व्यापार वृद्धि यंत्र (Vyapar Vriddhi Yantra) की विस्तृत जानकारी
📈 व्यापार वृद्धि यंत्र (Vyapar Vriddhi Yantra) की विस्तृत जानकारी
🕉️ व्यापार वृद्धि यंत्र विशेष रूप से व्यवसाय, व्यापार और करियर में सफलता, विस्तार और लाभ सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह यंत्र देवी लक्ष्मी, बुध (जो व्यापार के देवता हैं), और गणेश (जो विघ्नहर्ता हैं) की संयुक्त शक्तियों को समाहित करता है। यह यंत्र व्यापार में आने वाली बाधाओं, वित्तीय जोखिमों और प्रतिस्पर्धा को कम करने में सहायक होता है। इसकी साधना से व्यवसाय में स्थिरता, उन्नति और अखंड धन लाभ प्राप्त होता है। यह यंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो नया व्यवसाय शुरू कर रहे हैं या पुराने व्यवसाय में मंदी का सामना कर रहे हैं।
🕉️ निर्माण विधि (Nirman Vidhi)
व्यापार वृद्धि यंत्र एक ज्यामितीय आरेख है जिसमें विशिष्ट अंक, बीज मंत्र और चक्र शामिल होते हैं, जो धन, बुद्धि और सफलता के तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस यंत्र में अक्सर श्री यंत्र और कुबेर यंत्र के कुछ हिस्सों का मिश्रण देखने को मिलता है, क्योंकि यह धन के आगमन और स्थायित्व दोनों पर केंद्रित होता है। इसे मुख्य रूप से ताँबा या पंचधातु पर उत्कीर्ण किया जाता है, यद्यपि व्यापार स्थल पर रखने के लिए इसे सोने या चाँदी पर भी बनवाया जाता है। सर्वोत्तम परिणाम के लिए, इसका निर्माण शुभ बुधवार या शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र जैसे शुभ मुहूर्त में पूरी शुद्धता और मंत्रोच्चारण के साथ किया जाना चाहिए। व्यापार वृद्धि यंत्र को उपयोग करने से पहले मंत्रों द्वारा सिद्ध और प्राण-प्रतिष्ठित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि यंत्र में अपेक्षित ऊर्जा का संचार हो सके।
🕉️ स्थापना प्रक्रिया (Sthapana Prakriya)
व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना के लिए बुधवार (बुध व्यापार के कारक हैं) या शुक्रवार (शुक्र लक्ष्मी के कारक हैं) का दिन उत्तम माना जाता है। धनतेरस या दीपावली के दिन इसकी स्थापना करना सबसे अधिक शुभ फलदायी होता है।
👉 दिशा: इस यंत्र को व्यापार स्थल, दुकान या कार्यालय में उत्तर या पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। इसे कैश काउंटर या मुख्य मेज पर भी रखा जा सकता है।
👉 शुद्धिकरण: स्थापना से पहले साधक को स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए। यंत्र को गंगाजल से और फिर पंचामृत से धोकर साफ करें।
👉 आसन: एक साफ़ चौकी पर लाल या हरा वस्त्र बिछाएँ। यंत्र को उस वस्त्र पर स्थापित करें।
👉 स्थापना: धूप, घी का दीपक (बुधवार को देसी घी का और शुक्रवार को तेल का) जलाएँ। यंत्र पर हल्दी, कुमकुम और अक्षत अर्पित करें। पीले या हरे रंग के फूल और मिठाई का भोग लगाएँ। इसके बाद गणेश, लक्ष्मी और बुध का ध्यान करते हुए मंत्र जाप के साथ स्थापना करें।
👉 पूजा विधि और सिद्धि (Puja Vidhi aur Siddhi)
व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा प्रतिदिन व्यापार शुरू करने से पहले करनी चाहिए।
👉 नियमित पूजा: प्रतिदिन व्यापार स्थल खोलने के बाद यंत्र के सामने धूप और दीपक जलाएँ। हल्दी और कुमकुम से तिलक करें।
👉 मंत्र जाप: रुद्राक्ष या कमलगट्टे की माला से प्रतिदिन बुध मंत्र और लक्ष्मी मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। व्यापार शुरू करने से पहले यंत्र के सामने कुछ देर ध्यान लगाना लाभदायक होता है।
👉 सिद्धि के लिए: यंत्र की पूर्ण सिद्धि के लिए किसी शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश-बुध के संयुक्त मंत्रों का जाप 21 माला की संख्या में लगातार 41 दिनों तक करना चाहिए।
👉 पूजा की सामग्री (Samagri)
घी का दीपक, धूप/अगरबत्ती, शुद्ध जल, पंचामृत, गंगाजल, हल्दी, कुमकुम (रोली), अक्षत (चावल), पीले/हरे/लाल फूल, कमलगट्टे की माला, नैवेद्य (भोग जैसे बेसन के लड्डू या पीली मिठाई)।
🕉️ प्रभाव (Effects): घर की ऊर्जा, धन, स्थिति और पहचान
व्यापार वृद्धि यंत्र का प्रभाव सीधा व्यापार और उससे जुड़ी सफलता पर होता है।
👉 व्यापार स्थल की ऊर्जा (Energy of commercial place): व्यापार स्थल पर स्थापित होने पर, यह यंत्र नकारात्मक ऊर्जा और ईर्ष्या (Jealousy) के बुरे प्रभावों से रक्षा करता है। यह स्थान पर सकारात्मकता, उत्साह और विश्वास का संचार करता है, जिससे कार्य करने वालों की उत्पादकता बढ़ती है।
👉 धन (Finances): यह यंत्र व्यापार में अवरोधों को दूर करता है, ग्राहकों की संख्या बढ़ाता है और बिक्री में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित करता है। यह आर्थिक जोखिम को कम करता है, धन का प्रवाह बढ़ाता है और बकाया वसूली में मदद करता है।
👉 स्थिति और पहचान (Status and Recognition): व्यापार में निरंतर सफलता और लाभ मिलने से व्यापारी की सामाजिक स्थिति (Status) और प्रतिष्ठा बढ़ती है। यह अच्छी डील प्राप्त करने और सही निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे व्यापारी वर्ग में उसकी विशेष पहचान बनती है।
🕉️ सिद्धि हेतु मंत्र और स्तोत्र (Siddhi Mantra and Stotra)
व्यापार वृद्धि यंत्र की सिद्धि के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप अत्यंत प्रभावशाली है:
👉 गणेश मंत्र (विघ्न निवारण हेतु):
"ॐ गं गणपतये नमः।"
👉 बुध मंत्र (व्यापार और बुद्धि हेतु):
"ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।"
👉 लक्ष्मी मंत्र (धन लाभ हेतु):
"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।"
👉 संयुक्त व्यापार वृद्धि मंत्र:
"ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः, ॐ श्रीं श्रीं श्रीं परम सिद्धि व्यापार वृद्धि नमः।"
👉 स्तोत्र:
व्यापार में सफलता के लिए लक्ष्मी चालीसा, कनकधारा स्तोत्र या बुध स्तोत्र का नियमित पाठ करना यंत्र की शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है।
#VyaparVridhi #vyaparvriddhiyantra #yantra
Comments
Post a Comment