कई प्रकार के शुभ-अशुभ योग

ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में कई प्रकार के शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। इन शुभ-अशुभ योगों में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव और भविष्य भी अलग-अलग ही होता है। इन योगों के आधार पर उस व्यक्ति के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है।

1. विष्कुम्भ योग (Vishkumbh Yoga)

ज्योतिष शास्त्र में विष्कुम्भ योग को अशुभ योग माना गया है, परंतु इस योग में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह बहुत ही भाग्यशाली और उत्तम गुणों वाला होता है। इस योग में जन्में व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है यानी ये आर्थिक रूप से सम्पन्न होते हैं। इन्हें इस योग के प्रभाव से हर प्रकार का सांसारिक सुख प्राप्त होता है। अपने व्यक्तित्व से ये लोगों को प्रभावित करते हैं जिससे इनकी मित्रता का दायरा काफी बड़ा होता है। ये काफी अक्लमंद और बुद्धिमान होते हैं। ये रूप और गुण से भरे होते हैं।

2. अतिगण्ड योग (Atigand Yoga)
ज्योतिष शास्त्र में अतिगण्ड योग अशुभ योगों में गिना जाता है। इस योग में जिनका जन्म होता है उनकी माता को कष्ट और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अतिगण्ड में जब गण्डान्त योग (Gandant Yoga) बनता है तो उस समय जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह व्यक्ति हत्या करने वाला भी हो सकता है।

3. शूल योग (Shool Yoga)
ज्योतिष शास्त्र कहता है कि जो व्यक्ति शूल योग में जन्म लेते हैं वे धार्मिक प्रवृति के होते हैं, ये शास्त्रों में रूचि रखते हैं और काफी ज्ञानी होते हैं। ये यज्ञादि कर्मों को करना जानते हैं और धन संग्रह करना भी इन्हें आता है। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी इनके जीवन में कष्ट और दु:ख लगा रहता है।

4. गण्ड योग (Gand Yoga)
जो व्यक्ति गण्ड योग में जन्म लेते हैं, उन्हें कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति का कद छोटा होता है और सर बड़ा होता है। ये शक्तिशाली होते हैं और भोग विलास में रत रहने वाले होते हैं। ये कुछ जिद्दी स्वभाव के होते हैं और अपनी बातों पर जमे रहते हैं।

5. व्याघात योग (Vyaghat Yoga)
इस योग में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह मनुष्य हर प्रकार के कार्य करने में निपुण होता है। ये काफी गुणवान होते हैं और समाज से इन्हें मान सम्मान मिलता है। ये अपने गुणों एवं कार्यों से दुनिया में विख्यात होते हैं।

6. हर्षण योग (Harshan Yoga)
हर्षण योग बहुत ही शुभ माना गया है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी भाग्यशाली कहा जाता है। जो व्यक्ति इस योग में जन्म लेते हैं वे अनेक विद्याओं के ज्ञाता होते हैं। इस योग में जन्मे लोग शास्त्रों में पारंगत होते हैं। ये अपने फैसले पर अडिग रहने वाले होते हैं।

7. वज्र योग (Vajra Yoga)
वज्र योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति वज्र के समान मजबूत और शक्तिशाली होता है। यह कई प्रकार की विद्याओं में निपुण होते हैं और अस्त्र-शस्त्र चलाने में पारंगत होते हैं। इन्हें आम तौर पर धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।

8. सिद्ध योग (Siddha Yoga)
इस योग में जन्में लोगों को जो भी काम मिलता है वे उस काम को पूरी लगन और होशियारी से पूरा कर पाने में सक्षम होते हैं। ये लोगों की सहायता करने हेतु सदैव तत्पर रहते हैं। इन्हें स्वास्थ्य को लेकर कुछ परेशानियों का सामना करना होता है और कुछ दु:ख उठाना पड़ता है।

9. व्यतिपात (Vyatipat Yoga)
जो व्यक्ति इस योग में जन्म लेता है वह बचपन में काफी परेशानी महसूस करता है। जैसे-जैसे ये लोग बड़े होते हैं अपने अनुभवों से दु:ख को सुख में बदल लेने में सक्षम होता है। युवावस्था आते आते ये सुखमय जीवन का आन्नद पाने लगते हैं और यशस्वी होते हैं।

10. वारीयन योग (variyan Yoga)
जिस व्यक्ति का जन्म वारीयन योग में होता है वह मनुष्य संगीत, नृत्य एवं कला के विभिन्न क्षेत्रों में रूचि रखता है अगर ये इन क्षेत्रों में प्रयास करें तो इन्हें बहुत जल्दी कामयाबी मिलती है।


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