सूर्य ग्रहण योग-
सूर्य ग्रहण योग-
जिस स्थान पर भी राहु और सूर्य एक साथ होते हैं, वहां पर सूर्य को ग्रहण लगता है।
इसके अलावा यदि सूर्य किसी भी भाव में स्थित हो और सूर्य पर राहु की छाया पड़ रही हो तो भी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रहण योग बनता है
जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रहण लगा हो उसकी कुंडली में पितृदोष भी लगता है। किसी जातक की कुंडली में शुक्र, बुध या राहु एकसाथ, दूसरे, पांचवें, नौवें अथवा बारहवें भाव में स्थित हो तो पितृ दोष लगता है।
सूर्य ग्रहण लगने के होने वाली समस्याएं
यदि किसी की कुंडली में सूर्य ग्रहण योग हो तो उसके पिता के साथ मतभेद बने रहते हैं साथ ही पिता की सेहत पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
ग्रहण योग के कारण जातक को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जातक को हड्डियों से संबंधित रोग होने की आशंका रहती है।
व्यक्ति के मान-सम्मान और आत्मविश्वास में कमी आती है और क्रोध की अधिकता रहती है। जिसके कारण व्यक्ति को कई बार सरकारी दंड भी झेलना पड़ सकता है।
यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य ग्रहण योग बना हो तो उसे उच्च अधिकारियों का गुस्सा झेलना पड़ सकता है साथ ही सरकारी कामों में दिक्कते आने लगती हैं।
इस योग के कारण गृह क्लेश, कार्यक्षेत्र में असफलता, पुत्र, पिता और मामा से मतभेद आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सूर्य ग्रहण निवारण के उपाय
किसी की कुंडली में सूर्य ग्रहण या पितृदोष का प्रभाव हो तो ऐसे में जातक को गेहूं, गुड़ व तांबे का दान करना चाहिए लेकिन गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए।
यदि कुंडली में सूर्य ग्रहण योग या पितृ दोष हो तो किसी से भी कोई वस्तु बिना पैसों के नहीं लेनी चाहिए और नेत्रहीनों की सहायता करनी चाहिए।
यदि ग्रहण दोष यो पितृ दोष हो तो उसके अशुभ प्रभावो से बचने के लिए छह नारियल लेकर सिर के ऊपर से वारकर बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए।
ग्रहण दोष की अशुभता से बचने के लिए पीपल का वृक्ष लगाना चाहिए और उसमें प्रतिदिन जल देना चाहिए।
ग्रहण दोष के प्रभावों से मुक्ति के लिए अपने परिवार के सभी सदस्यों से बराबर-बराबर रुपए के सिक्के लेकर किसी मंदिर में दान कर दें।
इन उपायों में से एक समय में एक ही उपाय करें।
कोई जातक कुंडली के सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हैं तो नियमित रूप से प्रातः उठकर आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
प्रतिदिन सूर्योदय से पहले स्नानादि करके निवृत्त हो जाएं और उगते हुआ सूर्य को तांबे के लोटे से जल दें
सूर्य यंत्र की पूजा करें
जय श्री श्याम 🙏
जय श्री बालाजी 🙏
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