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इस कलयुग में जिसका राहु बिगड़ा होता है उस इंसान का सबसे पहले अपनी औलाद से संबंध

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इस कलयुग में जिसका राहु बिगड़ा होता है उस इंसान का सबसे पहले अपनी औलाद से संबंध बिगड़ जाता है या उसकी औलाद ही बिगड़ जाती है 💫उसके द्वारा बच्चों को दी गई अच्छी शिक्षा,संस्कार,ज्ञान सब धरा रह जाता है जब राहु की खराब ऊर्जाएं जन्म पत्री में एक्टिव हो कर घर परिवार की जिंदगी में घुस जाती है। बच्चे माता पिता के शत्रु बनते है या माता पिता बच्चों के शत्रु बनते है जब राहु बिगड़ता है। जिनका राहु अच्छा होगा उस इंसान के बच्चे आज्ञाकारी और संस्कारी होंगे, अपने जीवन में सफल और कामयाब होंगे। राहु इंसान को करोड़पति बनाता है और खराब होने पर रोडपति बना देता है। राहु पीछे लग जाता है तो इंसान का हर फैसला गलत और उल्टा पड़ता है,वह जो भी काम करता है पुरु नहीं होता है, काम कारोबार में नफे की जगह तेजी से नुकसान होने लगता है और कर्ज स्पीड से बढ़ जाता है, इंसान को सोचने समझने का टाइम भी नहीं मिलता है और उसकी हंसती खेलती दुनिया उलट पलट जाती है,ऐसों आराम से जिंदगी जीने वाले लोग राहु की वजह से दर दर की ठोकर खाने को मजबूत हो जाते है। गाड़ी बंगला,दुकान मकान,बाप दादाओं की प्राप्तियां आदि सब बिकवा देता है र...

व्यापार वृद्धि यंत्र (Vyapar Vriddhi Yantra) की विस्तृत जानकारी

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📈 व्यापार वृद्धि यंत्र (Vyapar Vriddhi Yantra) की विस्तृत जानकारी 🕉️ व्यापार वृद्धि यंत्र विशेष रूप से व्यवसाय, व्यापार और करियर में सफलता, विस्तार और लाभ सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह यंत्र देवी लक्ष्मी, बुध (जो व्यापार के देवता हैं), और गणेश (जो विघ्नहर्ता हैं) की संयुक्त शक्तियों को समाहित करता है। यह यंत्र व्यापार में आने वाली बाधाओं, वित्तीय जोखिमों और प्रतिस्पर्धा को कम करने में सहायक होता है। इसकी साधना से व्यवसाय में स्थिरता, उन्नति और अखंड धन लाभ प्राप्त होता है। यह यंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो नया व्यवसाय शुरू कर रहे हैं या पुराने व्यवसाय में मंदी का सामना कर रहे हैं। 🕉️ निर्माण विधि (Nirman Vidhi) व्यापार वृद्धि यंत्र एक ज्यामितीय आरेख है जिसमें विशिष्ट अंक, बीज मंत्र और चक्र शामिल होते हैं, जो धन, बुद्धि और सफलता के तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस यंत्र में अक्सर श्री यंत्र और कुबेर यंत्र के कुछ हिस्सों का मिश्रण देखने को मिलता है, क्योंकि यह धन के आगमन और स्थायित्व दोनों पर केंद्रित होता है। इसे मुख्य रूप से ताँबा या पं...

