लाल किताब में लिखित उपाय देखने और पड़ने में सरल और छोटे लगते हैं,
लाल किताब में लिखित उपाय देखने और पड़ने में सरल और छोटे लगते हैं,
लेकिन ये अत्यंत ही शीघ्र प्रभाव देने वाले होते हैं। नीचे दिए गए लाल किताब के इन 100 उपायों में से एकाधिक उपाय को भी श्रद्धापूर्वक कम से कम 43 से 100 दिन तक किये जाये तो आश्चर्यजनक रूप से चमत्कारी एवं लाभकारी परिणामों की प्राप्ति होती ह
नीचे दिए गए उपाय केवल जानकारी के लिए है इसमें से केवल एक या दो उपाय आपके लाल किताब की विद्वान से चर्चा करके अपनी कुंडली के अनुसार केवल उस उपाय को श्रद्धापूर्वक करें
लाल किताब में लिखित उपाय देखने और पड़ने में सरल और छोटे लगते हैं, लेकिन ये अत्यंत ही शीघ्र प्रभाव देने वाले होते हैं। नीचे दिए गए लाल किताब के इन 100 उपायों में से एकाधिक उपाय को भी श्रद्धापूर्वक कम से कम 60 दिन तक किये जाये तो आश्चर्यजनक रूप से चमत्कारी एवं लाभकारी परिणामों की प्राप्ति होती है।
1- किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने अथवा यात्रा पर निकलने से पूर्व थोड़ा गुड़ खाकर पानी पीयें।
2- घर में बड़ी बुजुर्ग महिलाओं (दादी माँ, चाची, बुआ आदि ) को समुचित सम्मान-सेवा द्वारा प्रसन्न रखें।
3- घर में गाय पालें और उसकी यथासंभव सेवा सुश्रुषा करें परन्तु वह गाय काले रंग की होनी चाहिए, सफ़ेद नहीं।
4- रात को सोते समय 5 कागजी बादाम को सिरहाने रखें और दूसरे दिन उन्हें ले जाकर देवमन्दिर में दान कर देवें।
5- घर में अगर गाय भैंस हो तो उसके दूध का उपयोग स्वयं करें या परिवार वाले करें। इस दूध का विक्रय किसी भी हालत में न करें।
6- गर्मी के दिनों में रास्ते पर पथिकों के लिए ठंडा जल पीने की व्यवस्था करें।
7- चांदी की दो ठोस गोलियों को अपने पास सदैव रखें।
8- तंदूर में सिकी रोटी में गुड मिलाकर पालतू कुत्तो को खिलाएं।
9- त्रिधातु (सोना+ चांदी+तांबा) से विधिपूर्वक निर्मित अभिमंत्रित पवित्री (दरिद्रता नाशक मुद्रिका )अपने दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में गुरुवार को धारण करें। यह मुद्रिका अदभुत चमत्कारी होती है।
10- चांदी की बिना जोड़ वाली अंगूठी तर्जनी उंगली में पहन कर रहें।
11- घर में तोता, मैना आदि को पालें या बाहर के पक्षियों को भी बुलाकर उन्हें खिलाएं पिलायें।
12- पन्ना या हीरा में से कोई एक रत्न अंगूठी में जड़वा कर धारण करें।
13- घर के किसी कोने में चांदी का एक चौकोर टुकड़ा गाड़ देवें।
14- अपने वेतन का एक निश्चित अंश पहले निकालकर तिजोरी, लॉकर या पर्स में रखें और उसे खर्च न करें।
15- प्रतिदिन स्नानादि से निवृत होकर नाभि में केसर का तिलक लगावें।
16- मंदिर में जाकर प्रतिदिन गर्भगृह या उसके परिसर में पोंछा लगाएं।
17- लाल रंग की 43 गुंजाओ को सोने के एक टुकड़े या किसी आभूषण के साथ पीले कपडे में बांधकर अपने घर में किसी पवित्र स्थान में रखें।
18- सांप को कभी ना मारे, बल्कि उसके बिल के पास जाकर, चांदी के कटोरे में दूध रखकर आवें।
19- सरसों का दीपक देवमन्दिर में जलाएं या उसकी व्यवस्था करें।
20- भोजन के पूर्व गौ ग्रास निकाल कर गाय, कौआ अथवा कुत्ते को खिलाएं।
21- गौशाला में जाकर गाय के गले में पीतल की घंटियां बांधे।
22- पत्नी के मस्तक पर स्वर्णाभूषण करवाएं।
23- प्रतिदिन घर के बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद ग्रहण करें।
24- रसोईघर के लिए उपयोगी लोहे की वस्तुओं (जैसे तवा , कढ़ाही , करछुल , छलनी आदि ) का अभावग्रस्त लोगों में दान करें।
