केतु in नवम भाव 9th House ||
|| केतु in नवम भाव 9th House ||
Energic Equation (गुरु (ब्रह्मस्थान) = नवम भाव)
नवम भाव में केतु = केतुx (गुरु)
==> केतु x गुरु(नवम भाव)
नवम भाव आपकी कुंडली का ब्रह्मस्थान या सेंट्रल axis को रिप्रेजेंट करता है, क्योंकि यही वो भाव है जिसके इर्द गिर्द जातक घूमता है अपने जीवन को लेकर, यहीं से किस्मत की हवा का प्रवाह शुरू होता है, यही आपका भाग्य संभालती है, ये आपके कुल का निर्धारण करती है और परंपरा है आपके कुल की, आपकी उच्च शिक्षा और फिलॉस्फी यानी सिद्धांत यहीं से विकसित होता है, आपके जीवन में आपके ऊपर किसका वरदहस्त है और कौन है आपका गॉडफादर वो यही भाव है, इसीलिए इसे पिता और दादा जी का भी भाव कहा गया है, यानी ये आपके आधार हैं, इन्ही का हाथ और आशीर्वाद आपके ऊपर रहता है।
==> अब केतु का नवम भाव में बैठा होना क्या दर्शाता है... केतु फॉलोअर है पर दूसरी तरफ केतु अलग या पृथक करने वाला भी ग्रह है...
9वम भाव में बैठा केतु उच्च का माना जाता है क्योंकि यह देव गुरु बृहस्पति के पक्के घर में बैठा है और यह वही केतु है जो यहां सोने की लकड़ी यानी... ब्रह्म दंड बन जाता है... यह केतु दर्शाता है की वो अपने परंपरा और धर्म का फॉलोअर है, अपने वरिष्ठ जनों का प्रिय है और वफादार है।
Ketu in Good Condition
1) अपनी मेहनत से धन कमाएगा, कुत्ते की वफ़ादारी और सुअर की बहादुरी, दो सिफ़्त(गुण, तासीर यानी Dual Nature) का मालिक होगा, ये सिफ्ते उसकी औलाद में जरूर होंगी | केतु की जाति अच्छी या बुरी हालत का फैसला गुरु की हालत पर होगा |
2) अपनी मेहनत के कारोबार (हुनरमंदी वगैरा) से अमीर होगा, केतु पालन, या संसार के तीन कुत्तो का पालन करने से बढ़ेगा।
3) शुक्र, शनि और गुरु का उम्दा फल और नंबर 2 का हर एक ग्रह चाहे शत्रु चंद्र ही क्यों न हो, उत्तम फल देगा ।
क्योंकि किस्मत की हवा को अब चलाने वाला गुरु केतु की सहायता से खाना no 2 में बैठे ग्रह को टक्कर मारेगा, और धन को वर्षा कराएगा...
4) खाना नंबर 7 के ग्रह की आयु गुजरने के बाद केतु का प्रभाव और भी उत्तम हो जाएगा ।
जैसे सूर्य की आयु = 23वर्ष पूर्ण हो जाने पर
गुरु हो तो= 21 वर्ष
चंद्र= 24वर्ष
शुक्र= 25वर्ष
राहु= 42वर्ष
शनि= 36 वर्ष
मंगल= 28 वर्ष
घर में गुरु की चीजों को कायम रखना बहुत ही नेक होगा जैसे सोने की चौकोर ईंट, केसर वगैरा, और वेदाध्ययन का माहौल इत्यादि, शरीर पर सोना पहनना, कानो में सोना डालना बहुत उत्तम.. ऐसा करने से केतु से सम्बंधित चीजों का प्रभाव नेक होगा जैसे रीढ़ की हड्डी, कान, जोड़, पाँव, घुटने वगैरा की स्थिति सुचारू रूप से मजबूत रहेगी।
5) घर में रखे सोने के बराबर सोना बढ़ता जाएगा इसलिए घर में सोना खरीद कर जरूर लाए | अपने बड़ो जैसे पिता आदि से मिला हुआ सोना बहुत नेक फल का होगा... अच्छा यही होगा की सोना न बेचे क्योंकि घर में रखे सोने के बराबर सोना बढ़ता ही जाएगा।
अपनी संतान, आने वाले अगले साल का हाल कैसा होगा, बताने वाली होगी यानि कुंडली वाले को अपने पुत्र की सलाह बहुत काम आने वाली होगी, ऐसे जातक को नेक सलाह देने वाले जरूर मौजूद होंगे। परदेस में अधिक रहेगा,
बेटा अपने बाप (कुंडली वाले का) का हुक्म मानने वाला होगा । माता-पिता का एहसान सारी उम्र न भूलेगा ।
6) पिता को जन्म से ही तारता होगा यानी ऐसे जातक को नर औलाद प्राप्त होने वाले दिन से तरक्की होनी शुरू हो जाती है।
7) चंद्र नेक हो तो माता खानदान को तारता होगा |
8) गुरु या राहु उत्तम या नंबर 2 उत्तम हो तो पिता खानदान को तारेगा और मंत्री समान हो समाज में।
In Bad Conditions
1) मामा की जड़ काट देगा और उनका खाना ख़राब करेगा अर्थात् यदि केतु नवम में खराब अवस्था में होगा तो उसकी निशानी उसके मामा खानदान से देखने को मिलेगी, मामा की कमाई को खतम करता रहेगा और स्थिति खराब करेगा ।
2) शत्रु ग्रह नंबर 3 में हो (चंद्र या मंगल) तो नर संतान मरती जाए, खासकर यदि कुंडली में गुरु भी खराब हो तो निश्चित तौर पर पुत्र औलाद से वंचित रहेगा.. और यह पितृ दोष की निशानी भी हो सकती है।
3) जब शुक्र मंदा हो तो भले चाहे कपट, छल, चोरी या डकैती इत्यादि पर आमादा हो जाए... फिर भी मंदा हाल ही होगा ।
उपाय के तौर पर...
• कुंडली में शुक्र को ठीक करें
• शरीर पर सोना कायम करें
• कुत्तों की सेवा, खासकर 3 दुनियावी कुत्तों को सेवा करें
• घर के ब्रह्मस्थान को जागृत करें
• घर मध्य में पिरामिड की स्थापना करें, वैसा स्ट्रक्चर जैसा श्री यंत्र का होता है।
• प्रतिदिन आपको नाभी में केसर लगाना है।
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