चन्द्र शनि
ॐ गं गणपतये नमः
🙇🙇
चन्द्र शनि का सम्बंध जानिए कैसे जीवन को उथल पुथल करता है।।
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जब भी चन्द्र शनि के सम्पर्क में आता है तो जातक वहमी शक्की मिजाज हो जाता है।।
रातों की नींद छीन लेता है शनि और चन्द्र देव का आपसी सम्बन्ध ।।
चन्द्र जोकि सौम्यता का प्रतीक है ।।
चन्द्र ही तो हमारा मन है ।।
चन्द्र ही माता है जिन बच्चों की माँ बचपन मे ही छोड़कर चली जाए समझ जाएं उनका चन्द्र पीड़ित है।।
चन्द्र मंगल की वृश्चिक राशि मे नीचत्व महसूस करते हैं।।
जब चन्द्र मंगल शनि के सम्पर्क में किसी भी प्रकार से आये तब जातक कितनी कड़वी बात बोलता है दूसरे के मनोस्थिति को जाने बिना की उसकी बातों का उसपर कितना गहरा प्रभाव होगा सोचता तक नही उसे सिर्फ अपनी बात ही बड़ी रखनी है वो ही एक सत्यवादी होता है बाकी सब झूठे।।
शनि देव के चित्र को ध्यान पूर्वक देखिए धुंए के छल्ले बने हुए हैं ।।
धुंआ क्या है राहु जब चन्द्र शनि के प्रभाव में आता है तो जातक भृम की स्तिथि में होता है।।जब पूर्ण शनि के प्रभाव में चन्द्र देव आते हैं तो भंयकर मन को प्रताड़ित करते हैं।।
जीवन की हर खुसी और दुख का उपभोग हमारे मन पर निर्भर करता है।।
जब मन दुखी हो कितनी भी बड़ी खुसी हो उसका कोई औचित्य नही।।
आत्महत्या की प्रवर्ति भी चन्द्र शनि के कारण ही आती है।।
अत्यधिक भावुक भी ये ही सम्बंध बनाता है क्योंकि ज्यादा इमोशनल इंसान जीवन मे 2 बार तो मरने की कोशिश करता ही है।।बस उनके गुरु पर भी केतु का प्रभाव हो साथ ही साथ चन्द्र शनि का आपसी सम्बंध और चन्द्र पर मंगल और केतु का प्रभाव आ जाए तो कन्फर्म कोशिस करता है।।
आज की दुनिया भावनाओ की कद्र नही करती। ये जान लीजिए आप लोग ।।
सुखी दाम्पत्य में भी ये सम्बंध किस हद तक घातक है वो भी बताता हूं ।।
क्योंकि ये सब मेने झेला है ये मेरा अनुभव है किताबी ज्ञान नही है ।।
इसी शक की वजह से मैने ज्योतिष सीखी ।।
जब हम किसी पर शक करने लगे तो दूसरा चाहे कितना भी सत्य बोल रहा है उसपर यकीन नही होगा ।।
बस उसपर शक करके उसपर मन ही मन बनी उसकी छवि के अनुसार उसको बाते बोल बोलकर दूर कर देते हैं।।
जब एक दम्पत्ति में शक की स्तिथि बन जाये तब वो रिश्ता चल नही पाता ।।
इसका कारण भी चन्द्र शनि ही है ।।
ज्योतिष में इस सम्बंध को विष दोष बोला जाता है जीवन मे विष के सामान ही कार्य भी करता है ये सम्बंध।।
इंसान को गहरी सोच भी यही सम्बंध प्रदान करता है।।
फेफड़ों को दिक्क्क्त देता है ठंड बर्दास्त नही होती,
जब तक जातक का मन खुश न हो वो किसी भी कार्य मे सफलता नही प्राप्त कर सकता वो अपनी उलझनों में उलझ कर रह जाता है।।
चन्द्र जब शनि के प्रभाव में इंसान को वाणी को बड़े ही संयम तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।।
जब चन्द्र शनि का सम्बंध बनता है तो जातक की संतान का मंगल और गुरु भी डिस्टर्ब होते हैं।।
जब मंगल गुरु डिस्टर्ब हुए तो केतू और शुक्र भी डिस्टर्ब हो जाते है ।।
केतु कलह का कारक बन जाता है और शुक्र डिस्टर्ब हुआ तो जीवन की रोजमर्रा की ज़िंदगी मे चुनोतियाँ आ जाती है।।
चन्द्र शनि का जिनकी भी कुंडली मे सम्बंध है वो सबसे पहले शक की दुनिया से बाहर आये नही तो वो हर रिश्ते को खो देते हैं जिनको वो चाहता है।।
आप अगर दूसरे को खुसी नही दे सकते तो वाणी के तीर से किसी को दुखी भी मत कीजिये ।।
जैसे इंसान बोता है वही पाता है ।।
चन्द्र की सौम्यता और शनि का प्रभाव इंसान की रातों की नींद हराम कर देता है।।
ऐसे जातक को रात को भूल कर भी दूध नही पीना चाहिए।।
इन लोगो के पैर भी अक्सर ठंडे रहते हैं गर्मियों में तलवों में पसीना आता है।।
चन्द्र शनि माता को भी छाती सम्बंधित रोग देता है।।
घर से दूर कर देता है ऐसा जातक घर से दूर उन्नति हासिल करता है।।
💁 आपकी राशि या लग्न कोई भी हो....
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मंदिर के किसी पात्र में थोड़ा सा गंगाजल एवं, चुटकी भर नमक, तीन तुलसी के पत्ते डालकर, लगभग आधे घंटे तक छोड़ दें, तत्पश्चात अपने इष्ट का नाम लेते हुए, उत्तर पूरब की दिशा की ओर, देखते हुए धारण करें !
शत प्रतिशत सकरात्मक परिणाम मिलेगें !
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मोर पंख पास में रखे ।।
गन्ने का रस, दही ,हरि दूर्वा गंगाजल से सोमवार शनिवार को महामृत्युंजय मंत्र जपते हुए अभिषेक करें।।
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रिद्धि सिद्धि दाता की जय
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