rahu mahadasha

--- राहु महादशा – सरल और गहरी व्याख्या (Hindi Version) राहु महादशा शुरू होते ही सबसे पहले मंगल महादशा के प्रभाव कमजोर हो जाते हैं। मंगल जहाँ मेहनत, परिश्रम और संघर्ष के बाद देता है, वहीं राहु बिना मेहनत-पसीना बहाए इच्छा जगाता है, इसलिए इसे “एक्टिवेटर” से ज्यादा “डिऐक्टिवेटर” कहा गया है। राहु की महादशा विशेष रूप से शनि और केतु जैसे कठोर ग्रहों को सक्रिय कर देती है। --- 🌑 राहु महादशा किन गुणों को सक्रिय करती है? 1. जीवन में गहरा परिवर्तन 2. भौतिक चीजों के प्रति अधिक आकर्षण 3. मानसिक सुस्ती—केंद्रित होना मुश्किल 4. पुराने जीवन-पैटर्न टूट जाते हैं 5. नए, अनजाने हालातों में खुद को पाना 6. महादशा शुरू होने पर पुराने धन/सपोर्ट का नुकसान भी संभव 7. गलतफहमियाँ 8. बागी स्वभाव 9. समाजिक अस्वीकृति या दूरियाँ 10. अद्भुत/रहस्यमय अनुभव 11. जीवन में किसी ‘विदेशी तत्व’ का प्रवेश (विदेश यात्रा, विदेशी लोग, विदेशी नौकरी आदि) 12. गहरी, दबी इच्छाएँ ऊपर आना – ओब्सेशन 13. नशे या लत वाली चीजों की ओर झुकाव --- 🕒 राहु–राहु अंतर्दशा (2 वर्ष 8 माह 12 दिन) यह पूरी तरह एडजस्टमेंट पीरियड होता है। राहु यहाँ वही परि...

राहु से पीड़ित व्यक्ति के लक्षण 😊

*राहु से पीड़ित व्यक्ति के लक्षण 😊* 🩺 *शारीरिक लक्षण* 1. *सिरदर्द, माइग्रेन, भ्रम* 2. *पाचन समस्याएं (गैस, एसिडिटी, IBS)* 3. *त्वचा रोग (एलर्जी, दाद, खुजली)* 4. *बाल झड़ना, कमजोर नाखून* 5. *हड्डियों/जोड़ों में दर्द* 6. *नशे की लड़ाई (अल्कोहल, स्मार्टफोन)* 7. *निद्रा न आना, थकान* 🧘‍♂️ *मानसिक/भावनात्मक लक्षण* 1. *अस्थिरता, चिंता, तनाव* 2. *डर, असुरक्षा, भ्रम* 3. *चिड़चिड़ापन, गुस्सा, निर्णय में भटकाव* 4. *अकेलापन, आत्मविश्वास की कमी* 5. *धोखा देने/झूठ बोलने की प्रवृत्ति* 6. *सपनों में सांप, छिपकली, गंदगी* 💸 *कार्य/कारोबार/धन* 1. *अचानक आर्थिक नुकसान, धोखाधड़ी* 2. *काम में रुकावट, प्रमोशन में देरी* 3. *कानूनी मुद्दे, कोर्ट-केस* 4. *शॉर्टकट/गलत तरीकों का आकर्षण* 👥 *रिश्ते* 1. *कलह, गलतफहमी, दूरी* 2. *पार्टनर/परिवार से विवाद* 3. *अस्थिर प्रेम/विवाह* 🔮 *आध्यात्मिक/गूढ़* 1. *नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत का भय* 2. *अध्यात्म में भ्रम, गलत मार्गदर्शन* 3. *अदृश्य शक्तियों का प्रभाव* **⚠️ सावधानियां - *राहु की स्थिति:* कुंडली में बल, दृष्टि, युति। - *दशा/गोचर:* राहु महादशा/अंतर्दशा। - *उपाय जर...

