विवाह
भृगु संहिता के अनुसार, जानें कैसा होगा विवाह के बाद लड़की का भविष्य सामान्यत: सभी माता-पिता अपनी कन्या का विवाह करने के लिए वर की कुंडली का गुण मिलान करते हैं। कन्या के भविष्य के प्रति चिंतित माता-पिता का यह कदम उचित है। किन्तु इसके पूर्व उन्हें यह देखना चाहिए कि लड़की का विवाह किस उम्र में, किस दिशा में तथा कैसे घर में होगा? उसका पति किस वर्ण का, किस सामाजिक स्तर का तथा कितने भाई-बहनों वाला होगा? ज्योतिष के अनुसार यह पता किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति के जीवन साथी का स्वभाव और भविष्य कैसा हो सकता है। यहां भृगु संहिता के अनुसार बताया जा रहा है कि किसी स्त्री के जीवन साथी का स्वभाव कैसा और उनका वैवाहिक जीवन कैसा होगा। कुंडली का सप्तम भाव विवाह का कारक स्थान माना जाता है। अलग-अलग लग्न के अनुसार इस भाव की राशि और स्वामी भी बदल जाते हैं। अत: यहां जैसी राशि रहती है, व्यक्ति का जीवन साथी भी वैसा ही होता है। लड़की की जन्म लग्न कुंडली से उसके होने वाले पति एवं ससुराल के विषय में सब कुछ स्पष्टत: पता चल सकता है। ज्योतिष विज्ञान में फलित शास्त्र के अनुसार लड़की की ...