कोनसा मंत्र

कलयुग मै कौन सा मंत्र श्रेष्ठ है ❓

वैसे तो बहुत से मंत्र है पर जिन्हे सात्विक और  श्रेष्ठ माना गया है वो है गायत्री मंत्र और हनुमान जी का मंत्र क्या है मंत्र जाप और नियम ❓

मनचाही वस्तु प्राप्ति और इच्छा पूर्ति के लिए मंत्र जप से अधिक अच्छा साधन कोई और नहीं है।मंत्र जाप से पहले शुद्धि जरूरी है इसलिए दैनिक नित्यकर्म से निवृत्त होने और स्नानादि करने के बाद ही जाप करना चाहिए।

मंत्र जाप के नियम

जाप करने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले का समय सबसे उत्तम रहता है, क्योंकि इस समय सारा वातावरण शांत और सकारात्मक होता है।

जाप के स्थान को भी भलिभांति साफ कर लेना चाहिए और एक साफ़ सुथरे आसन पर बैठकर ही जाप करना चाहिए।

साधारण रूप से जाप करने के लिए तुलसी की माला उत्तम रहती है लेकिन यदि किसी कार्य सिद्धि के लिए जाप किया जाए तो देवी-देवता के अनुरूप ही माला लेनी चाहिए। जैसे भगवान शिव के लिए रुद्राक्ष की माला तो लक्ष्मी जी के लिए कमलगट्टे की माला उत्तम मानी जाती है।

जिस भी देवी या इष्ट देवता का जाप कर रहे हैं ,उनकी छवि को दिलो-दिमाग में रखकर ही जाप करना चाहिए , और हररोज कम से कम एक माला ( यानि 108 बार ) का जाप जरूर करना चाहिए। जाप विश्वाश और पूर्ण श्रद्धा से कीजिए।

कलयुग में गायत्री मंत्र श्रेष्ठ मंत्र है , इसके आगे सारी सृष्टि, सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड, सभी देवी, देवता, ऋषि मुनि, महर्षि सब समर्पित है।

विद्यार्थियों के लिए गायत्री मंत्र का जाप बहुत प्रभावशाली होता है। इस मंत्र के जाप से मन एकग्रचित होता है , और ज्ञान की वृद्धि होती है। जो लोग शिक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं , उन्हें हररोज गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इसका जाप प्रातकाल में उचित होता है।

गायत्री मंत्र – ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

अर्थात - उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपने अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करे।

हनुमान चालीसा की चौपाईयाँ मंत्र का ही सर्वश्रेठ रूप है। हनुमान चालीसा का वाचन मंगलवार या शनिवार करना अति शुभ होता है। ध्यान रखें हनुमान चालीसा की इन चौपाइयों को पढ़ते समय उच्चारण की गड़बड़ी या त्रुटि न करें।

1 - यदि किसी को भी किसी प्रकार का भय सताता है। तो नित्य रोज सुबह और शाम 108 बार इस चौपाई का जाप किया जाये तो हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।

भूत-पिशाच निकट नहीं आवे।महावीर जब नाम सुनावे।।

2 - यदि व्यक्ति डॉक्टरों और बीमारियों से घिरा रहता है। तो लगातार निम्न चौपाई सुबह-शाम 108 बार जप करके तथा मंगलवार को श्री हनुमान जी के मंदिर पूरी हनुमान चालीसा के पाठ से रोगों की पीड़ा समाप्त हो जाती है।

नासै रोग हरै सब पीरा।जपत निरंतर हनुमत बल बीरा।।

3 - यदि जीवन में व्यक्ति को सिद्धि और शक्तियों की प्राप्ति करनी है। ताकि जीवन में आरही मुश्किलों का सामना ना करना पड़े तो , रोज ब्रह्म मुहूर्त में आधा घंटा इस चौपाई के जप से चमत्कारिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता।अस बर दीन जानकी माता।।

4 - यदि किसी व्यक्ति को विद्या और धन- सम्पदा चाहिए तो इस चौपाई के जप से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।

विद्यावान गुनी अति चातुर।रामकाज करीबे को आतुर।।

5 - यदि कोई व्यक्ति व्यापार में शत्रुओं से परेशान है । हर जगह ना होती है या व्यक्ति के कार्य नहीं बन पा रहे है । तो हनुमान चालीसा की इस चौपाई का कम से कम 108 बार प्रतिदिन जप करना चाहिए।

भीम रूप धरि असुर संहारे।रामचंद्रजी के काज संवारे।।

आज की भागदौड़ भरे जीवन में संपूर्णता और प्रभुभक्ति का आनंद लेने के लिए श्री हनुमान सर्व सिद्धिदायक मंत्र का जाप करें। ये कलयुग का सर्वश्रेष्ठ मंत्र है ।

समस्त प्रकार के कार्यों में सिद्धि प्राप्त है तो ये मंत्र बहुत प्रभावशाली है । यह मन्त्र सिद्ध करना हो तो श्री हनुमान जी के मन्दिर में जाकर शुद्ध घी का दीपक जलाएं, फूलमालाओं से सुशोभित कर, गुग्गल की धूप करें।

चने की दाल और गुड़ के प्रसाद का भोग लगाकर निम्नलिखित मंत्र का जप करें।

प्रयोजन सिद्ध हेतु एक से कम माला का जप लगातार 11 दिन तक करे। मंत्र जाप की शुरुवात मंगलवार से कीजिए।

“ॐ नमो हनुमते सर्वग्रहान् भूत भविष्यत्-वर्तमानान् दूरस्थ समीपस्यान् छिंधि छिंधि भिंधि भिंधि

सर्वकाल दुष्ट बुद्धानुच्चाट्योच्चाट्य परबलान् क्षोभय क्षोभय मम सर्वकार्याणि साधय साधय।

ॐ नमो हनुमते ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं फट् । देहि ॐ शिव सिद्धि ॐ । ह्रां ॐ ह्रीं ॐ ह्रूं ॐ ह्रः स्वाहा।”

आज के भौतिक युग में मंत्र बहुत प्रभावशाली है , गुरु और ईस्ट देव की सिमरन करके मंत्र जाप करने चाहिए। पूर्ण आस्था से।

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