मंगल ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को एक उग्र और ऊर्जा प्रधान ग्रह माना जाता है। जब मंगल अन्य ग्रहों के साथ अशुभ युति या संयोग करता है, तो यह नकारात्मक प्रभाव पैदा कर सकता है। ऐसे संयोग व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, हिंसा, विवाद, दुर्घटनाएं, मानसिक अशांति और आर्थिक समस्याएं ला सकते हैं। आइए जानते हैं मंगल की अन्य ग्रहों के साथ अशुभ युतियां और उनके प्रभाव: 1. मंगल + शनि (मंगल-शनि युति) प्रभाव: यह युति अत्यधिक संघर्ष, दुर्घटनाओं, मानसिक तनाव और कड़ी मेहनत के बावजूद सफलता में देरी का कारण बनती है। व्यक्ति गुस्सैल और अस्थिर स्वभाव का हो सकता है। शारीरिक चोट, अपघात या कानूनी विवाद हो सकते हैं। यह युति विशेष रूप से तब अशुभ होती है, जब यह 6, 8, या 12वें भाव में हो। उपाय: मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें। शनि और मंगल के शांति उपाय करें। 2. मंगल + राहु (अंगारक योग) प्रभाव: यह युति व्यक्ति को हिंसक, क्रोधी और दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील बना देती है। जातक को गुप्त शत्रुओं और कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। परिवार में विवाद और मानसिक अशांति बनी रहती है। यह युति विशेष रूप से 1, 4, 7, 8,...