rahu and.love life

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🕉️ राहु और प्रेम जीवन: भ्रम, आसक्ति और तीव्र इच्छाएँ (Rahu and Love Life: Illusion, Obsession, and Intense Desires) राहु (Rahu) नवग्रहों में एक अत्यंत शक्तिशाली छाया ग्रह है, जो तीव्र इच्छाओं (Desires), मोह (Illusion), असंतुष्टि, आकस्मिकता, विदेश, तकनीक और धोखे का कारक है। यह 'तमस' गुण प्रधान ग्रह है और व्यक्ति को सांसारिक माया (Maya) और महत्वाकांक्षाओं की ओर धकेलता है। प्रेम जीवन के संदर्भ में, राहु का प्रभाव अत्यधिक आकर्षण, जुनून (Obsession), गैर-पारंपरिक संबंध और भ्रम से भरा होता है। 1. राहु का महत्व और कारकत्व (Significance and Karkatva) राहु को वैदिक ज्योतिष में निम्नलिखित का कारक माना जाता है: 👉 कारकत्व (Karkatva): तीव्र इच्छाएँ, सांसारिक सफलता, विदेश यात्रा, राजनीति, भ्रम, मोह, असंतुष्टि, प्रसिद्धि, गुप्त विद्याएँ, त्वचा रोग, झूठ, जुआ, दादा/नाना/पितामह (Grandfather) पक्ष और गैर-पारंपरिक संबंध (Unconventional Relationships)। 👉 राहु का स्वभाव: राहु का स्वभाव शनि के समान माना गया है ("शनिवत राहु")। यह धीमी गति से परिणाम देता है, लेकिन परिणाम अत्यधिक...

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🔥 छाया ग्रह केतु: वैराग्य, मोक्ष और रहस्य का कारक! क्या आपकी कुंडली में छाया ग्रह केतु आपको उलझन में डाल रहा है? ज्योतिष में केतु को एक रहस्यमय ग्रह माना जाता है, जिसका प्रभाव अचानक और गहरा होता है। आइए, इस वैरागी ग्रह के महत्व, जीवन पर इसके प्रभाव और इसे शांत करने के अचूक उपायों के बारे में विस्तार से जानें। 📜 प्राचीन कथा और केतु का महत्व हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, केतु की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। जब असुर स्वर्भानु छल से देवताओं के साथ अमृत पीने लगा, तो भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। अमृत पान के कारण उसका धड़ अमर हो गया, जो बाद में केतु कहलाया, जबकि सिर वाला भाग राहु कहलाया। इस कारण केतु को 'धड़' या 'ध्वजा' का प्रतीक भी माना जाता है। ज्योतिष में केतु को अध्यात्म, मोक्ष, वैराग्य, गुप्त ज्ञान, और शोध का कारक माना जाता है। इसका अपना कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, यह जिस ग्रह या राशि के साथ बैठता है, उसी के अनुसार फल देता है। यह व्यक्ति को भौतिक सुखों से दूर करके आंतरिक शांति और सत्य की खोज की ओर प्रेरित करत...

पूजा में यंत्रों का महत्त्व क्यों?〰️〰️🌼〰️🌼〰️🌼〰️〰️

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पूजा में यंत्रों का महत्त्व क्यों? 〰️〰️🌼〰️🌼〰️🌼〰️〰️ विद्वानों का मानना है कि पूजा के स्थान पर देवी देवताओं के यंत्र रख कर उनकी पूजा उपासना करने से अधिक उत्तम फल मिलता है, क्योंकि देवी-देवता यंत्र में स्वयं वास करते हैं। अतः मंत्रों की तरह ही यंत्र भी शीघ्र सिद्धि देने वाले होते हैं। यों भी कहा जा सकता है कि यंत्र, मंत्रों का चित्रात्मक प्रदर्शन हैं, देवता का शरीर है और मंत्र देवता की आत्मा। यंत्र का तात्पर्य चेतना अथवा सजगता को धारण करने का माध्यम या उपादान माना गया है। ये ज्यामितीय आकृतियां होते हैं, जो त्रिभुज, अधोमुखी त्रिभुज, वृत्त, वर्ग, पंच कोण तथा षट्कोणीय आदि आकृतियों के होते हैं। मंडल का अर्थ वर्तुलाकर आकृति होता है, जो ब्रह्मांडीय शक्तियों से आवेशित होती है। यंत्र की नित्य पूजा उपासना और दर्शन से व्यक्ति को अभीष्ट की पूर्ति तथा इष्ट की कृपा प्राप्त होती है। इन्हीं अनुभवों को ध्यान में रखते हुए हमारे पूर्वज मनीषियों ने यंत्रों का निर्माण सर्वसाधारण के लाभ हेतु किया। ध्यान रखें कि यंत्रों को प्राणप्रतिष्ठित कराकर ही पूजा स्थल में रखें, तभी वे फलदायी होंगे। भुवनेश्...