गुरुवार

वैवाहिक जीवन में खुश रहने के लिए भगवान विष्णु की पूजा में इस मंत्र का करें जाप...

हिंदू धर्म में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है। कहते हैं सच्चे मन से उनकी पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान विष्णु जरूर पूरा करते हैं। हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार गुरुवार को भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। भगवान विष्णु जगत के पालनहार कहलाते हैं।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन के कष्ट मिटते हैं। गुरुवार का व्रत करने और कथा सुनने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी और धन की कमी दूर होती है, बुद्धि और शक्ति बढ़ती है और ग्रह दोष दूर होते हैं। गुरुवार व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उन्हें गुड़ और चने का प्रसाद अर्पित किया जाता है। आइए जानते हैं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा।

बृहस्पति देव की पूजा का महत्त्व
हिंदू मान्यता के अनुसार बृहस्पति केवल एक ग्रह नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करने वाले देवता हैं। पूरे विधि-विधान से बृहस्पति देवता की पूजा करने पर मनवांछित जीवनसाथी मिलता है। वैवाहिक संबंध सफल रहते हैं और करियर में भी सफलता मिलती है। जिन लोगों का बृहस्पति कमजोर हो, उन्हें ये पूजा फल देती है। माता-पिता से अच्छे संबंधों के लिए भी इस दिन पूजा की मान्यता है।

पूजन विधि
गुरुवार के दिन बृहस्पति देव और भगवान विष्णुं की पूजा इस मंत्र के जाप से करें- ऊं नमो नारायणा। यह मंत्रजाप 108 बार करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और करियर में भी सफलता मिलती है। पूजा में दूध, दही और घी से बने पीले व्यंजनों का भोग लगाएं। भगवान विष्णु की पूजा कर रहे हों तो दिन में एक ही बार पूजा के बाद उपवास का पारण करें और केवल मीठी चीजों का ही सेवन करें।

इन बातों का रखें ध्यान
-गुरुवार की पूजा करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखने से पूजा का पूरा फल मिलता है।
-गुरुवार के रोज केले के पेड़ की पूजा का महत्व है क्योंकि इसे भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
-इस दिन पीले वस्त्र पहनकर पूजा करें, पीली वस्तुओं का दान करें। इससे दान का सौ गुना पुण्य मिलता है।
-बृहस्पति ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए पूजा के दौरान भगवान बृहस्पति की कथा पढ़ें और दूसरों को भी सुनाएं।
-भगवान विष्णु के अवतारों को भीगे चने की दाल का भोग भी गुड़ के साथ लगाया जाता है।
-शिवलिंग पर पीला कनेर अर्पित कर शिव आराधना से भी गुरु दोष खत्म होता है।

Comments

Popular posts from this blog

Chakravyuha

Kaddu ki sabzi

Importance of Rahu in astrology