25- कौओं और काले कुट्टन को मीठी रोटी खिलाएं।
26- किसी भी पशु-पक्षी का शिकार न करें।
27- स्नान करते समय थोड़ा दूध पहले मस्तक पर रखें।
28- आप स्वयं भी कोई न कोई स्वर्णाभूषण शरीर पर अवश्य धारण करें।
29- चार सौ ग्राम धनिया बहती नदी के जल में प्रवाहित करें।
30- घर-आँगन में हरे पौधों के गमले तथा तुलसी का पौधा अवश्य रखें।
32- एक लोटा गंगाजल से भरकर तथा उसके अंदर चांदी के दो सिक्के दाल कर बंद कर घर में रखें। (ढक्कन लगाकर)
33- रात को सोते समय सिरहाने एक गिलास में पानी भरकर रखें और सुबह उठकर बिना मुंह धोये उसे पी ले।
34- असली मूंगा रतन का एक टुकड़ा हमेशा ही सिरहाने तकिया के नीचे रखकर रात में सोये।
35- पैरों के दोनों अंगूठों में चांदी का छल्ला पहन कर रहें।
36- दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में सोने की अंगूठी धारण करें।
37- कान छिदवाकर उसमें सोने के कुण्डल धारण करें।
38- घर में कुत्ता पाले और उसकी सुख-सुविधाओं का ध्यान रखें।
39- काली चीटियों को चीनी मिश्रित आटा खिलाएं।
40- कभी किसी को धोखा देने की नीयत न रखें।
41- एक सुखा नारियल शनिवार को बहती नदी के जल में प्रवाहित करें।
42- कुंवारी कन्याओं की समय–समय पर पूजा किया करें और उन्हें दूध चावल, चांदी का दान देकर उनका आशीर्वाद लें।
43- हनुमान चालीसा या सुन्दरकाण्ड, रामायण का प्रतिदिन पाठ करें।
44- काला सुरमा खुली शीशी में रखकर किसी एकांत स्थान में जाकर जमीन में गाड़ दें।
45- प्रत्येक शनिवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर हनुमान जी की प्रतिमा को सिन्दूर का लेप लगाएं।
46- एक पैग शराब भैरों या काल भैरव के मंदिर में जाकर उन्हें अर्पित करें।
47- किसी कूप या तालाब में प्रति शनिवार को लगातार तांबे का एक सिक्का गिराएं। ध्यान रखें आपको कोई देखने न पाएं।
48- तीन अंधे व्यक्तियों को घर पर बुलाकर हर शनिवार को भरपेट खिचड़ी खिलाएं।
49- नारियल के ऊपर एक छेड़ बनाकर उसे तिल और चीनी से भर दें और एकांत स्थान पर जमीन के अंदर इस ढंग से गाड़ देवें की उसका ऊपर वाला छेड़ जमीन से कुछ ऊपर रहे वह ढकने न पावे।
50- प्रतिदिन काले कौओं को अपने भोजन में से ग्रास निकाल कर खाने को देवें।
51- नदी किनारे जाकर मछलियों को आते की गोलियां प्रति शनिवार को खिलावें।
52- प्रति शनिवार 250 ग्राम गाय का कच्चा दूध समीप के किसी कुँए या सरोवर में डालें। ध्यान रखें आपको ऐसा करते कोई देखे नहीं।
53- 108 मनके की मंत्रसिद्धि चैतन्य मूंगे की माला किसी शुभ नक्षत्र वाले मंगलवार को विधिपूर्वक धारण करें।
54- तांबे का कड़ा दाहिनी कलाई में धारण करें।
55- शहद और सिन्दूर का घोल बहती नदी के जल में प्रति मंगलवार को प्रवाहित करें।
56- किसी मंगलवार को एक छोटी शीशी में शहद भरकर एकांत स्थान में ले जाकर गाड़ दें।
57- प्रातः काल सूर्योदय के पूर्व उठकर प्रतिदिन थोड़ा शहद जीभ से चाटें।
58- श्वेत वस्तुओं (हाथी दांत, मोती, चांदी, स्फटिक, माला अथवा मंत्रसिद्ध चैतन्य स्फटिक श्रीयंत्र आदि) को अपने पास रखें।
59- घर में रखें अस्त्र-शास्त्रों में जग न लगने पावे, इसके लिए उसे समय-समय पर विशेष कर मंगलवार को उनकी अच्छी तरह सफाई करें।
60- तांबे की दो गोलियां बनाएं, उनमे से एक को किसी मंगलवार को बहती नदी में प्रवाहित कर दें और दूसरी हमेशा अपने पास रखें।
61- अपनी पत्नी को चांदी के बाले में लाल रंग का हकीक नाग जड़वा कर दोनों कलाइयों में धारण करवाएं।
62- चांदी का कड़ा बनवाकर उसमे ताम्बे की नौ कील लगवाएं और मंगलवार को उसे विधिपूर्वक दाहिने हाथ में पहने।
