कुन्डली में एकादश भाव
कुन्डली में एकादश भाव
लाभ का भाव
11 हाउस की भूमिका
एकादश स्थान ही वह स्थान है जिससे मनुष्य को जीवन में प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के लाभ ज्ञात हो सकते हैं इसलिए इसे लाभ स्थान भी कहा जाता है एकादश भाव दशम स्थान(कर्म) से द्वितीय है अतः कर्मों से प्राप्त होने वाले लाभ या आय एकादश भाव से देखे जाते हैं मनुष्य को प्राप्त होने वाली प्राप्तियों के संबंध में एकादश भाव सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाव है |
एकादश भाव से निम्नलिखित विषयों का विचार किया जाता है-
आय या लाभ- एकादश भाव व्यक्ति को मिलने वाले लाभ या उसकी आय का सूचक है इस भाव में जिस भाव का स्वामी आकर बैठता है, उस भाव से प्राप्त होने वाली वस्तु की प्राप्ति व्यक्ति को होती है-
यदि इस भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति को राज्य व मान-सम्मान की प्राप्ति होती है|
यदि इस भाव में चन्द्र हो तो व्यक्ति को तरल पदार्थ, समुद्र यात्रा , कृषि से जल के काम आदि से लाभ होता है
यदि मंगल इस भाव में हो तो व्यक्ति को साहस, निडरता, , भूमि, अग्नि संबंधी कार्यों से लाभ मिलता है
यदि बुध इस भाव में हो तो व्यक्ति को शिक्षण, लेखन व वाणी के द्वारा लाभ मिलता है
यदि गुरु इस भाव में हो तो व्यक्ति को ज्ञान, साहित्य व धार्मिक गतिविधियों से लाभ प्राप्त होता है
यदि शुक्र इस भाव में हो तो व्यक्ति को नाटक, नृत्य, संगीत, कला, सिनेमा, आभूषण आदि से लाभ मिलता है
यदि शनि इस भाव में हो तो व्यक्ति को श्रम, कारखाने, कृषि, राजनीति व गूढ़ विद्याओं से लाभ मिलता है
यदि, राहु-केतु इस भाव में हो तो सट्टे, लॉटरी, शेयर बाजार, तंत्र-मंत्र, गूढ़ ज्ञान आदि से लाभ मिलता है
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