गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र

यजुर्वेद में वर्णित यह मंत्र सूर्यदेव को समर्पित है और कलयुग में भी उतना प्रभावी है जितना बीते युगों में था, "शायद" कोई मंत्र कलयुग में इतनी जल्दी प्रभाव न दिखाए जितना जल्दी प्रभाव यह मंत्र दिखाता है,इस मंत्र के लाभ का तो कहना ही क्या अगर किसी को राजा जैसा पद चाहिए या राजा ही बनना है तो यह मंत्र एकदम सटीक है, परंतु इस मंत्र के नियम भी उतने ही प्रभावी है जितने बीते युगों में थे, अगर इस मंत्र के नियम का पालन नहीं किया तो लेने के देने पड़ जाते है ऐसे उदाहरण बहुत है,क्योंकि कलयुग में नियम कायदे का पालन करना मुश्किल है, न ही ज्ञान है न परिस्थिति है। परंतु फिर भी कलयुग के हिसाब से कुछ छूट दी गई है,वो में आपको बताता हूं, और कोन इस मंत्र का लाभ उठा सकता है और कोन इसका जाप नहीं कर सकता यह भी बताता हूं।
जो झूठ नही बोलते, लोगों को गुमराह करके पैसा नहीं कमाते,या गैर जरूरी लाभ नहीं कमाते हो,ईमानदार रहते हो अपने प्रति भी और दूसरो के प्रति भी, गुस्सा नहीं करते जब तक बहुत आवश्यकता न हो, आलोचना या बुराई नहीं करते, गैर जरूरी कामुकता से बच के रहते हो उन्हें ही गायत्री मंत्र जप करना चाहिए। अगर उपरोक्त शर्ते और योग्यताएं आप पूरी करते हो, तो इस मंत्र का जाप करना शुरू कर दीजिए, जीवन में मान सम्मान व्यक्ति को चाहिए वो तो मिल ही जायेगा, साथ ही अच्छा पद,प्रतिष्ठा का हकदार हो जाता है ऐसा जातक, उसका व्यक्तित्व सूर्य की तरह चमकता है।वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी गायत्री साधना की हुई है।जातक चाहे किसी भी अवस्था में हो,गरीब हो सामान्य हो,गायत्री मंत्र साधना से सर्वोच्च पद प्राप्त करता है।
परंतु अगर उपरोक्त दी गई किसी भी एक चीज को करते हो तो आप बिलकुल मत करिए।
• संगीत ध्वनि के साथ गायत्री मंत्र ना तो जाप करें और न सुने।
• दिन में अधिकतम 108 बार और कम से कम 11 बार जाप करना पर्याप्त है।
• सूर्योदय के समय और पूर्वमुखी होके जपना सर्वश्रेष्ठ है।
• सूर्य को जल देते समय भी जाप कर सकते है।
• पितृ दोष है तो 108 दिन लगतार,108 बार जाप करने से हर प्रकार का पितृ दोष शांत हो जाता है,इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक है।
• कोई इंसान सच्चा है और ईमानदार है परंतु समाज में सम्मान नहीं है,दब के रहना पड़ता है, न साहस है अपनी बात कहने का उसे इस मंत्र को अवश्य जपना चाहिए।
• स्त्रियों को यह मंत्र जपने से बचना चाहिए,क्योंकि यह मंत्र मणिपुर चक्र को प्रभावित करता है, तो हर बात जो भी गलत होगी उस पर गुस्सा आएगा और बिना बोले रह नही पाओगे।अगर लड़ने से कोई परहेज न हो तो जरूर कर सकते है। लेकिन अगर गुस्सा दबा लिया इस मंत्र का जाप भी किया तो अंदर कोई बीमारी बन जायेगी अधिक ऊर्जा के कारण, तो स्त्रियों को कोई और मंत्र जपना चाहिए, क्योंकि इस मंत्र के जपने के बाद आप कुछ भी गलत न तो सुन पाओगे, न देख पाओगे और गलत करोगे तो बहुत पछताओगे।
राम राम

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