धन देने वाले योग।

धन देने वाले योग।।


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1】अचानक धन लाभ(3,6,5,10,11)जब सम्बन्ध बने तो अचानक धन लाभ होगा।
2】राहु जब(3,6,10,11)धन लाभ देता है और गुरु कारक ग्रह  पोजीशन अच्छा होतो धन देता है।

A) 3rd भाव ◆Short cut के माध्यम से धन लाभ देता है।

B) राहु ग्रह -सपने दिखता है जो अचानक अपने फल देता है।

C) 6th भाव -- प्लान बनाता है, हार्ड वर्क करता है

D) 10th भाव -सम्मान देता है, कर्म में विश्वास रखता है

E) 11th भाव- कर्म का फल देता है लाभ स्थान है लाभ देता है

💐 वे 7 नक्षत्र जिसमे राहु बना देता है धन देता है।
【राहु जब इन 7 नक्षत्रों में होतो अकूत धन देता है】
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💐 विशाखा नक्षत्र★ इसके स्वामी गुरु होता है जातक अकेले बैठ कर प्लान कार्रत है, जो सब से अलग करता है और सफल होता है.

💐रोहाणी नक्षत्र★ये विषभ राशि मे और रोहाणी नक्षत्र (शुक+चंद्र)luxry life और धन देता है।

💐भरनी नक्षत्र★ भरनी के स्वामी शुक और राशि के स्वामी मंगल (शुक्र+मंगल) अधिक ऊर्जा मेहनती बनाता है जो धन के पीछे दीवाना हो जाता है और सफल होता है।

💐हस्त नक्षत्र★राशि स्वामी शुक और नक्षत्र स्वामी चंद्र जो (शुक्र+चंद) लक्ष्मी योग बनता है

💐स्वाति नक्षत्र ★राशि स्वामी बुध और नक्षत्र स्वामी राहू (राहू+बुध) अकूत समापत्ति देता है ब्यापारी होता है

💐आर्द्रा★एक विशाल तारा जो सूर्य चंद्र पृथ्वी सब समा सकते है,इनको धन का भूख रहता है  राशि स्वामी बुध और नक्षत्र स्वामी राहु(राहु+बुध) अकूत धन देता है।।

💐शतभिषा★नक्षत्र स्वामी राहु और राशि स्वामि शनि (राहु+शनि)अधक परिश्रमी बनाता है षड़यंत्र करी अलग सोचने बाला भीड़ में सब से अलग होता है, जो धन पति बना देता है।

👍धनयोग
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A)2,5,9,11 भाव पति के आपश में सम्बन्ध हो 

B)11 और 2 में सम्बन्ध

C)5 और 9 में सम्बन्ध 

D)9 और 11 में सम्बन्ध

E)2 और 11 में सम्बन्ध 

👍 यदि 5th में शुक हो और मंगल लाभ में हो तो धन देता है

👍कन्या या मिथुन राशि 5th में हो और 11th में
 मंगल,गुरु,चंद्र होतो अकूत धन आता है।

👍यदि 5th भाव मे सिंह राशि हो और 11 में शनि,चंद्र, गुरु होतो करोड़ पति होता है।

👍5th में शनि हो और 11th में सूर्य चद्र होतो धन योग बनता है।
👍गुरु पंचम में हो और 11 th में बुध होतो धन योग

👍मंगल की राशि(1,8) पंचम में और मंगल वही पर हो और शुक्र 11 th में होतो अधिक धन योग बनता है।

👍 2nd भाव मे चद्र गुरु शुक गुरु में से कोई दो ग्रह होतो धन योग बनता है।

👍महाधन योग-दशमेश एवं एकादशेश की युति दसवें भाव में हो तो यह योग होता है। यदि यह योग कुंडली में हो तो जातक योगकारक ग्रहों की दशान्तर्दशा में धन एवं सभी भौतिक सुख साधनों को पाता है।

👍धनमालिका योग-दूसरे भाव से लगातर सूर्यादि सातों ग्रह सातों राशि में स्थित हों तो यह योग होता है। यह योग जातक को धनी बनाता है।

👍अति धनलाभ योग-लग्नेश दूसरे स्थित हो, धनेश ग्याहरवें स्थित हो और एकादशेश लग्न में स्थित हो तो जातक कम प्रयासों में आसानी से बहुत धन अर्जित करता है।

💐 इंदु लग्न से धन का विचार
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1】 इंदु लग्न में शुक्र, गुरु, शुभ चद्र, शुभ बुध हो तो अधिक धनयोग होता है
2】इंदु लग्न में उच्च के क्रूर ग्रह (शनि,सूर्य,मंगल)का स्थिति होना कोटस्वर योग बनता है।।
3】वह सभी ग्रह जो इंदु लग्न में होते है अपने दशा में धन देते है।
4】इंदु लग्न में लग्न, द्वितीय, पंचम, एकादश में सम्बन्ध धन योग बनता है।
5】मंगल चंद योग इंदु लग्न में होतो अकूत धन देता है
6】लग्नेश और चतुर्थे (1 एंड 4)में राशि परिवर्तन होती जातक धनवान होता है।।

💐होरा कुंडली【D2】 वर्गकुण्डली
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1】सूर्य की होरा में ★सूर्य मंगल गुरु होतो धन योग बनता है
2】चंद्र शुक शनि ★पैसे पानी की तरह आता है।।

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