वरुण ग्रह (नेप्च्यून) का 12 भावो में फल
जय श्रीराम ।।
वरुण ग्रह (नेप्च्यून) का 12 भावो में फल
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ज्योतिष में जो कोई नही बताता वह भी हम बताते है । यह भी एक ग्रह है और इसका प्रभाव भी मैंने इंसानो पर पड़ता देखा गया है यह एक मैजिकल ग्रह है मेरी नज़र में ।
ज्योतिष की नज़र से वरुण ग्रह जलीय ग्रह है और यह ग्रह मीन राशि को प्रभावित करता है उस पर अपना अधिकार रखता है इस ग्रह से प्रभावित इंसान काफी माइंड का तेज होता है दुसरो की बातों को अच्छे से सुनता है उन पर विचार करता है अगर यह ग्रह कुंडली के भावों में हो कैसा फल देगा ।
यह ग्रह जिस भी ग्रह के साथ होता है उसकी पावर को बड़ा देता है अपनी सारी शक्ति उस गृह में मिला देता है शुभ ग्रहों के प्रभाव में जबरदस्त बढ़ोतरी करता है ।
प्रथम भाव
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यह लगन में हो और गुरु के साथ हो या किसी शुभ ग्रह के साथ हो इंसान आध्यात्मिक पूजा पाठ करने सामाजिक कार्यो में उसको रूचि होती है । ऐसा इंसान लेखन कार्य बहुत बढ़िया करता है । उसकी हिम्मत विल पावर बहुत बढ़िया होती है ।
द्वितीय भाव
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अगर यह हो इंसान बोलने में बढ़िया होगा जबरदस्त वाक् शक्ति होती है दुसरो को प्रभावित करता है शुभ प्रभाव में धन देता है अशुभ प्रभाव में बर्बादी देता है
तृतीय भाव
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यह 3 भाव में गजब सहास देता है इंसान हिम्मत सहास देता है भाई बहनों को ऐसा इंसान साथ लेकर चलता है
चतुर्थ भाव
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चतुर्थ भाव में पैतृक संपत्ति देता है खुद की काफी प्रॉपर्टी इंसान बना लेता है । अगर सूर्य चंद्रमा से इसका सम्बन्ध हो यह दिल की बीमारी और अशुभ प्रभाव में बर्बादी देता है । सौतेली माँ के लिए भी इसको देखा जाता है।
पंचम भाव
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पाचवें भाव में हो तो बच्चो का सुख नहीं मिलता है ऐसा इंसान अपने बच्चो से अलग हो जाता है पुत्र की प्राप्ति यह करवा देता है पढ़ाई लिखाई में इंसान तेज होताहै ऐसे इंसान को पेट के रोग भी होते है
छठवे भाव
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छठे भाव में ऐसे इंसान के दोस्त भी दुश्मन बन जाते है । उसके साथ विश्वास घात होता है और उसको अक्सर ठंडी चीज़ों से बीमारी जल्दी लगती है । समुन्दर का पानी उसको शूट नशि करता समुन्दर में ऐसे इंसान की मोत भी होती है अगर वरुण खराब हो ।
सातवें भाव
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सातवे भाव में पत्नी का चरित्र खराब करता है पत्नी में कोई न कोई दोष देता है । पत्नी के अलावा बाहर गलत सम्बन्ध देता है । ऐसे इंसान की शादी शुदा लाइफ अक्सर खराब होती है अगर यह पापी ग्रह के साथ हो ऐसे इंसान की पत्नी दुसरो के साथ भाग जाती है या सेक्स में रूचि लेती है । यह बातें आदमियों पर भी लागू होती है।
आठवें भाव
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आठवें हो तो आयु को बड़ा देता है इंसान को आभास शक्ति बहुत बढ़िया देता है । उसको सब कुछ पहले ही पता चल जाता है। वैराग्य देता है ऐसा इंसान परिवार से दूर होने की सोचता है तंत्र मंत्र में ऐसे इंसान की रूचि होती है अच्छा ज्योतिषी या तांत्रिक बनाता है ।
नवें भाव
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नव भाव में ऐसी विद्या देता है जिससे समाज में इसका नाम हो धर्मिक काम करता है । समाज में इज़्ज़त दिलवाता है । भाग्य इसका अच्छा होता है ।
दशम् भाव
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दशम भाव में मेहनती बनाता है ईमानदार जहा काम करे वहा भी इसका नाम हो जॉब या अपने काम में ऐसा इंसान अपना 100%देता है कामियाबी लेता है।
ग्यारहवें भाव
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इस भाव में धन संपत्ति आय बढ़ाता है । पर बहुत मेहनत के बाद इंसान लाभ ले पाता है । बड़े भाई के साथ इसके सम्बन्ध अच्छे होते है । अगर अशुभ प्रभाव हुआ तो फिर पैसो की तंगी करता है ।
बारहवें भाव
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यहाँ यह व्यय करवाता है । अच्छे कामो में पर ऐसा इंसान पैसो का इस्तेमाल खुद पर कभी नहीं कर पाता है और इसको विदेश यात्रा का भी योग बनता है ।
ज्योतिषविद् वरुण शास्त्री
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