चंद्र से बनने वाले योग

चंद्र से बनने वाले योग

1- मंगल और चंद्र की युति हो या दृष्टि संबंध हो तो लक्ष्मी योग बनता है इसमें व्यक्ति को  धन संपत्ति की प्राप्ति होती है कुंडली में मंगल और चंद्रमा का एक साथ होना, विशेष रूप से द्वितीय, नवम, दशम या एकादश भाव में, महालक्ष्मी योग बनाता है 
 चंद्रमा और बृहस्पति का युति या दृष्टि संबंध हो तो गज केसरी योग होता है उसको राजा के समान ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है यह योग व्यक्ति को करियर में सफलता, धन, समृद्धि, मान-सम्मान और सुखी जीवन प्रदान करता है। 

चंद्रमा शनि की युति या दृष्टि संबंध हो शनि का योग हो तो विष यौग होता बनता है जिसकी वजह से आदमी को जिंदगी में धन की परेशानी मेंटल टेंशन मानसिक तनाव और ससुराल पद से भी तनाव होता  है विष योग क्योंकि शनि की नकारात्मकता चंद्रमा के सकारात्मक गुणों को प्रभावित करती है, जिससे जीवन में उदासी, निराशा और मानसिक अशांति आ सकती है। 

चंद्र राहु की युति या दृष्टि संबंध ग्रहण योग मानसिक स्थिति कमजोर होना नींद की समस्या होना भी आता है इसी तरह चंद्र केतु का योग ग्रहण योग कहलाता है इसी तरह का फल प्रदान करता है बेतुके  काम करवाता है

जब चंद्रमा के घर से अगले घर में कोई ग्रह स्थित हो, सूर्य को छोड़कर. तो सुल्फा योग बनता है यह योग जातक को धन, प्रसिद्धि और अन्य शुभ फल प्रदान कर सकता

"अनफा योग" ज्योतिष में यह योग है  तब बनता है जब चंद्रमा के साथ कोई ग्रह 12वें भाव में होता है, 
अनफा योग वाले व्यक्ति को जीवन में सुख, सुविधा, यात्राएं, और बातचीत में कुशल माना जाता है

वैदिक ज्योतिष में एक शुभ योग है,दुरधरा योग  जो तब बनता है जब चंद्रमा से दूसरे और बारहवें भाव में शुभ ग्रह स्थित हों। इस योग में सूर्य, राहु और केतु को शामिल नहीं किया जाता है। दुरर्धरा योग जातक को शारीरिक सुंदरता, स्वास्थ्य, संपत्ति और समृद्धि प्रदान कर सकता है।
सूर्य, राहु और केतु को इस योग के निर्माण में शामिल नहीं किया जाता है।
मंगल, बुध, गुरु और शुक्र जैसे ग्रह शुभ माने जाते हैं और इस योग का निर्माण कर सकते हैं।
कुछ ज्योतिषियों के अनुसार, बृहस्पति और शुक्र ग्रह एक ही राशि या घर में एक साथ आने पर भी दुर्धरा योग बनता है। 
दुर्धरा योग के प्रभाव:
शारीरिक सुंदरता और स्वास्थ्य।
धन और समृद्धि।
सुख-सुविधाओं और ऐशोआराम का भोग।
उदारता और दानशीलता।
सफल जीवन और उच्च पद की प्राप्ति।जातक प्रसन्नचित्त और परोपकारी होता है। 
दुर्धरा योग के बारे में कुछ अतिरिक्त बातें:
यह योग सुनफा और अनफा योगों की तुलना में अधिक शक्तिशाली माना जाता है। 
कुछ ज्योतिषियों के अनुसार, दुर्धरा योग में सूर्य को शामिल नहीं किया जाता है। 
यह योग जातक को जीवन में सफलता और खुशहाली प्रदान करता है। दुर्धरा योग में जन्मे व्यक्ति अक्सर दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि चंद्रमा और जो दूसरा ग्रह है उसकी स्थिति मजबूत हो और 6 8,12 में यह युति ना बनती हो नीचे ना हो और शत्रु राशि में न बंनती हो

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