत्रिक होता है  

 12.यदि मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा मेल कर न्यून कोण बनाते हो तो उच्च राज्य पद प्राप्त होता है

13.यदि इस रेखा से निकलकर कोई सहायक रेखा सूर्य पर्वत की ओर जाती हो तो उसे आकस्मिक धन लाभ प्राप्त होता है  

14.यदि इस रेखा से कोई सहायक रेखा निकलकर शनि पर्वत की ओर जाती हो तो वह जीवन में उच्च कोटि का धार्मिक व्यक्ति होता है


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