शिव जी की पूजा क्यों आवश्यक है??*
*💥🚩शिव जी की पूजा क्यों आवश्यक है??*
💢इसके क्या फायदे है चलिए जानने का प्रयास करते हैं कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसका क्या महत्व हैं।
💐 शिव पूजा कैसे और कितनी लाभ प्रद हैं। 💐☑️
नवग्रहों में चंद्रमा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि वो हमारे मन के कारक है या ये कहें की हमारी मन की स्थिति उन पर ही निर्भर करती हैं।
हमारी मनोस्थिति कैसी होगी ये कुंडली में चंद्रमा की स्थिति देख कर आसानी से जाना जा सकता हैं,
चंद्रमा जल💦 के कारक है। जितना भी जल पृत्वी पर हैं उस पर उन्ही का आधिपत्य हैं।
अब मनुष्य के शरीर में 70% जल होता है।
तो इनका महत्व हम इस तरह ही समझ सकते हैं। कि ये कितने महत्वपूर्ण है। हमारे लिए एक तरफ कुंडली के सारे ग्रह और एक तरफ अकेले चंद्रमा 👈
🚩☑️चंद्रमा का महत्व तो इतना हैं। की चंद्र राशि के आधार पर विवाह भी कर दिए जाते है हालांकि ये पूर्णतः सही विधि नही हैं। 💐
चंद्रमा नाजुकह_सॉफ्ट_प्लेनेट थोड़ा से पाप प्रभाव पड़ते ही पीड़ित हो जाते हैं , राहु,केतु यदि कुंडली में बैठ गए तो इन्हें ग्रहण लग जाता हैं, शनि साथ बैठ गए या शनि से दृष्ट हुए तो विषदोष बना गया और ये पीड़ित हो गए ,
अब हर किसी के पास कुंडली तो नही है कि वो देख सके या दिखा सके की चंद्रमा पीड़ित है या नही 🚩☑️ तो हम कुछ लक्षणों से जान सकते हैं की चंद्रमा पीड़ित है अथवा नही ,
💢क्या लक्षण है चंद्रमा के पीड़ित होने के-🚩
1⃣🚩मन में बेचैनी रहना क्योंकि चंद्रमा मन ही तो है एक जगह मन का लग ना पाना बैठे बैठे ख्याली पुलाब पकाना अत्यधिक काल्पनिक होना कर्म ना करके केवल
कल्पना करते रहना। 💢
2⃣🚩 पल में कुछ पल में कुछ बन जाना एक एक मिनट्स पर मूड बदलते रहना मूड स्विंगस ज्यादा होना
गुस्सा चीड़ चिड़ा पन रहना अपने कहे पर टिक ना पाना।
3⃣🚩 पागलपन होना मिर्गी बगैरा के दौरे पड़ना ये चंद्रमा से ही जुड़े हैं पागलखाने के पागलों की एक्टिविटी पूर्णिमा_अमावस्या को बढ़ जाती है ग्रहण काल में और ज्यादा ये बात वहां के डॉक्टर्स ने भी मानी हैं।
क्योकि उस दिन चंद्रमा का इफेक्ट बहुत ज्यादा होता है।
4⃣ खुद से फील करे यदि चंद्रमा पीड़ित होंगे तो पूर्णिमा और अमावस्या को मन की स्थिति खास कर रात में बहुत बुरी रहेगी बेचैनी होगी खास कर अमावस्या को
सही से नींद ना आना झगड़े झंझट भी रहेगे, उस दिन।
5⃣ डिप्रेसन भी यही देते है। रात को नींद ना आना नॉनस्टॉप ख्याल मन में घूमते रहना रोकना चाहो पर उन खयालो को रोक ना पाओ मन का घवराना हार्ट बीट का घटना बढ़ना, बिना कारण मासिक चक्र में भी समस्या रहना।
6⃣ अनजाना डर हमेसा लगा रहना मन में ही भृम बना लेना किसी भी चीज़ का जो हकीकत में ना हो पर उसकी कल्पना कर लेना।
7⃣🚩 चंद्रमा माँ के कारक ग्रह है यदि आपको जीवन में माँ का प्रेम साथ दुलार नही मिला तो १००% आपके चन
चंद्रमा और कुंडली का चतुर्थ भाव ठीक नही है।
8⃣🚩 पानी से डर लगना या ऊँचाई बगैरा से डर लगना यादाश्त का कमजोर होना।
💢🚩 उपाय जिनके द्वारा कुछ हद तक स्थिति को सुधारा जा सकता है...।🌻
चंद्रमा को जव श्राप लगा था तब उन्होंने शिव जी की आराधना की शिव आराधना से वो ठीक हुए शिव जी के मस्तक पर उनको स्थान प्राप्त हुआ वही वो सुशोभित हैं।
चंद्र जनित समस्याओं का निवारण केवल शिव भक्ति से काफी हद तक मिल जाता हैं,
शिव जी की भक्ति से चंद्रमा ठीक होते हैं। खराब फल मिलने ठीक हो जाते हैं। आपने देखा भी होगा
शिव जी के उपासक का मन शांत रहता है धीर गंभीर होते है वो लोग डर तो उन्हें मृत्यु का भी नही लगता है,
🚩💥शिव आराधना से डिप्रेसन को धीरे धीरे दूर किया जा सकता है जिनको ये समस्या हो वो शिव जी की पूजा जरूर किया करे।
🚩💥हर सोमवार को व्रत रहे और शिव जी का रुद्राभिषेक करें ये बहुत लाभ प्रद हैं।
💥🚩ॐ नमः शिवाय का जाप करें-
💥🚩समस्या अधिक होने पर महामृत्युमजय मंत्र का संकल्प के साथ जाप करे बड़ी से बड़ी समस्या ठीक होगी डिप्रेशन की समस्या हो या पागलपन की धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा।
💥🚩 मेडिटेशन करे उस से भी बहुत लाभ मिलता है।
💥🚩रात को चंद्रमा की रोशनी में कम से कम 5 मिनट्स तो बैठे ही ।
💥🚩 शिव जी के मंदिर जाए जल से अभिषेक करें बहुत लाभ होगा।
🔥🚩 धीरे धीरे डिप्रेशन नींद ना आना, गुस्सा आना चिड़चिड़ापन रहना पागलपन रहना यादाश्त कमजोर हो जाना ये सभी ।
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