शुक्र
ग्रहों के अस्त होने का फल 🙏
मैंने आपको चंद्रमा मंगल बुध बृहस्पति के अस्त होने का फल बता दिया है आज मैं आपको शुक्र और शनि के अस्त होने का फल बताऊंगी 🙏
शुक्र ग्रह को काम और भोग तथा भौतिक सुख का कारक माना जाता है। यदि कुंडली में शुक्र ग्रह अस्त अवस्था में है तो ऐसे व्यक्ति को विवाह में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि वह जातक कोई महिला है तो उसे गर्भाशय का रोग हो सकता है या स्त्री रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अस्त शुक्र ग्रह स्थिति व्यक्ति को जननांगों के रोग या यौन रोग भी प्रदान कर सकती है। ऐसा व्यक्ति चरित्रहीन हो सकता है। उसको गुर्दों के रोग, आंखों की समस्या, मूत्राशय के रोग और त्वचा संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं।
यदि शुक्र का संबंध राहु अथवा केतु से हो तो वह व्यक्ति के मान सम्मान को हिला देता है। इसके अतिरिक्त कुंडली के छठे या आठवें भाव से संबंध होने पर व्यक्ति को बड़े रोग हो जाते हैं। यदि व्यक्ति विवाहित है तो जीवन साथी को भी स्वास्थ्य कष्ट काफी परेशान कर सकते हैं। यदि शुक्र का संबंध अस्त अवस्था में अष्टम भाव से हो जाए तो दांपत्य जीवन में समस्याएं आने लगती हैं और द्वादश भाव से संबंध होने पर व्यक्ति विभिन्न प्रकार के व्यसनों में पड़ सकता है तथा जीवन में सुख सुविधाओं से वंचित हो सकता है।
शनि ग्रह कर्म फल दाता माने जाते हैं। यदि कुंडली में शनि देव अस्त अवस्था में हों तो जातक को अपने कर्म में समस्याएं आती हैं। वह जहां नौकरी या व्यापार करता है, वहां परेशानी उठानी पड़ती है। वरिष्ठ अधिकारियों या समाज के गणमान्य लोगों से तालमेल नहीं बैठ पाता और उनसे अनबन हो जाती है। सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आती है और कई बार व्यक्ति नशीली वस्तुओं के सेवन में लग जाता है। शनि के अस्त होने पर व्यक्ति को पैरों में दर्द, जोड़ों में दर्द, कमर दर्द तथा स्नायु तंत्र के रोग परेशान कर सकते हैं। यदि ऐसा शनि छठे भाव के स्वामी के साथ संबंध बनाए तो रीढ़ की हड्डी में समस्या दे सकता है या फिर जोड़ों के दर्द भी हो सकते हैं। यदि शनि का प्रभाव अष्टम के स्वामी के साथ हो जाए या फिर अष्टम भाव से हो जाए तो व्यक्ति का रोजगार भी जा सकता है और द्वादश भाव से ऐसे शनि का संबंध होने पर व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाता है और उसको मानसिक अशांति घेर लेती है। उसे अपने जीवन में सफलता पाने के लिए अत्यंत ही कठोर श्रम करना पड़ता है और कई बार नीच प्रवृत्ति के लोगों के साथ उसकी संगति हो जाती है, जो बाद में उसके लिए दुखदायी साबित होती है।
जय श्री श्याम 🙏
Comments
Post a Comment