6 th house
ओम शांति
कल हमने बात की थी छटा भाव क्या है उस से किन किन चीजों का विचार होता है तो आज बात करेंगे कौन कौन सा ग्रह छटे भाव मे क्या फल देगा । चलो आज शुरू करते है ।
1,सूर्ये
अगर छटे भाव मे सूर्ये हो तो यह प्रबल शत्रुहन्ता बनाता है कोई शत्रु इनके आगे टिक नही पता है ।मगर यह जात्ताक को हड्डियों का रोग देता है समाज मे इनका बेहद मान सन्मान होता है । और दूसरों को दिखाने के लिए यह खूब खर्च करते है । कभी कभी इनको आजिविका चुनने मे प्रॉब्लम अति है क्योंकि यह चयन कुछ करते है और काम कुछ । सही गलत का फैंसला नही कर पाते है ।
2,
अगर छटे भाव मे शनि हो जक्तक को यह भी शत्रु हन्ता बनाता है जात्ताक अपने शत्रु को कभी छोड़ता नही है । यह भोगी प्रविर्ती का भी होता है और कलाप्रेमी ओर कविताये लिखने का शौकीन होता है ऐसे जात्ताक को श्वास रोग का सामना करना पड़ता है ।ऐसे लोगो का ननिहाल पक्ष मे मामा की स्थिति अछि नही होती है । अगर भाग्येष कमजोर हो तो जीवन मे बेहद संघर्ष देते है । अगर भाग्येश ठीक है तो स्थिति बदल सकती है । अगर शनि निच अस्त ,या कमजोर हुए तो कस्ट देते है जात्ताक को । ऐसे लोगो के पैरों में कोई न कोई चोट लगती रहती है । क्योंकि इनकी सातवी दृष्टि 12 भाव पर होती है और अगर बारवे भाव के स्वामी पर भी दृष्टि हो शनि की ओर गुरु भी पीड़ित हो तो जात्ताक के पैर कटने तक को नोबत अति है ।
3,
शुक्र अगर छटे भाव मे हो तो जात्ताक को अपने चरित्र पर कंट्रोल करना चाहिए और ऐसे व्यक्ति को कुंडली मिलान करा कर ही शादी करनी चाहिए ।ऐसे लोगो को मित्रो से धोखा ओर ज़िन्दगी मे समाज मे अपमानित भी होना पड़ता है ।ऐसे लोग अगर अपने चरित्र पर अगर कंट्रोल नही करते तो इनको गुप्त रोग होने के चांस होते है । ऐसे जात्ताक किसी के साथ दुशमनी होने पर भी लड़ाई न करे ।यह लोग हर चीज ब्रांडेड लेते है और इसी पर खूब खर्च करते है जितना कमाएगा उतना उड़ाएगा भी यह ।
4,
अगर छटे भाव मे गुरु हो तो जात्ताक का ननिहाल धार्मिक और बड़ा परिवार होगा । ऐसे लोगो को पेट से सम्बित रोग होने की संभावना रहती है ।शत्रु भी इनके पास आ कर शान्त हो जाता है । इनकी दृष्टि दसम ,बारवे ओर दूसरे भाव पर होती है तो कार्ये क्षेत्र मे अच्छी कामयभी मिलती है और बारवे भाव पर दृस्टि डालते है तो जात्ताक।धर्म कर्म में खूब खर्च करता है और दूसरे भाव पर दृष्टि डाल खूब धन संपदा देते है ।
5,
केतु छटे भाव मे हो तो जात्ताक को विचित्र मानसिकता देता है । जात्ताक को हमेशा भरम रहता है उसको कोई रोग लग गया है या लगा है । अगर चन्दर सूर्ये खराब हुए तो जात्ताक को यह भरम ओर बढ़ जाता है ऐसे जातकों को को जानवर या पक्षी नही पालना चाहिये मर सकते है ।केतु जात्ताक को मानसिकता पर बहुत असर डालता है ।ननिहाल वालो से भी सम्बनाद इनके खराब रहते है । आगे कुंडली मे शनि बडिया हुआ तो जात्ताक को समाज मे मान सन्मान ओर पद मिलता है । अगर शनि कमजोर हुआ तो बहुत संघर्ष बढ़ाता है
बाकी छटे भाव पर किसकी दृस्टि है । छटे भाव का स्वामी किस भाव मे बैठा है । किस राशि मे है उस पर किसकी दृस्टि है । किसके ससाथ युति मे तो विश्लेषण बदल जाता है यह यह ज्योतिष सीखने वालों के लिए है । कृपया कोई भी निजी सवाल न करे कुंडली दिखानी हो फीस भरे तभी बात करे
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