कुंभ लग्न में धन योग
कुंभ लग्न में धन योग
शुभ युति :- शुक्र + शनि
अशुभ युति :- शनि + चन्द्र
राजयोग कारक :- शुक्र व मंगल
1.कुंभ लग्न में शुक्र वृष, तुला या मीन राशि का हो तो जातक को अल्प प्रयत्न से अधिक धन की प्राप्ति होती है | ऐसा जातक धन के मामले में भाग्यशाली होता है |
2.कुंभ लग्न में बृहस्पति धनु, मीन या कर्क राशि में हो तो जातक बहुत धनपति होता है | भाग्यलक्ष्मी हमेशा उसका पीछा नहीं छोड़ती |
3.कुंभ लग्न में बृहस्पति शुक्र के घर में तथा शुक्र बृहस्पति के घर में परस्पर स्थान परिवर्तन योग करके बैठे हो तो व्यक्ति महाभाग्यशाली होता है | ऐसा व्यक्ति जीवन में खूब धन कमाता है |
4.कुंभ लग्न में बृहस्पति यदि मंगल के घर में एवं मंगल बृहस्पति के घर में स्थान परिवर्तन योग कर के बैठे हो तो जातक धन के मामले में बहुत भाग्यशाली होता है एवं धनवानो में अग्रगण्य होता है |
5.कुंभ लग्न में पंचम भाव में बुध हो, गुरु धनु राशि का लाभ स्थान में चंद्रमा या मंगल के साथ हो तो “महालक्ष्मी योग” बनता है | ऐसे जातक के पास अकूत लक्ष्मी होती है | वह अपने शत्रुओं को परास्त करते हुए अखंड राज्यलक्ष्मी को भोगता है |
6.कुंभ लग्न में मंगल यदि केंद्र-त्रिकोण में हो तथा गुरु स्वगृही हो तो जातक कीचड़ में कमल की तरह खिलता है, अर्थात निम्न परिवार में जन्म लेकर भी वह धीरे-धीरे अपने पुरुषार्थ के बल पर करोड़पति बन जाता है |
7.कुंभ लग्न में यदि शनि, मंगल एवं गुरु युति लग्न में हो तो” महालक्ष्मी योग” बनता है | ऐसा जातक प्रबल पराक्रमी, अतिधनवान एवं प्रतापी होता है |
8.कुंभ लग्न में शनि धनु राशि में हो तथा लाभेश गुरु लग्न में हो तो जातक शत्रुओं का नाश करते हुए स्वअर्जित धन लक्ष्मी को भोगता है | ऐसे व्यक्ति के जीवन में अचानक धनलाभ होता है |
9.कुंभ लग्न में लग्नेश शनि, धनेश बृहस्पति एवं भाग्येश शुक्र अपनी-अपनी उच्च या स्वराशि में हो तो जातक करोड़पति होता है |
10.कुंभ लग्न में धनेश बृहस्पति आठवें स्थान पर हो तथा सूर्य लग्न को देखता हो तो जातक को धरती में गड़ा हुआ धन मिलता है या लाटरी से रुपया मिल सकता है |
11.कुंभ लग्न में मंगल यदि दशम भाव में वृश्चिक का हो तो “रूचक योग” बनता है | ऐसा जातक राजा तुल्य ऐश्वर्य भोगता है |
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