केन्द्राधिपति दोष
केन्द्राधिपति दोष
सबसे पहले यह समझना होगा कि केंद्र क्या है
सबको मालूम है.. 1, 4, 7 और 10 भाव केंद्र भाव हैं
केंद्र भाव खुद में बहुत बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण भाव हैं
क्योंकि समझ लीजिए कि केंद्र भाव एक सेंट्रल ऑथोरिटी है जिसके पास यहां बहुत सारे कार्य हैं और मजबूत एवं ठोस मुद्दे हैं जो केंद्र की जिम्मेदारी है
हर केंद्र के पास अपने अपने त्रिकोण हैं
जैसे
1 के पास 5 और 9
4 के पास 8 और 12
7 के पास 3 और 11
और
10 के पास 2 और 6
अब सोचने वाली बात है
जो ग्रह 1 केंद्र का स्वामी बना उसके पास जिम्मेदारी के लिहाज से कितने ज्यादा काम बढ़ गए हैं
कितना ताना बाना बुनना पड़ेगा उसे क्योंकि अब वो केंद्र का तो ध्यान उसको रखना ही पड़ेगा साथ ही उस केंद्र से जुड़े त्रिकोण को भी अपने सामर्थ्य के अनुसार उसपर शक्ति खर्च करनी पड़ेगी
उसमें भी अगर किसी केंद्र के अपने त्रिकोण में कोई बदमाश ग्रह होंगे तो टेंशन और बढ़ जाएगी।
अब सच्चाई से देखो तो 1 के साथ जिस ग्रह को 2 केंद्र की जिम्मेदारी दे दी जाए
उसमें भी 2 केंद्रों का स्वामी होकर कोई बहुत ही सौम्य सा ग्रह आकर केंद्र में ही बैठे तो उसके ऊपर तो समझिए पेनाल्टी और मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा
क्योंकि 2 केंद्र का स्वामी हो कर वो किसी।एक केंद्र को ही शराफत से चला पाएगा और वो भी उस सौम्य ग्रह के लिए एक चैलेंज होगा
वहीं जब उसको 2 भाव यानी 2 केंद्र भाव दे दिया जाएगा तो उस सौम्य ग्रह के लिए 1 केंद्र संभालने में मुश्किलें आ रही थीं अब तो 2 केंद्र है
इससे ग्रह खुद भी बर्डन में रहेगा और उसके केंद्र भाव भी असमंजस और अराजकता की स्थिति में परेशानी पैदा करते चले जायेंगे
पर इतना भी भयभीत होने की आवश्यकता नहीं
क्योंकि और ग्रहों के सहयोग से कई बार के०प० दोष भंग भी होता
यही है केन्द्राधिपति दोष की सच्चाई...
##) कि एक तो यह केंद्र के मालिकों को दोष लगता है जब केंद्र के स्वामी होकर केंद्र में ही बैठ जाएं
खाकर मिथुन/कन्या/धनु और मीन
क्योंकि यहां बुध और गुरु 2-2 केंद्रों के मालिक हो जाते हैं
##) दूसरा यह कि केंद्र के स्वामी होकर खुद भी केंद्र भाव में ही बैठे हों
------> इसके पीछे का कारण यह है कि केंद्र में जो भी ग्रह बैठा होगा उसको बड़ी जिम्मेदारियों को संभालने का दायित्व दे दिया जाता है।
अगर केंद्र का मालिक।होकर केंद्र से बाहर बैठ जाए तो उसको कोई दोष नहीं लगेगा क्योंकि टेंशन वाले।जोन से अब वो बाहर आ गया है
पर देखो केंद्र की टेंशन जिम्मेदारियों की है जैसे कोई पॉलिटिकल या एडमिनिस्ट्रेटिव जिम्मेदारी
पर केंद्र के बाहर और भी कई सारे जानलेवा या अनजाने खतरे भी होते हैं हमें उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
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