6th भाव के कारकत्व

6th भाव के कारकत्व
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■6th भाव से विजनेश या कॉम्प्टीशन में सफलता मिले गा  या नही ये बताता है

■6th भाव मजबूत स्थिति में है तो सफलता दिलाता है

■6th भाव कंमजोर स्थिति में हो तो विमारी देता है। 

■6th भाव दशम भाव से नववा भाव होता है जो कर्म भाव का त्रिकोण भाव होता है , जो कर्म का भाग्य भाव होता है।।

■6th भाव का कारकत्व आँख भी है , और आँखों से भी आहार लिया जाता है। 6th भाव कंमजोर हो तो दीर्धकालीन नेत्र रोग देता है।

■6th भाव बड़े बड़े राजयोग देता है।

■6th में क्रूर चन्द ,क्रूर ग्रह,व शनि , मङ्गल, ग्रह अच्छे फल देते है।■कर्म स्थान का विचार करने के लिए कर्म स्थान से (10H,2H,6H)अर्थात (त्रिकोण भाव 1,5,9)के बल को देखे,, 

■6H से जातक के छमता, संघर्ष और सफलता का विचार किया जाता है।। 6th भाव पर अशुभ ग्रहों का होना कॉम्पटीशन में सफलता होता है, और इन्ही स्थानो से ही नीच भंग और विपरीत राजयोग का भी निर्माण होता है।।
■6th और 11 th का exchange भौतिक रूप से बहुत अच्छा फल देते है।
■6th का मंगल (उच्च का ) बहुत अच्छा फल देते है।
■6th में स्वग्रही अच्छा फल देता है।
■6th में सूर्य अच्छा फल देता है।
■6th में बुध अच्छा फल देता है।
■6th में गुरु अच्छा फल देता है।
■6th में शनि अच्छा फल देता है।

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