11 वा घर और ज्योतिष

11  वा घर और ज्योतिष

कुंडली में 11वां घर लाभ मित्र दूर के संबंध और शिक्षा से होने वाले लाभ का व्यवसाय में होने वाले लाभों के बारे में बताता है काल पुरुष कुंडली में ग्यारहवें भाव का स्वामी शनि होता है और पांचवे भाव का स्वामी सूर्य होता है यही वह स्थिति होती है जहां पर सूर्य और शनि एक दूसरे से शत्रुता नहीं करते क्योंकि पांचवे घर से हम शिक्षा देखते हैं और 5 पांचवे घर से हम शिक्षा और 11 वा घर हम लाभ देखते हैं यानी कि हमें जो लाभ मिलना है दोस्त मिलने हैं वह कैसे होंगे हमारा व्यवसाय में तरक्की कैसी होगी यह सब चीजें हमें देखनी होती है जो कि पांचवा घर सूर्य का पक्का घर होता है और तो और इस घर में सूर्य कब अस्त नहीं होता क्योंकि यह घर पिता का कारक घर भी होता है और 11 वा घर उसी पिता के पुत्र शनि का होता है क्योंकि 11 घर में शनि का मित्र अगर राहु, केतु ,शुक्र,  बैठ जाएं किसी भी तरह से तो ऐसे जातकों को बहुत सारे लाभ होते हैं यहां पर मंगल भी बहुत अच्छा प्रभाव रहता है क्योंकि मंगल यहां से अपनी स्थिति को लगातार मजबूत करता रहता है उसका परम मित्र सूर्य उसको देख रहा होता है सूर्य के साथ कहीं ना कहीं संबंध बना रहा होता है क्योंकि यहां पर हम यह भी देखते कि हमारे मित्र कैसे होंगे हमारे मित्रों की स्थिति अच्छी होगी या खराब इस पर हमें ए कैंडल और देखना चाहिए और वह जगह होता है वह कौन होता है हमारा दूसरा भाव अर्थात हमारे पास संपत्ति कैसी है हमारा काम कैसा है मान लीजिए आप बहुत गरीब है तो आपके मित्र कभी अमीर नहीं हो सकते लेकिन हां अगर आप किसी अच्छी है या घर अच्छा है आप भले ही गरीब हैं दूसरा गृह तो भी 11 वा घर का गृह आपकी सहायता करके आपको समाज में कुछ स्थान दिला देता है हमें यह भी देखना होगा कि 11 भाव का स्वामी अगर कहीं भाव से बना रहा है तो हम जितना भी कमाएंगे खर्च करेंगे वह सारा पैसा बर्बाद हो जाएगा किसी न किसी वजह से या फिर उसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है । क्योंकि 12 घर हमारे खाता है तो दिखाता है मान के चलिए बहुत अच्छी है और वह देख रहा है जिसका स्वामी होते हैं इन दोनों ही एक दूसरे को देख रहे हैं और ग्यारहवें घर बैठा है तो यहां पर जातक की स्थिति ठीक-ठाक रहती है क्योंकि और एक दूसरे के मित्र हैं लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि 12 या सट्टा बाजी,  दुख , अलगाव और अल्प मृत्यु को भी दर्शाता है अगर ग्यारहवें खाने का समय 12 घर से संबंध बना रहा है और वह संबंध अच्छा हुआ तो इंसान की जिंदगी में दुख कुछ कम हो सकते हैं कठिनाइयों कुछ कम हो सकती हैं वह भी कुछ कम हो सकते हैं लेकिन अगर बारहवें भाव की महादशा ही चल रही हो तो कहानी उल्टी होती है इंसान हर तरफ से परेशान रहता है लेकिन 11 घंटे के बाद कर रहे हैं तो 11वीं थाने में बैठा स्वामी अगर 12वीं खाने के साथ संबंध बना रहा है तो निश्चित तौर पर 12वीं खाने के स्वामी की स्थिति ठीक-ठाक हो जाती है 11वीं खाने में या तो मंगल बैठा हो या फिर सूर्य बैठा हूं और बारहवीं खाने का स्वामी भी मित्र हो या चंद्रमा रही बात 11 की तो ज्ञानी हमें अपनी महादशा में अच्छे परिणाम देता ही देता है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कोई भी खराब है उसके लिए शनि ग्रह की स्थिति होनी जरूरी है खाने में खाने में है तो इंसान प्रेम संबंधों में भी पढ़ता रहता है और धोखा खाता रहता है क्योंकि घर में बैठा होता है तो संतान का लगातार भ्रमित होता रहता है क्योंकि खाने से देख रहा होता है इसलिए इंसान का भाग दो करवा देता है लेकिन 11 खाने के सामी की जब महादशा अंतर्दशा आती है पूरी तरह से लागू होता है ठीक होता है अन्यथा जीवन में उसे निराशा और हताशा की आस लगती है अगर कहीं गलती से खाना पीड़ित है तो इसलिए हमें खाने को देखना चाहिए तो मैं पांचवी खाने में बैठे हुए ग्रह में बैठे हुए ग्रह की स्थिति का विश्लेषण कर लेना चाहिए ।
11 वा घर के उपाय ।
1 बाबा नीमकरोरी और सिद्धि मां को प्रणाम करें ।
2 घर के मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करें या सुंदरकांड का पाठ करें 
3 हमेशा अपने धन का सदुपयोग करें और अच्छे मित्र बना कर रखें भले ही वह कम क्यों ना हो क्योंकि एक अच्छा मित्र सब मित्रों के बराबर होता है ।

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