लग्न में केतु

लग्न में केतु
(KETU in 1st House)

लग्न में किन ग्रहों का असर पहले से विद्यमान रहता है..

° लग्न स्वामी... मंगल(क्योंकि लग्न आपका शरीर है और शरीर का कारक मंगल है)

° कारक ग्रह...  सूर्य (सूर्य अर्थात् आत्मा जो शरीर यानी मंगल में वास करती है यह भी लग्न में बैठती है)

Energic Equation==> 1st H = Mars+ Sun

If Ketu is in 1st house= KETU x(मंगल+ सूर्य)

==> (केतु x मंगल)+ (केतु x सूर्य)

अब सबसे पहले ये देखना आवश्यक है कि केतु पॉजिटिव मोड में सेट है गुरु द्वारा या नही (पिछली पोस्ट में यह समझाया जा चुका है)

*केतु इन पॉजिटिव मोड__
i) अपने धर्म का पक्का होगा, अपनी पहचान का ध्वज गिरने न देगा, अपने खानदान का नाम रोशन करने वाला, विनम्र पर बहादुर, यात्रा करने का शौकीन, अपने गुरु/ मालिक/ पिता, के प्रति समर्पित और वफादार, खर्च करने का शौकीन, कुछ अजीब सा दिखने वाला जैसे शरीर में कहीं चोट चपेट या खराबी लगने या बचपन से ही कोई विक्लांगता हो यदि मंगल कुंडली में कहीं खराब अवस्था में बैठा हो तब लेकिन फिर भी ऐसा जातक कुछ अजीब होता है चाहे शारीरिक रूप से या चाहे बौद्धिक रूप से... जैसे, मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि "साइको" किस्म के व्यक्ति लग्न में केतु वाले देखे गए हैं और वो थोड़ा नकारात्मक मोड में सेट होता है, या इनको थोड़ा सनकी भी कह सकते हैं।

नेगेटिव मोड में सेट KETU__
i) ऐसा जातक जितना जमीन के ऊपर दिखता है उतना ही जमीन के अंदर होता है, सदैव नकारात्मकता उसके अंदर रहती है, 2 लोगों के बीच फूट डालने और कलह करवाने का शौकीन होता है, कभी दूसरे की सफलता की कामना नही करता, लोग इन्हें अकेला ही छोड़ देते हैं अंत में, दूसरों की बात काट के केवल अपनी बात ही रखने वाला, खुद को महा बुद्धिमान और दूसरों को मूर्ख समझने वाला, सदा मुसीबत में फंसा रहे दूसरों की नही अपितु अपनी वजह से ही, दुखों से निराश हो कर आत्महत्या का प्रयास भी करता है.. आत्म कष्ट से परेशान, पुत्र प्राप्त या तो होता नहीनौर यदि होता है तो उसी दिन से दुखों का पहाड़ टूट पड़े जातक पर, स्वयं बाप से बगावत करने वाला

मंदे समय की निशानी बुध से सम्बंधित वस्तुओं से शुरू होगी फिर शुक्र (खुराक, घर की चीजे) और फिर बाद में मंगल (खून मंदा या जहरी होकर) और आखिर में गुरु की हवा में भी मिटटी भर देगा जो इधर-उधर फर्जी चक्र में दौड़ने का बहाना होगी । 🙏

(कुंडली में बैठे शनि की मदद लें और उपाय करें
साथ ही गुरु को बलवान करें और मदद लें)

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