जाप करने की माला!!

जाप करने की माला!!!!

सनातन धर्म में हर देवी-देवता की आराधना करने के लिए उनकी कृपा पाने के लिए मंत्र बताए गए हैं. इन मंत्रों का जाप करने के लिए माला का उपयोग भी किया जाता है. भले ही मंत्र अलग-अलग हों और देवी-देवता अलग-अलग हों लेकिन माला में मनकों की संख्‍या 108 ही होती है. हालांकि अलग-अलग देवी-देवता को प्रसन्‍न करने के लिए अलग-अलग मालाओं का उपयोग किया जाता है. जैसे स्‍फटिक, रुद्राक्ष, तुलसी, वैजयंती, मोतियों या रत्नों से बनी माला. इन मालाओं में 108 मनकों के अलावा एक और अलग मनका होता है, जिसे सुमेरू पर्वत कहते हैं. इस मनके को जाप में शामिल नहीं किया जाता है.

रुद्राक्ष की माला!!!!

मंत्रों का जाप करते समय इस माला का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। भगवान शिव को रुद्राक्ष बेहद ही प्रिय होती है। इसलिए महामृत्युंजय मन्त्र का जाप रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए। मान्यता कि रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करने देवाधिदेव भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। रुद्राक्ष की माला का अन्य देवताओं के लिए किए जाने वाले जप में भी प्रयोग किया जाता है।

चंदन की माला!!!!

चंदन की माला का प्रयोग काफी समय से किया जाता रहा है। यह दो प्रकार की होती है। सफेद चंदन की माला और लाल चंदन की माला।  शक्ति की साधना में लाल चंदन की माला से तो वहीं भगवान कृष्ण के मंत्र का जप सफेद चंदन की माला से किया जाता है। इस माला के मंत्र जप से मनोकामना बहुत जल्दी पूर्ण होती है।

स्फटिक की माला!!!!

मंत्र का जाप करते हुए स्फटिक की माला का भी प्रयोग किया जाता है। धन प्राप्ति और मन की एकाग्रता के लिए इस माला का उपयोग किया जाता है। इस माला के प्रभाव से उसके पास किसी भी तरह की नकारात्मक शक्ति नहीं फटक पाती। मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप इसी माला से करना शुभ फलदायी होता है।। वहीं जिनका रक्तचाप उच्च हो उनके लिए इस माला को पहनना काफी फायदेमंद होता है।

तुलसी की माला!!!!

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे और तुलसी की माला को बहुत ही पवित्र माना जाता है। मंत्रों के जाप करते समय तुलसी की माला का प्रयोग भी सबसे ज्यादा किया जाता है। मान्यता है कि तुलसी की माला धारण करने और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से यश, कीर्ति और समृद्धि बढ़ती है। इस पवित्र माला से जप करने पर साधक को कई यज्ञ करने का पुण्य प्राप्त होता है। लेकिन तुलसी की माला से देवी और भगवान शिव के मंत्र का जाप नहीं किया जाता।

हल्दी की माला!!!!
  
हल्दी का प्रयोग किसी भी पूजा में बहुत ही शुभ मानी जाती है। भगवान गणेश और देवगुरु बृहस्पति हल्दी की माला से जप करने पर शीघ्र प्रसन्न होते हैं। संतान एवं ज्ञान की प्राप्ति के लिए इस माला से विशेष रूप से जप किया जाता है। हल्दी की माला से मां बगलामुखी का जप करने से उनकी शीघ्र कृपा होती है।

वैजयंती की माला!!!!

वैजयंती की माला भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय होती है।। भगवान कृष्ण की कृपा पाने के लिए वैष्णव भक्त इस माला को विशेष रूप से धारण करते हैं। वैजयंती की माला से मंत्र जप करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस माला से जाप करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि और सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

कमलगट्टे की माला और लाल चन्दन की माला!!!!

कमलगट्टे की माला और लाल चंदन की माला से लक्ष्मीजी और दुर्गाजी की उपासना करने का उत्तम विधान कहा गया है। लाल चन्दन की माला से जप करने से भोगों की प्राप्ति होती है। वहीं कमलगट्टे की माला से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और धन प्राप्ति का मार्ग खुलता है।
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