उपाय
इस लेख को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि लोग जागरूक हो और लोगों का जीवन बर्बाद होने से बचे ।
अब तक कई ऐसे लोग मिले जिनकी कुंडली में राहु केतु से संबंधित बहुत ज्यादा परेशानी थी और उसके बाद भी धारण कराया गया था ।
💥राहु , केतु दो ऐसे ग्रह है ये जिस भी राशि में यह विराजमान रहते हैं वहां से पांचवें , सातवें और नौवें स्थान पर अपनी दृष्टि डालते हैं । इस प्रकार से देखा जाए तो कुंडली के बारह भाव में से 6 भावों पर इनका प्रभाव रहता है ।
👉राहु में शनि के समान गुण विराजमान होते हैं एवं केतु में मंगल के समान गुण विराजमान होते हैं । परंतु यह दोनों ही ग्रह शनि मंगल के साथ विराजमान हो या उस पर दृष्टि डाल रहे हो तो जीवन में बहुत ज्यादा परेशानी के योग बनाते हैं ।
👉अब यदि 6 भावों में कहीं भी सूर्य , चंद्रमा , मंगल या गुरु पर इनकी दृष्टि पड़ जाए या इनसे युति बन जाए तो यह ग्रह जिस भाव के स्वामी होते हैं उस भाव से सुख से संबंधित परेशानी होती हैं एवं जिस भाव में युति बनती है उस भाव में भी परेशानी होती हैं ।
💥♦️ बुध या शुक्र के घर में राहु विराजमान हो या दृष्टि डालें और किसी ग्रह को वहां पर पीड़ित ना करें तब अच्छा फल देते हैं ।
गुरु या शुक्र के घर में केतु ज्यादा परेशानी नहीं करते है ।
💥♦️इसलिए मेरा मानना है कि बिना कुंडली का विश्लेषण कराए राहु , केतु का रत्न कभी भी धारण नहीं करना चाहिए । राहु , केतु यदि आप को 20% लाभ देते हैं तो किसी न किसी प्रकार से 80 % नुकसान भी करते हैं । जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं । इनके स्वामी सूर्य , चंद्रमा , मंगल , बुध , गुरु , शुक्र एवं शनि के होते हैं । जीवन की समस्या को ठीक करने के लिए इन 7 ग्रहों मे से कारक ग्रहों को रत्न द्वारा प्रबल करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है तब राहु केतु का रत्न क्यों धरण करें ।
👉कई बार देखा गया है कि राहु की महादशा होती है तो गोमेद पहना देते हैं । अब मान ले यदि राहु परेशान कर रहा है और उसकी दशा में आप उसको और मजबूत करेंगे तो परेशानी और ज्यादा होगी । जब भी राहु , केतु की दशा आए तो उस समय इन से संबंधित दान करना चाहिए , इनका उपाय लगातार करना चाहिए । मेरा मानना है कि किसी भी व्यक्ति को राहु केतु का रत्न धारण नहीं करना चाहिए । आपके जीवन में समस्या तो किसी और ग्रहों के कारण होती है और जिन्हें यह पता नहीं है वो राहु केतु का रत्न पहना कर आपको और परेशानी में डाल देते हैं ।
👉मेरे पास कई ऐसे लोग हैं जिनको राहु केतु का रत्न पहनाया गया था जिसके कारण उनको कष्ट झेलना पड़ा । जब कोई बच्चा अध्ययन कर रहा हो उस वक्त यदि राहु की दशा आ जाती है तो उसके पढ़ाई में मन नहीं लगता है । पढ़ाई पर पूरा ध्यान नहीं दे पाता है । इसलिए यदि आपके बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हो और उस समय राहु की दशा आए तो उसका उपाय करवाएं एवं उससे संबंधित दान करवाए ।
👉मैंने जितने भी लोगों की कुंडली देखी और उनके जीवन से संबंधित परेशानी को समझा उससे मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा की राहु , केतु का रत्न नहीं धारण करना चाहिए । 🛡️यदि धारण करना भी है तो कुंडली का सही विश्लेषण करने के बाद । 🛡️ राहु की 18 वर्ष की महादशा मैं भी भुगत चुका हूं । मुझसे ज्यादा अच्छे तरीके से कौन समझ सकता है । 100 में से 20 परसेंट ही व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनको राहु केतु परेशान ना करते हो या किसी की कुंडली में राहु केतु का अंश बिल्कुल कमजोर हो जिससे वह बच गया ।
💢 उपाय 💢
👉 राहु के उपाय बुधवार या शनिवार से प्रारंभ करें - जौ , काली उड़द , जटा वाला नारियल , चाय पत्ती , तंबाकू , मूली दान करें । कुष्ठ रोगी या सफाईकर्मी को भोजन कराएं जिसमें काले उड़द की एक सामग्री अवश्य होनी चाहिए । जौ कच्चे दूध से धोकर नदी में विसर्जित करें या पंछियों को खिलाएं । घर में या छत पर किसी भी प्रकार का बंद बिजली का सामान या कबाड़ ना रखें । पारद शिवलिंग स्थापित करके रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का स्वयं जाप करें ।
जब भी समय मिले किसी सार्वजनिक स्थल पर सफाई करें । रुद्राष्टाध्यायी ( पांचवें अध्याय के 16 मंत्र ) का पाठ करते हुए पारद शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें ।
👉केतु के उपाय मंगलवार से प्रारंभ करें - चितकबरा कंबल दान करें । ( किसी गरीब सफाई कर्मी या कुष्ठ रोगी को )
उपाय – काले एवं सफेद तिल के लड्डू गणेश जी को चढ़ा कर बांटें । कुत्ते को दूध एवं ब्रेड खिलाएं , प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाएं । ( काली उड़द की दाल , जौ , बाजरा , काला तिल , सफेद तिल एक साथ मिलाकर पंछियों को प्रतिदिन खिलाएं । )
👉पारद शिवलिंग स्थापना करके रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें ।
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