नींद न आने के ग्रह

*नींद ना आने  की समस्या  (अनिद्रा )- ज्योतिषीय कारण व उपाय*  

*SLEEP   PROBLEM  ( INSOMNIA ) -  ASTROLOGICAL   REASONS  AND  REMEIDIES* 

== *आपके पास सोने का मौका हो और आप फिर भी न सो पा रहे हों। इसी स्थिति को इंसोम्निया/  INSOMNIA  या अनिद्रा कहा जाता है।* == 

वर्तमान समय में  विश्व के  लाखो लोगो  में  एक बड़ी समस्या व्यक्तिगत जीवन में देखी जाती है और वह है "नींद न आना या अनिद्रा... 

*नींद न आने के कई कारण होते हैं जिनमें  मनोवैज्ञानिक परिस्तिथियाँ ,   जीवन की उलझनों व परेशानियों से लेकर कई चिकित्सकीय कारण भी होते हैं। किंतु कई व्यक्तियों को इन कारणों के अलावा भी  नींद न आने / अनिद्रा की शिकायत रहती है।*

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== *ज्योतिष का सेहत से गहरा नाता है. जब ग्रहों की दशा बदलती है तो उसका मनुष्य पर भी पड़ता है. ग्रह जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को रोग भी प्रदान करते हैं |* ==

अनिद्रा कभी भी अकेले नहीं आती है।  बिना नींद या कम नींद के हम कई बीमारियों और समस्याओं के शिकार हो सकते हैं |  अनिद्रा के बहुत दुष परिणाम हो सकते है। 

== *ज्योतिष शास्त्र में अनिद्रा रोग के योगों का उल्लेख मिलता है।* == 

= *शनि नींद का प्रमुख ग्रह है. इसके अलावा चन्द्रमा,शुक्र और बुध भी नींद से सम्बन्ध रखते हैं. जलीय और वायु राशियाँ भी नींद की ही राशियाँ होती हैं.* =

 == *जन्मकुंडली  में नींद नहीं  आने की समस्या वाले ग्रह योग* == 

1 - जन्म पत्रिका में लग्न,  4 TH,  8 TH , 12 TH  भाव से नींद  की अवस्था  का विचार किया जाता है। 

2 - यदि जन्म पत्रिका के 12वें भाव में क्रूर ग्रह जैसे शनि, राहु व केतु स्थित हों या 12 th  भाव , भावेश  पर इन ग्रहों का प्रभाव हो  तो जातक अनिद्रा रोग का शिकार होता है। 

3 - 12वें भाव पर राहु के प्रभाव से जातक अल्पनिद्रा वाला होता है।

4 - यदि लग्न पर राहु, केतु व शनि का प्रभाव हो एवं द्वादशेश अशुभ भावों में स्थित हो या नीच राशिस्थ हो तब भी जातक सुखपूर्वक नींद नहीं ले पाता है।

5 - यदि 12वें भाव का अधिपति स्वराशिस्थ होकर 12वें भाव में स्थित हो और उस पर शुभ ग्रहों का प्रभाव अधिक हो तो जातक अधिक सोने वाला होता है। 

6 - शनि के दूषित होने पर नींद मे समस्या होती ही है

7 - चन्द्रमा या शुक्र के पीड़ित होने पर अकारण नींद नहीं आती

8 - अगर बुध पीड़ित हो तो चिंता से नींद नहीं आती  है | 

9 - कुंडली में अग्नि तत्व या पृथ्वी तत्व प्रधान हो तो भी  नींद आने  नींद आने  में   मुश्किल होती है …     ETC ….

NOTE -
जब भी लग्नेश, तृतीयेश  3rd  या द्वादशेश 12th    छठवे,  6th  ,  आठवे   8th  या बारहवे  12th  स्थान जाए तो नींद ना आने का रोग हो जाता है किंतु अनावश्यक या अकारण नींद को भगाकर जागना राहु का दोष हो सकता है। 

== *जन्मकुंडली   के ग्रहो अनुसार जातक के मन का अध्ययन करके उपाय किये जाये तो काफी हद तक समस्या का निदान पाया जा सकता है* == 

= *अतः यदि आप भी नींद ना आने के कारण  परेशान  हैं तो अपनी कुंडली दिखायें  |  व्यावहारिक,   चिकित्सीय   एवं  ज्योतिषीय  उपायों   के  माध्यम  से  नींद को संतुलित करें |* =

== *अच्छी नींद के लिए वैदिक मंत्रो का उपाय* ==

== *रात में सोने के पहले शान्तिमय  मन ,  एकाग्रता   एवं    शुभ तथा कल्याणप्रद विचारों   के लिए  “शिवसंकल्मस्तु मंत्र ‘ (यजुर्वेद संहिता) का पाठ अति  उत्तम उपाय है |* ==


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