रत्न एवं बीमारियों का समाधान

जय श्रीराम ।।

          रत्न एवं बीमारियों का समाधान
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 पेट की बीमारियां दूर करने में असरदार हैं ये रत्‍न  -
   
प्रकृति ने हमें उपहारस्‍वरूप कुछ ऐसे रत्‍न दिए हैं जिनके प्रयोग से हम कई रोग दूर कर सकते हैं। इसी क्रम में कुछ रत्‍न ऐसे भी हैं जिनके प्रयोग से पेट के विकार और गैस की समस्‍या को दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं ऐसे 8 रत्‍न, जो दूर कर सकते हैं पेट की बीमारियां…

 सोडालाइट-पेट में मरोड़ के लिए -
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सोडालाइट रत्‍न को धारण करने से आपको पेट में होने वाली मरोड़ की समस्‍या से निजात मिल सकती है। दर्द के स्‍थान पर सोडालाइट को रगड़ने से तुरंत आराम मिलता है।

 नीलम-जी मिचलाने की समस्‍या -
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यदि आपको जी मिचलाने की समस्‍या अक्‍सर रहती है और खाना अक्‍सर ठीक से हजम नहीं हो पाता है तो आपके लिए नीलम पहनना लाभकारी हो सकता है। नीलम की अंगूठी को पहनने के साथ-साथ यदि आप इसे नाभि के पास रखेंगे तो आपको भविष्‍य में पेट के विकार से मुक्ति मिल जाएगी।

फ्लोराइट- कब्‍ज की समस्‍या -
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अगर आपको लगातार कब्‍ज की समस्‍या बनी हुई है और खट्टी डकारें आती हैं तो फ्लोराइट आपका बेस्‍ट फ्रेंड साबित हो सकता है। चमकदार हरे रंग का यह रत्‍न पहनने से आपकी आंत में किसी प्रकार का संक्रमण नहीं होगा।

 सीने में जलन -
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यदि आपको भी सीने में जलन की समस्‍या अक्‍सर रहती है तो फ्लोराइट रत्‍न को आप लॉकेट में धारण करें कि यह आपके सीने को छुए। यह रत्‍न आपकी क्षमता को बढ़ाने के साथ ही पेट की चर्बी को कम करने में भी मददगार है। साइनस की समस्‍या से ग्रस्‍त लोग भी इस रत्‍न को धारण कर सकते हैं।

 सिट्रिन-पाचन को रखे दुरुस्‍त -
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सिट्रिन को पहनने से आपकी मेटाबॉलिज्‍म से संबंधित सारी समस्‍याएं दूर हो जाती हैं। यह शरीर से सभी दूषित पदार्थों को भी दूर करने में मददगार है। इतना ही नहीं यह आपकी किडनी में भी पथरी बनने से रोकता है और डायबीटीज से दूर रखता है। हो सके तो आप इस रत्‍न को ब्रासलेट में पहनें।

 सुलेमानी पत्‍थर-आंत के लिए -
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इसको धारण करने से आंत में सारी रुकावट खत्‍म हो जाती है और गैस की समस्‍या भी दूर होती है। इससे कोलन कैंसर की आशंका भी कम होती है। इसको आप नेकलेस के तौर पर पहनें तो अधिक फायदा होगा।

 मैलाकाइट- गैस्ट्रिक समस्‍या -
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मैलाकाइट को ब्रास्‍लेट में धारण करने से आपको एसिडिटी और अपच की समस्‍या से छुटकारा मिल सकता है। यदि पेट में दर्द हो रहा हो तो उस स्‍थान पर इसे रगड़ने से फौरी राहत मिलती है।

 पेरिडॉट- दूर करे अल्‍सर और उल्‍टी -
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ऐसे लोग जिन्‍हें अक्‍सर जी मिचलाने और उल्‍टी जैसा महसूस होता है, यह बीमार होने के सबसे पहले लक्षण होते हैं। पेरिडॉट को आप लॉकेट के तौर पर गले में धारण करें। इसकी सत‍ह का सीने से छूना अनिवार्य है। इसको धारण करने से अल्‍सर और उल्‍टी की समस्‍या दूर रहती है।

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