63- हनुमान जी के मंदिर में जाकर लाल रंग की मिठाई मंगलवार को अर्पित करें और प्रसाद बाँटें।
63- भोजन बन जाने के बाद चूल्हे की आग को बाहर निकालकर पानी के बजाय दूध से बुझावें।
64- घर में सदैव किसी ढक्कनदार पात्र में गंगाजल अवश्य रखें।
65- घर में आता पीसने की चक्की रखें और उसको प्रयग में लेवें।
66- चूल्हे पर चढ़े गर्म तवे पर ठन्डे जल का छींटा देने के बाद ही रोटी सकें।
67- लहसुनिया जड़ित अंगूठी मध्यमा अंगुली में धारण करें।
68- फिटकरी के दन्त मंजन का प्रयोग करें।
69- दूध से भरी बोतल मनोकामना सहित एकांत स्थान में जमीन में गाढ़ दें।
70- अपने आवास के सामने के गड्ढे को यथा शीघ्र पत्थर-मिटटी से भरवा दें।
71- पीपल के वृक्ष को प्रतिदिन जल मिश्रित दूध से सींचे।
72- दरवाजे पर लाल-पीले खुशबूदार फूलों के पौधे लगाएं।
73- घर में काम से काम घी का एक दीपक शाम क अवश्य जलावें।
74- अपने मकान की बाईं ओर बानी कोठरी को प्रकाश रहित कर दें।
75- नदी किनारे जाकर मछलियों को आते की गोलियां प्रति शनिवार को खिलावें।
76- नहाते समय किसी लकड़ी के पाते या चौकी पर बैठकर नहीं, जमीन पर या पक्के पर न बैठे।
77- प्रति शनिवार 250 ग्राम गाय का कच्चा दूध समीप के किसी कुँए या सरोवर में डालें। ध्यान रखें आपको ऐसा करते कोई देखे नहीं।
78- 108 मनके की मंत्रसिद्धि चैतन्य मूंगे की माला किसी शुभ नक्षत्र वाले मंगलवार को विधिपूर्वक धारण करें।
79- तांबे का कड़ा दाहिनी कलाई में धारण करें।
80- शहद और सिन्दूर का घोल बहती नदी के जल में प्रति मंगलवार को प्रवाहित करें।
81- किसी मंगलवार को एक छोटी शीशी में शहद भरकर एकांत स्थान में ले जाकर गाड़ दें।
82- प्रातः काल सूर्योदय के पूर्व उठकर प्रतिदिन थोड़ा शहद जीभ से चाटें।
83- श्वेत वस्तुओं (हाथी दांत, मोती, चांदी, स्फटिक, माला अथवा मंत्रसिद्ध चैतन्य स्फटिक श्रीयंत्र आदि) को अपने पास रखें।
84- घर में रखें अस्त्र-शास्त्रों में जग न लगने पावे, इसके लिए उसे समय-समय पर विशेष कर मंगलवार को उनकी अच्छी तरह सफाई करें।
85- तांबे की दो गोलियां बनाएं, उनमे से एक को किसी मंगलवार को बहती नदी में प्रवाहित कर दें और दूसरी हमेशा अपने पास रखें।
86- अपनी पत्नी को चांदी के बाले में लाल रंग का हकीक नाग जड़वा कर दोनों कलाइयों में धारण करवाएं।
87- चांदी का कड़ा बनवाकर उसमे ताम्बे की नौ कील लगवाएं और मंगलवार क उसे विधिपूर्वक दाहिने हाथ में पहने।
88- हनुमान जी के मंदिर में जाकर लाल रंग की मिठाई मंगलवार क अर्पित करें और प्रसाद बाँटें।
89- भोजन बन जाने के बाद चूल्हे की आग को बाहर निकालकर पानी के बजाय दूध से बुझावें।
90- घर में सदैव किसी ढक्कनदार पात्र में गंगाजल अवश्य रखें।
91- घर में आता पीसने की चक्की रखें और उसको प्रयोग में लेवें।
92- चूल्हे पर चढ़े गर्म तवे पर ठन्डे जल का छींटा देने के बाद ही रोटी सकें।
93- लहसुनिया जड़ित अंगूठी मध्यमा अंगुली में धारण करें।
94- फिटकरी के दन्त मंजन का प्रयोग करें।
95- दूध से भरी बोतल मनोकामना सहित एकांत स्थान में जमीन में गाढ़ दें।
96- अपने आवास के सामने के गड्ढे को यथा शीघ्र पत्थर-मिटटी से भरवा दें।
97- पीपल के वृक्ष को प्रतिदिन जल मिश्रित दूध से सींचे।
98- दरवाजे पर लाल-पीले खुशबूदार फूलों के पौधे लगाएं।
99- घर में काम से काम घी का एक दीपक शाम क अवश्य जलावें।
100- अपने मकान की बाईं ओर बानी कोठरी को प्रकाश रहित कर दें।
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