आज हम बात करेंगे बारवे भाव की । अब पहले यह जान ले बारवे भाव सम्बंदित काम ।
आज हम बात करेंगे बारवे भाव की । अब पहले यह जान ले बारवे भाव सम्बंदित काम ।
1 खर्च का भाव
2 कोर्ट कचहरी का भाव
3 बीमारी का भाव ।
4बीमारी से मुक्ति का भाव ।
5, शैया सुख का भाव ।
6, दोनो पैरो का भाव ।
7,औरत की दायीं आँख भाव।
8,पुरुष की भायी आँख का भाव।
9,आपके पिता की संपत्ति का भाव
10, मुक्ति का भाव।
11,मोक्ष का भाव
12,नीद काम आना या टूट जाने नींद मे बड़बड़ाना का भाव ,
13, मन मे क्या चल रहा उसका भाव ।
14,पृथकता का भाव ।
15, शत्रु का आपके जीवन मे कितना प्रभाव होगा उसका भाव।
16, चुनाव के दोहरान जनता से सहयोग मिलेगा या नही उसका भाव ।
17, शादी टूटने का भाव ।
18, शरीर का कोई अंग भंग हो जाना के भाव
19,आपके त्याग का भाव
20,विदेश जाने और वहाँ बसने का भाव।
21, क्रोध का भाव ।
यह हुए भाव सम्बंदित कार्ये ।अब बारवे भाव को खर्च का भाव कहते है और पृथकता का भाव माना गया ।
क्यों कियुकि 12 भाव मोक्ष है सम्पूर्ण जीवन जीने के बाद इंसान पूर्ण जन्म लेगा या मोक्ष लेगा 12 भाव बताता है ।
जैसे भाव का स्वामी कुन्डली मे जिस भी भाव मे बैठेगा उस रिश्ते ओर अंग से पृथकता देगा ओर 12 भाव मे जो ग्रेह बैठेंगें जातक उस ग्रह सम्बंदित चीजो को खर्च करेगा ।
जैसे
1 12 भाव मे अगर सूर्ये है । सूर्ये आखो के कारक भी है । 12 भाव आँख के अंग से जुड़ा है तो ऐसे लोग आखो को खर्च करेंगे बहुत ओर आखो के रोगी होंगे । अगर यही सूर्ये भीपीड़ित हो जाये आँखों का भयंकर रोग देगा ।
2, अगर बुध 12 भाव मे हों जातक वाणी का खर्च करता और बहुत बोलता है ।
3,मंगल हो जातक पराक्रम का प्रयोग करेगा बिना वजह के । ओर कर्ज़ लेता रहेगा । केतु होगा तब भी ऐसा ही होगा ।
4, चन्दर होगा तो मन को खर्च करेगा बिना वजह के बाते सोचता रहेगा और कही चन्दर पीड़ित हुआ तो बहुत ज्यादा परेशानी देगा ।
5, शुक्र होगा तो वीर्ये को खर्च करता है अगर पीड़ित हो तो बहुत ज्यादा खर्च करेगा ।
6,गुरु होगा तो बिना वजह ज्ञान बांटेगा अगर गुरु स्वगृही हुआ तो हो सकता जातक टीचर या कोई धार्मिक वक्ता हो ।
7, शनि होगा या राहु होगा तो स्नायु को ज्यादा खर्च कर हडियॉ का रोगी बनेगा ।
अब बात आती है 12 भाव स्वामी जिस भाव मे बैठेगा उस भाव से पृथकता देगा ।
2 भाव होगा तो धन परिवार ,से 3rd हाउस में तो छोटे भाई बहनों से ।
4th मे होगा तो माँ से ।
5th मे बचों से ।
6th मे तो मामा ननीहाल से । 7th तो पार्टनर से
8th तो ससुराल से
9th मे धर्म कर्म से
10th ।व्यापार से पिता से
11th बड़े भाई बहन से धन से
12th मे ही हो तो शैया सुख ,से
मगर 12 भाव का स्वामी जीस भी भाव मे हो उस भाव के स्वामी हालात देख लेना अगर वो भी पीड़ित हुआ तो जातक को उस भाव के अंग सम्बंदित रोग देगा ।उसको प्रोब्लम देगा ।
अंग भंग की बात करे 12 भाव हमारी आँख ओर पैरों का अगर वहाँ मंगल बैठा हो ओर शनि की दृष्टि हो और 12 भाव स्वामी पीड़ित हो जातक के पैर तक कट जाते है ।
अगर मंगल 12 मे हो शनि देखे मगर 12 वे का स्वामी मजबूत हो तो जातक के पैरों में चोट तो लगेंगी मगर काटेंगे नही ।
कर्ज़ लिया उसको चुकता कर पाओगे त नही 12 भाव मजबूत हो जरूर चुका सकते हो ।
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