एक सफल राज नेताओ के कुंडली मे 6th का योगदान

एक सफल राज नेताओ के कुंडली मे 6th का योगदान

■ छठे भाव का स्वामी शक्तिशाली होने पर जातक अपने शत्रुओं का नाश कर देगा।  

■ यदि छठे भाव का स्वामी लग्न में हो तो जातक अपने शत्रुओं का नाश कर सकता है।

 ■यदि छठे भाव के स्वामी की शुभ दृष्टि अधिक हो तो जातक अपने शत्रुओं को दूर भगा सकता है।

6 th भाव का मूल्यांकन के लिए कारक 
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1. लग्न से छठे भाव का स्वामी  का स्थान - केंद्र/त्रिकोण/ उच्च का हो ।

 2. दसवें भाव से छठे भाव का स्वामी का  स्थान - केंद्र/त्रिकोण या  उच्च में हो

3. छठे का स्वामी मजबूत स्थिति में हो । 
4. छठे के स्वामी लाभ स्थान पर हो ।
कुछ प्राधान मंत्रियों के कुंडली मे 6th की स्थिति
1.जवारलाल नेहरू जी की कुंडली मे  षष्ठेश स्वग्रही है ।। जो उनको पद के लिए विजयी बनाया।
2.इंदिरा जी के कुंडली मे 6/11 भाव मे exchange हो रहा है जो एक बहुत अच्छा राजयोग है जो उन्हें विजय श्री बनाया।
3.राजीव जी के कुंडली मे षष्ठेश अपने भाव को देख रहा है और 6th भाव के स्वामी विपरीत राजयोग बना रहे है। जो भारतीय इतिहाश में अपार विजय दिलाया जहाँ प्रतिपक्ष का पता भी नही था।।
4.मनमोहन जी के कुंडली मे भी षषस्टेश विपरीत राजयोग बना रहा है ।। 
5.मोदी जी के कुंडली मे भी षष्ठेश लग्न में अपने ही राशि मे है जो इनको अपर सफलता दिलाया।

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