rahu mahadasha
--- राहु महादशा – सरल और गहरी व्याख्या (Hindi Version) राहु महादशा शुरू होते ही सबसे पहले मंगल महादशा के प्रभाव कमजोर हो जाते हैं। मंगल जहाँ मेहनत, परिश्रम और संघर्ष के बाद देता है, वहीं राहु बिना मेहनत-पसीना बहाए इच्छा जगाता है, इसलिए इसे “एक्टिवेटर” से ज्यादा “डिऐक्टिवेटर” कहा गया है। राहु की महादशा विशेष रूप से शनि और केतु जैसे कठोर ग्रहों को सक्रिय कर देती है। --- 🌑 राहु महादशा किन गुणों को सक्रिय करती है? 1. जीवन में गहरा परिवर्तन 2. भौतिक चीजों के प्रति अधिक आकर्षण 3. मानसिक सुस्ती—केंद्रित होना मुश्किल 4. पुराने जीवन-पैटर्न टूट जाते हैं 5. नए, अनजाने हालातों में खुद को पाना 6. महादशा शुरू होने पर पुराने धन/सपोर्ट का नुकसान भी संभव 7. गलतफहमियाँ 8. बागी स्वभाव 9. समाजिक अस्वीकृति या दूरियाँ 10. अद्भुत/रहस्यमय अनुभव 11. जीवन में किसी ‘विदेशी तत्व’ का प्रवेश (विदेश यात्रा, विदेशी लोग, विदेशी नौकरी आदि) 12. गहरी, दबी इच्छाएँ ऊपर आना – ओब्सेशन 13. नशे या लत वाली चीजों की ओर झुकाव --- 🕒 राहु–राहु अंतर्दशा (2 वर्ष 8 माह 12 दिन) यह पूरी तरह एडजस्टमेंट पीरियड होता है। राहु यहाँ वही परि...