श्रवण नक्षत्र



श्रवण  नक्षत्र में व्यक्ति श्रीमान् , धनवान व विद्वान् होता है । इन लोगों की  वाक् शक्ति अच्छी होती है । ये लोग अपने कार्य क्षेत्र में प्रसिद्ध होते हैं । जीवन में अच्छा धन कमाते हैं । ( बराह )
 ये स्वयं भी उदार होते हैं । अर्थात् विनम्र और दूसरों के काम आने वाले होते हैं । इनकी पत्नी  भी उदार व खुले दिल वाली होती हैं । धार्मिक कार्यों में श्रम , समय व धन देते हैं । काव्यात्मक बातें . पौराणिक आख्यान सुनने में इन्हें आनन्द मिलता है । ( नारद )
 श्रवण नक्षत्र में उत्पन्न व्यक्तियों में कविता शक्ति भी होती है । साधारणत : ये लोग धनी व विद्वान् होते हैं । इन्हें पौराणिक कथाएं सुनने का शौक भी होता है । साधारणत : ये लोग किसी व्यक्ति से प्रभावित नहीं होते  हैं , लेकिन गुणों को परखकर ये गुणी जनों के भक्त हो जाते हैं । इसीलिए कहीं पर श्रुतिवान् कहा गया है तो कहीं पर शास्त्रानुरक्त बताया गया है । पराशर के मत से ये लोग अपनी जाति बिरादरी में अच्छी उन्नति करते हैं । दान देने में इनकी अभिरुचि देखी गई है तथा ये उदार मन वाले , चतुर ये लोग व कार्यकुशल होते हैं । इनका सामान्य स्वास्थ्य साधारणतया मध्यम रहता है । वृद्धता के चिह्न अपने शरीर में शीघ्र धारण कर लेते हैं । इनसे इनके शत्रु भयभीत होते हैं । ( पराशर ) 

श्रवण - चंचल स्वभाव वाला , मातृ - पितृभक्त , अभिमानी , जल - सम्बन्धी कार्यों में रुचि रखने वाला , सोच - विचारकर कार्य करने वाला , मित्र - विरोधी , खाने - पीने की वस्तुओं का शौक़ रखने वाला , अस्वस्थ , व्यापार एवं क्रय - विक्रय से लाभ उठाने वाला , भूमि - कार्यों में निपुण , धनवान् एवं धार्मिक कार्यों में उत्साह रखने वाला । 
 👉  प्रथम चरण में लाली युक्त आँखें , गोल जैसी आँखें , बड़ा ललाट , बड़ी भुजाएँ , पतला शरीर , छितरे बाल , विरल दाँत वाला , ठहर - ठहर कर बोलने वाला या कम बोलने वाला होता है । 
👉द्वितीय चरण में फूले गाल , फूलो कोख , फूला सा नाक सीधी नाक की हड्डी , भोग प्रेमी , साँवला , गोल भुजाएँ . काम शुरू करके पीछे न हटने वाला होता है । 
👉 तृतीय चरण में चमकीली शरीर कान्ति , सुन्दर वेशभूषा वाला , कामोपभोग में रत , कम चौड़े दाँतों वाला , सटे दाँत , सुन्दर वक्ता , आँख के नीचे वाली हड्डी में थोड़ा उभार , बड़ा चौड़ा माथा होता है ।
👉 चतुर्थ चरण में साँवला रंग , आलसी स्वभाव , सुन्दर वक्ता , धुंघराले बाल , बड़ा शरीर , कठोर स्वभाव , कोमल हथेली व तलुवों वाला , बुद्धिमान् , चरित्रवान् होता है । 
            ♦️ कारकत्व
 चालाकी , ठगी , भगवान की भक्ति , सलाहकारी , दवा , बस्तियाँ बनवाना , विशेषज्ञ , अध्यापक , कानों की चिकित्सा , कथा वाचन , प्राफेसर , वेद अध्यापन , शास्त्रों का अर्थ जानना , धार्मिक कार्य

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💢 यह एक सामान्य जानकारी है कोई आवश्यक नहीं है कि आपके जीवन से सभी बातें मिलान करें ।
 कुंडली में विराजम ग्रहों के अनुसार फलादेश में परिवर्तन होता है ।

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