शनि और सूर्य आठवें घर में
शनि और सूर्य आठवें घर में
वैदिक ज्योतिष के अनुसार आठवें घर से आयु,मृत्यु , स्त्री का सौभाग्य (पति का जीवन), चिंता ,अपमान , पराजय , कष्ट , गहराई में छिपी चीजें अन्धकार , गुप्तता और गुदा आदि का विचार किया जाता है।
कुंडली के आठवें घर में शनि और सूर्य की युति के कारण ऐसे लोगों को तेल , पेट्रोलियम या जमीन के नीचे पैदा होने वाली चीजों से, खनन से अत्यधिक फायदा हो सकता है| बशर्ते कुंडली में अन्य ग्रहों का साथ मिल रहा हो। व्यक्ति को काले जादू, टोने-टोटके या तंत्र में रूचि दे सकता है। जीवन के गहरे रहस्यों को समझने में मदद कर सकता है और एक अनूठी क्षमता दे सकता है ,ऐसे व्यक्तियों की अध्यात्म और ज्ञान से जुड़े हुए सारे विषयों में रूचि हो सकती है और नयी विधाओं को सीखने की क्षमता हो सकती है ऐसे लोग रिसर्च स्कॉलर हो सकते हैं, अच्छे वकील या शिक्षक हो सकते हैं ,वैज्ञानिक हो सकते हैं बहुत बड़े चिकित्सक हो सकते हैं, खासकर सफल सर्जन बन सकते हैं , गुप्तचर विभाग में उच्च पद पा सकते हैं ,खनन विभाग में या खनन से जुड़े हुए कारोबार में सफलता पा सकते हैं , कोई धातु विशेषज्ञ हो सकते हैं - क्योंकि इस घर की मूल प्रवृत्ति गहराई में छिपी हुई चीजों को जानने की है उनको समझने की है , नए नए रहस्यों को उजागर करने के लिए प्रेरित करने की है। व्यक्ति योग और ध्यान के माध्यम से नयी ऊंचाइयों को पा सकता है, आत्मविकास और गूढ़ विज्ञान को समझने के प्रयास में लगा हो सकता है। आयुर्वेद या ऑलटरनैट थेरेपी का जानकार हो सकता है । ऐसे व्यक्ति मनोविज्ञान में रूचि ले सकते हैं और अच्छे मनोवैज्ञानिक बन सकते हैं, मनोचिकित्सक बन सकते हैं । उनकी सोच में गहराई होती है। ऐसे लोगों को विरासत में धन मिल सकता है।
नौकरी में सफलता के लिए ऊपर बताये गए क्षेत्रों में भाग्य आजमाया जा सकता है| हालाँकि देरी संभव है लेकिन सफलता निश्चित है। ऐसे लोगों को अपना पैतृक निवास छोड़कर बाहर जाना पड़ सकता है | हो सकता है परिवार से कोई सहायता न मिले लेकिन दूर देशों में ऐसे लोगों को अक्सर सफल होते देखा गया है| कुटुंब में कोई गुप्तता कि बात अक्सर देखी गयी है। बच्चों में देरी हो सकती है उनकी शिक्षा की चिंता भी हो सकती है |खुद की शिक्षा बीच में छूट सकती है लेकिन बच्चों के लिए उचित व्यवस्था और अनुशासन इनके जीवन का मूलमंत्र रहता है जिसमे ये सफल भी रहते हैं।
कुंडली के आठवें घर में शनि और सूर्य के नकारात्मक परिणामों की बात करें तो पिता पुत्र में वाद विवाद बना रह सकता है ,पत्नी तथा ससुराल पक्ष से परेशानी हो सकती है किसी कर्ज के कारण परेशानी हो सकती है। जीवन में अकेलेपन का एहसास हो सकता है। सर दर्द या मानसिक रूप से परेशान रह सकता है। बार बार बीमारी , हड्डियों से सम्बंधित परेशानी या बार बार मृत्यु तुल्य कष्ट उठाना पड़ सकता है, विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है । स्वभाव में जिद्दीपन हो सकता है। सरकार से परेशानी हो सकती है। अगर नौकरी में है तो अधिकारीयों से एवं सहकर्मियों से विवाद या परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि ऐसे लोग काफी स्वतंत्र विचारों के होते हैं और सोच भी परंपरा से अलग हो सकती है।
अकेले शनि और सूर्य की युति के आधार पर अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए उसके लिए पूरी कुंडली का विश्लेषण जरूरी है। प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में बहुत सारे अन्य कारक भी होते हैं। ग्रहों की दृष्टि , ग्रह-योग के साथ साथ ग्रहों के बलाबल का विचार भी किया जाता है। इसलिए सभी लोगों के लिए फलादेश में भी भिन्नता हो सकती है।
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