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Showing posts from September, 2020

सायरी

જિંદગીની સફર ને હું 🚶 હસતા હસતા કાપતો ગયો , રસ્તે ઘણી ખુશીઓ વેરાયેલી હતી , તેને વિણતો ગયો મુરઝાયા પછી પણ 🥀 મારી સુવાસની ચર્ચા છે અહીં , વસંત તો શું , હું તો પાનખરમાં પણ ખીલતો ગયો ,🌻 ઉંચાઈએ રહેવાનો મને મોહ જરા પણ નથી દોસ્તો, હું એ તારો છું જે ✨ બીજાની ઈચ્છા પુરવા ખરતો ગયો , સમય સાથે સમજાયું નથી મળતી ખુશીઓ જ હંમેશા , ખુશ રહેવા દુઃખને પણ હસીને માણતા શીખતો ગયો આ મુસ્કાન જોઈ એમ ન માનતા કે રડયો નથી હું ક્યારેય , પણ આંસુઓની શ્યાહી બનાવી 😢 શબ્દોમાં વ્યથા લખતો ગયો કોશિશ તો કેટલીયે કરી હશે જિંદગીએ મને રડાવવાની, પણ સવાલ વટનો હતો, હું હંમેશા હસીને જીવતો ગયો...  🍁🌻🌻🙏🌻🌻🍁

gyan sarita

જોડણીભેદથી અર્થભેદ થતો હોય તેવા શબ્દો. નીચેના શબ્દોમાં ઇ-ઉ બદલાતાં અર્થ બદલાતો હોવાથી તે શબ્દોની જોડણી. દિન – દિવસ                       દીન – ગરીબ દ્બિપ – હાથી                       દ્બીપ – બેટ પાણિ –  હાથ                     પાણી – જળ અહિ – સાપ                      અહીં – આ સ્થળે પુર – શહેર                        પૂર – રેલ રવિ – સૂર્ય                         રવી – શિયાળુ પાક વધુ – વધારે                       વધૂ – વહુ વિણ – વિના                      વીણ – પ્રસવવેદના સુર – દેવ                          સૂર –સૂરજ,અવાજ કુંજન – ખરાબ માણસ        કૂજન –  મધુર ગાન સલિલ – પાણી                  સલીલ – લીલાયુકત વારિ – પાણી                     વારી – વારો,ક્રમ ષષ્ઠિ – સાઠ                      ષષ્ઠી – છઠ્ઠી પિન – ટાંકણી                    પીન – પુષ્ટ રતિ – કામદેવની પત્ની         રતી – ચણોઠી જેટલું વજન શિલા – મોટો પથ્થર            શીલા – શીલાવતી સ્ત્રી ચિર – લાંબા કાળનું             ચીર – વસ્ત્ર,ફળની ચીરી જિત – જિતાયેલું               જીત – જય કુલ – એકંદર,કુટુંબ              કલ – કિનારો ગુણ – મૂળ

अद्भुत कहानी

*✒️..... अद्भुत  कहानी !!* एक दिन, *मेरे पिता ने हलवे के 2 कटोरे बनाये और उन्हें मेज़ पर रख दिया।*      एक के ऊपर 2 बादाम थे, जबकि दूसरे कटोरे में हलवे के ऊपर कुछ नहीं था।      फिर उन्होंने मुझे हलवे का कोई एक कटोरा चुनने के लिए कहा, क्योंकि उन दिनों तक हम गरीबों के घर बादाम आना मुश्किल था.... मैंने 2 बादाम वाले कटोरे को चुना!       मैं अपने बुद्धिमान विकल्प / निर्णय पर खुद को बधाई दे रहा था, और जल्दी जल्दी मुझे मिले 2 बादाम हलवा खा रहा था।       परंतु मेरे आश्चर्य का ठिकाना नही था, जब मैंने देखा कि की मेरे पिता वाले कटोरे के नीचे *4 बादाम* छिपे थे!      बहुत पछतावे के साथ, मैंने अपने निर्णय में जल्दबाजी करने के लिए खुद को डांटा।       मेरे पिता मुस्कुराए और मुझे यह याद रखना सिखाया कि,     *आपकी आँखें जो देखती हैं वह हरदम सच नहीं हो सकता, उन्होंने कहा कि यदि आप स्वार्थ की आदत की अपनी आदत बना लेते हैं तो आप जीत कर भी हार जाएंगे।*      अगले दिन, मेरे पिता ने फिर से हलवे के 2 कटोरे पकाए और टेबल पर रक्खे एक कटोरा के शीर्ष पर 2 बादाम और दूसरा कटोरा जिसके ऊपर कोई बादाम नहीं था।      फिर से उ

rahu ketu transit

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Let's get ready for Rahu ketu Latest Transit  With Rahu InTaurus. Ketu In Scorpio. Now, In mundane life, when we shift our home, it takes lots of efforts and time to get settle in our home, same happens When malefics like Rahu Ketu changes its sign. They create a lot of chaos before entering any sign or before leaving any sign due to their malefic nature, so heavy effects r felt while their ongoing outgoing process. So, it's better, give them a gud time to adjust meanwhile dnt get panic. In simpler words, Rahu is Your Quest Ketu is ur available resources, So wherever they go, they naturally brings those matters highlighted & kind of push & Pull towards the significances of those respective houses. Settling of Rahu in Taurus means : Your highest quest now will be to shapen ur natural talents, ur hidden gifted skills, with a lesson to learn, what is truly urs will come back to you. On other Hand, Ketu in Scorpio Ketu is Your Resources Scorpio Seek Desired Change Ketu in S

