नीच भंग राजयोग

#नीचभंग राजयोग --🕉️

आज बात करते है नीचभंग राजयोग की बहुत से लोग नीचभंग राजयोग को लेकर प्रायः बहुत खुश होते है (खुश होना भी चाहिए) 🕉️
 लेकिन नीचभंग राजयोग का मतलब ये नही कि वह ग्रह अपने नीच के फल नही देगा बिल्कुल देगा 100% देगा अर्थात राजयोग के नाम से ही अर्थ स्पष्ट होता है #नीचभंग {नीच -पहले ग्रह नीच के फल देगा #भंग फिर उचच जैसे फल देगा }  जितना ग्रह नीचे गिरायेगा उससे कई गुना वही ग्रह ऊपर भी ले जाएगा..।
 अब यदि जन्म कुंडली में ग्रह अपनी नीच राशि में बैठा हो तो निम्न स्थितयों में ग्रह नीच भंग राजयोग का सृजन करके महान फलदायी बन जाता हैं:🕉️

(1) जन्म कुंडली की जिस राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी उसे देख रहा हो या फिर जिस राशि में ग्रह नीच होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी स्वग्रही होकर युति संबंध बना रहा हो तो नीच भंग राजयोग का सृजन होता है।🕉️

(2) अगर कोई ग्रह लग्न कुंडली में #नीचराशि में हो & नवमांश कुंडली में अपनी उच्च राशि में बैठा हो तो ऐसी स्थिति में उसका नीच भंग होकर वह राजयोग कारक हो जाता है।🕉️

(3)  जिस राशि में ग्रह नीच होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी अपनी उच्च राशि में बैठा हो तो भी नीच भंग राजयोग का निर्माण होता है।  🕉️

(4 ) अपनी नीच राशि में बैठा ग्रह अगर अपने से सातवें भाव में बैठे नीच ग्रह को देख रहा हो तो दोनों ग्रहों का नीच भंग हो जाता है। ये महान योगकारक स्थिति का द्योतक है।  🕉️

(5) जिस #राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी जन्म राशि से केन्द्र में मौज़ूद हो एवं जिस राशि में नीच ग्रह उच्च का होता है उस राशि का स्वामी भी केन्द्र में बैठा हो तो निश्चित ही नीच भंग राजयोग का सृजन होता  है।  🕉️

(6) जिस  राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी एवं जिस राशि में नीच ग्रह उच्च का होता है उसका स्वामी लग्न से कहीं भी केन्द्र में स्थित हों तो ऐसी अवस्था में भी नीच भंग राजयोग का निर्माण होता है।
अर्थात और भी कई उदाहरण है नीचभंग के 🕉️

यहां एक बात अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए कि नीच भंग राजयोगों का फल सामान्य राजयोगों से कहीं अधिक मिलता है किंतु ऐसे इंसान आमतौर पर मुंह में चांदी का चम्मच नहीं लेकर जन्म लेते वरना उन्हें अपने कर्मों से ही शुभ परिणाम प्राप्त होता है। ऐसे जातक की किस्मत में संघर्ष अधिक होते हैं किंतु यदि कुंडली में दो या दो से अधिक नीच भंग राजयोग निर्मित होते हों तो वह अवश्य ही बहुत ऊंचाई पर जाता है।


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