राहु ग्रह के दुष्प्रभाव (भाग

राहु ग्रह के दुष्प्रभाव (भाग 2)
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भारतीय ज्योतिष अनुसार जल्दबाजी -उतावलापन और स्वार्थीपन का काम राहु जी महाराज की ही देन मानी गयी है।

राहु ग्रह के प्रभाव के कारण जातक जल्दबाजी और शॉर्टकट रास्ते अपनाने की आदत से मजबूर होता है इसलिए सट्टा जुआ/लाटरी और अचानक घटनाओं का कारक राहु को माना गया है मैंने अनुभव में देखा है कि जिसके कुण्डली में राहु का प्रभाव अधिक होता है वह हर काम में जल्दबाजी करता है जल्दबाजी में काम खराब ही होता है जैसे अगर बहुत तेज वाहन चलाओगे तो दुर्घटना भी अधिक होगी इसलिए सड़क के किनारे पर लिखा होता है कि दुर्घटना की अपेक्षा विलम्ब अच्छा है जो व्यक्ति बहुत जल्दबाजी करता है उसका परिणाम नुकसानदायक ही होता है राहु ऐसे व्यक्ति को सही के तरफ लगने नही देता है ऐसा शास्त्र में लिखा है कि जल्दबाजी का काम शैतान का होता है व्यक्ति बहुत ही जल्दबाजी करता है उसके अन्दर शैतान आ जाता है। आज लोग जल्दी कामयाबी लेने के लिए गैर कानूनी कार्य करके कमाने से सुख कम दुख अधिक प्राप्त होता है। गलत काम करने से ग्रह खराब हो जाते हैं और सुख से अधिक दुख देना शुरु कर देते है।

जिन्दगी में कामयाबी प्राप्त करने के लिए व्यवहारिक और यर्थाथवादी होना जरूरी है, जब तक आप व्यवहारिक और यर्थाथवादी नहीं बनेगे आप कामयाबी नहीं प्राप्त कर सकते हैं।

परमात्मा ने हर इन्सान के अन्दर सत, रज और तम तीनों का मिश्रण किया हुआ है और जब तक इन तीनों में समाजस्य बना रहता है तब ठीक रहता है और जब एक चीज़ अधिक बढ़ जाती है तब सामंजस्य समाप्त होने पर परेशानी पैदा हो जाती है आज कलयुग है इस कारण हर इन्सान जल्दी कामयाबी चाहता हैं और अपने बारे में अधिक सोचता है जिस भी तरह हो इन्सान का फायदा होना चाहिए और जब इन्सान खुदगर्जी पर आ जाता है फिर सिर्फ लाभ ही देखता है। किसी व्यक्ति के बारे में नहीं देखता कि उसका कितना नुकसान होगा या उस व्यक्ति के जीवन में क्या बीतेगा ? गुरू ग्रह सबका भला सबका परोपकार करता है वह किसी को दुख तकलीफ कष्ट नहीं देना चाहता है। भगवान भी उनकी मदद करते हैं। जो दूसरे के लिए परोपकार का काम भला काम करता है इसलिए इन्सान जितना खुदगर्ज स्वार्थी बनता जायेगा उसके कुण्डली में राहु बुरा प्रभाव डालकर उसको एक न एक दिन अवश्य बहुत परेशानी में डाल देगा। गौतम बुद्ध ने कहा है कि सारे दुख का कारण तृष्णा है जिसे ज्योतिष में राहु माना गया है। मतलब कुछ प्रतिशत में कम से कम रखना चाहिए और भगवान पर भरोसा करके अच्छा कर्म करना चाहिए।

शंका-भ्रम-आशंका नींद ना आना  
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राहु जातक के अन्दर बिना किसी कारण के शंका, भ्रम, वहम एवं आशंकाएँ पैदा करता है। इससे जातक सबसे अधिक अपना नुकसान करता है क्योंकि ऐसे जातक बिना मतलब के सब पर शंका करते है कि वह मेरे को देख रहा है वह मेरा यह खराब कर देगा वह मेरा यह बिगाड़ देगा। जब किसी से कोई थोड़ी-सी लड़ाई हो गई तब सारा दिन और रात उसी लड़ाई को सोच-सोच कर परेशान होता रहेगा। जिस कारण उसे नींद भी नहीं आयेगी। ज्योतिष शास्त्र में दिमाग का ग्रह बुध माना गया है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार जिसके कुण्डली में राहु अच्छा है उसका दिमाग अच्छा रहेगा। जिसका राहु खराब है वह बिना मतलब के नाकारात्मक सोचेगा और अपने दुख परेशानी का दोष दूसरे व्यक्ति पर लगायेगा और अपने अन्दर जो सुधार लाना चाहिए वह सुधार नहीं लायेगा। इस कारण समाज से अलग होता जायेगा ऐसा जातक व्यवहारिक नहीं होता है बल्कि कल्पनाशील और शंका से घिरा होगा। हमेशा यही सोचेगा कि कोई मेरे खाने पीन में कुछ मिला न दे या मेरा कोई बनाया काम खराब न कर दे इसी कारण रात को उसको मुश्किल से नींद आयेगी और अपने अन्दर बामारी पैदा कर लेगा इससे सिर में दर्द पेट में दर्द, दांत जल्दी खराब हो जायेगा। अगर यही जातक अच्छा सोचता तो उसे बीमार भी नहीं आती है और उसका पैसों का भी नुकसान नहीं होता। ऐसे इन्सान अपना दिमाग और शक्ति अच्छे कार्य में लगाना चाहिए। वह चिन्ता में और परेशानी में लगा देता है। जिस कारण उस का ब्लड प्रेशर भी ठीक नहीं रहता है और दिल की
बीमारी भी हो सकता है। हर इन्सान अपनी जिन्दगी में अच्छा-बुरा दोनों अपने हिसाब से सोचता है लेकिन उसके जीवन में होता वही है जो भगवान ने लिखा है जब होना वही है जो भगवान ने लिखा है फिर बिना मतलब सोच सोचकर क्यों परेशान तथा दुखी होते हैं। भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि है भगवान जो कुछ मेरे पास है यह आपका उभारा दिया हुआ है। इसलिए मुझे सद्बुद्धि देने की कृपा करें।
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