जिसने चोंच दी है वो दाना भी देगा

जिसने चोंच दी है वो दाना भी देगा
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कुछ दिनों से मेरे साथ तीन अजीब घटनाएँ घटित हुईं। जिन्हें कुंडली विश्लेषण करवाना होता है वह व्यक्ति व्हॉटस् एप नम्बर पर मैसेज़ करके शुल्क की जानकारी लेते है और शुल्क विवरण जानने बाद जो टिप्पणी करते है-

१. किसी के पास इतना पैसा होता तो आपके पास क्यों आता? 
२. शुल्क बहुत ज़्यादा है कम करे ऐसे तो कौन आएगा आपके पास। 
३. अग़र आप कुछ बता सकती है तो शुल्क दें बहुत ज़्यादा है। क्या है कुछ बता देती तो तलाशी हो जाती। 

लगातार तीन दिन से यह घटनाएं घटी तब मैने कल एक पोस्ट करी थी कि हम संकुचित सोच के कारण ठगे जाते है। 

१. क्या आप तनिष्क जूलरी शॉप पर जाते है तो उनको कहते है बहुत ज़्यादा रेट है? आप यदि तनिष्क की जूलरी नही खरीद सकते जो कि हालमार्क्ड है तो किसने रोका है नुक्कड़ पर आपके शहर में और भी होगें जूलरी शॉप वालें आप अपनी पॉकेट के अनुसार वहाँ से ले। तनिष्क की शॉप बंद नही होगी इसकी आप चिंता न करें। 
२. शुल्क कितना लेना है यह मेरा निजी निर्णय है जैसे तनिष्क की मेकिंग चार्ज आदि डिसाइड करना उसके अधिकार में है। आप सुझाव न दे। और जिसकों समझ होगी कि यहाँ चौबीस कैरेट का ज्ञान है तो वो अपनी क्षमता अनुसार खरीदेगा। क्योकि जिस ईश्वर ने चोंच दी है वह दाना भी देगा। अतः मेरे पास परामर्श को कौन आयेगा कि चिंता न करें। मै आपको कहती हूँ कि आपकी असभ्यता के कारण आप मेरे शुल्क से दुगना शुल्क भी देंगे तो मैं परामर्श नही दुँगी। 😊

३. क्या कोई जूलरी शॉप वाले के पास जाकर आप कहते है कि भाई थोड़ा सा सोना दे दो यदि खरा निकला तो खरीदूंगा?? याद रखें सरस्वती की जो निंदा करेंगें तो लक्ष्मी आपके कभी नही आएगी। सरस्वती यानि ज्ञान आपके शु़ल्क से बढ़ा है। इसी ज्ञान के माध्यम से आप उपाय जानने आते है कि हम लखपति कैसे बने या करोड़पति कैसे बनें या मकान कैसे खरीदें। 

४. सभी को आर्थिक समस्याएं ही नही होती है, सबके जीवन मे कुछ अभाव है वो उस अभाव को पूरा करना चाहते है। कोई मुझसे मोक्ष प्राप्ति कैसे होगी इसका भी परामर्श लेते हैं। अतः सबको अपने जैसा न समझें। सबकी आवश्यकताएं भिन्न है समस्याएँ भिन्न है। आप चिंता न करें जिसके पास पैसा होगा लेकिन संतान नही वो उसका परामर्श लेगा। जिसके पास पैसा है लेकिन स्वास्थ्य नही वो उससे संबंधित परामर्श लेगा। आप मेरी चिंता छोड़ दें। 😊

०याद रखें यदि आप सक्षम नही है तो  बिना वजह के कुतर्क करके न जाए। अन्यथा मेरा स्वभाव इतना स्वाभिमानी है कि आप कभी मुझे मेरे शुल्क का  सौ गुना भी देंगें तो परामर्श नही दुँगी। मैने आपसे कोई ज़बरदस्ती नही करी कि आप मुझसे ही परामर्श लें। आपकी शालीनता के कारण मेरे परामर्श के लिये द्वार खुले रहेगें वर्ना आने वाले समय में आप स्वयं को दस जगह ठगा कर आएगें और मेरा द्वार बंद मिलेगा। 

मेरे साथ यह तीन घटनाएं एक ही ग्रुप के सदस्यों ने करी। मुझे प्रसन्नता है कि यह असभ्य व्यवहार मेरे ग्रुप से नही किया गया। लेकिन यह जानकारी सबको होना आवश्यक है अतः यह लेख लिखना आवश्यक हो गया है। 

आपका शालीन व्यवहार मै चाहती हूँ कि आप मेरे साथ ही नही वरन् समस्त ज्योतिष जगत के साथ करें। सरस्वती को सम्मान नही देगें तो लक्ष्मी प्रसन्न नहीं होगी। सब विद्वान अपनी अपनी क्षमता के अनुसार अपना शुल्क निर्धारित करते है। यह आप पर निर्भर है कि आप उनसे परामर्श ले या न ले। 

“सेल पथर में जंत उपजाए
ताका रिज़क आगे कर धरिया॥

अर्थात् पड़ाड़ों चट्टानों में भी ईश्वर ने जीव जंतु की उत्पत्ति करी है और उन सबके रिज़क यानि भोजन की व्यवस्था भी पहले से कर रखी है

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