नारी

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*मैं नारी......* मै नारी नदी सी मेरे दो किनारे। एक किनारे ससुराल,  दूजी ओर मायका दोनों मेरे अपने फिर भी अलग दोनों का जायका। एक तरफ मां जिसकी कोख का मैं हिस्सा । दूजी ओर सास जिनके लाल संग  जुड़ा मेरे  जीवन भर का किस्सा  एक तरफ पिता  , जिनसे है अपनत्व की धाक। दूजी ओर ससुरजी जिनकी हैं सम्मान की साख। मायके का आँगन मेरे जन्म की किलकारी ससुराल का आँगन  मेरे बच्चों की चिलकारी मायके में मेरी बहने , मेरी हमजोली ससुराल में मेरी ननदे है, शक्कर सी मीठी गोली। मायके में मामा , काका है पिता सी मुस्कान ससुराल के देवर जेठ हैं तीखे में मिष्टान। मायके में भाभी    है ममता के खजाने की चाबी । ससुराल में देवरानी जेठानी हैं मेरी तरह ही बहती नदी का पानी। मायके में मेरा भईया एक आस जो बनेगा दुख में मेरी नय्या ससुराल में मेरे प्राणप्रिय सैया जो हैं मेरे जीवन के खेवैया। ससुराल ओर मायका हैं दो नदी की धारा जो एक नारी में समाकर नारी को बनाती है सागर सा गहरा।  *नारी शक्ति को प्रणाम

Lakshmi

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. In Srimad Devi Bhagwat Purana's 1st book and 4th chapter. Devi addressed Trimurti as follows: . "I am Adi Parashakti. I am the owner of this universe. I am the Absolute Reality. I am dynamic in feminine form and static in masculine form. You have appeared to govern the universe through my energy. You are the masculine form of Absolute Reality, while I am the feminine form of that Reality. I am beyond form, beyond everything, and all the powers of God are contained within me. You must know that I am the Eternal limitless energy. . She then said: Brahma! You will be generator of the universe; the Goddess Sharada (Saraswati) is your consort, she will be recognized as the goddess of wisdom and the primeval sound. Lord Brahma, this goddess will be with you when you create the universe. . She continued: Lord Narayana (Krishna)! You are formless, yet you take form. I assign you to be the preserver of the universe. You will take a different incarnations in order to save this univers

शिवलिंग रेडियोएक्टिव होते हैं?

Kya Shivling Radioactive hote hai  क्या शिवलिंग रेडियोएक्टिव होते हैं? हाँ १००% सच है!! भारत का रेडियो एक्टिविटी मैप उठा लें, हैरान हो जायेंगे! भारत सरकार के न्युक्लियर रिएक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगों के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया जाता है। ▪️ शिवलिंग और कुछ नहीं बल्कि न्युक्लियर रिएक्टर्स ही तो हैं, तभी तो उन पर जल चढ़ाया जाता है, ताकि वो शांत रहें। ▪️ महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे कि बिल्व पत्र, आकमद, धतूरा, गुड़हल आदि सभी न्युक्लिअर एनर्जी सोखने वाले हैं। ▪️ क्यूंकि शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है इसीलिए तो जल निकासी नलिका को लांघा नहीं जाता। ▪️ भाभा एटॉमिक रिएक्टर का डिज़ाइन भी शिवलिंग की तरह ही है।[1] ▪️ शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल नदी के बहते हुए जल के साथ मिलकर औषधि का रूप ले लेता है। ▪️ तभी तो हमारे पूर्वज हम लोगों से कहते थे कि महादेव शिवशंकर अगर नाराज हो जाएंगे तो प्रलय आ जाएगी। ▪️ ध्यान दें कि हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है। ▪️ जिस संस्कृति की कोख से हमने जन्म लिया है, वो तो चिर सनातन है। विज्ञान को परम्पराओं का जामा इसलिए पहनाया

शिवलिंग रेडियोएक्टिव होते हैं?

Kya Shivling Radioactive hote hai  क्या शिवलिंग रेडियोएक्टिव होते हैं? हाँ १००% सच है!! भारत का रेडियो एक्टिविटी मैप उठा लें, हैरान हो जायेंगे! भारत सरकार के न्युक्लियर रिएक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगों के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया जाता है। ▪️ शिवलिंग और कुछ नहीं बल्कि न्युक्लियर रिएक्टर्स ही तो हैं, तभी तो उन पर जल चढ़ाया जाता है, ताकि वो शांत रहें। ▪️ महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे कि बिल्व पत्र, आकमद, धतूरा, गुड़हल आदि सभी न्युक्लिअर एनर्जी सोखने वाले हैं। ▪️ क्यूंकि शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है इसीलिए तो जल निकासी नलिका को लांघा नहीं जाता। ▪️ भाभा एटॉमिक रिएक्टर का डिज़ाइन भी शिवलिंग की तरह ही है।[1] ▪️ शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल नदी के बहते हुए जल के साथ मिलकर औषधि का रूप ले लेता है। ▪️ तभी तो हमारे पूर्वज हम लोगों से कहते थे कि महादेव शिवशंकर अगर नाराज हो जाएंगे तो प्रलय आ जाएगी। ▪️ ध्यान दें कि हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है। ▪️ जिस संस्कृति की कोख से हमने जन्म लिया है, वो तो चिर सनातन है। विज्ञान को परम्पराओं का जामा इसलिए पहनाया

शिवलिंग रेडियोएक्टिव होते हैं?

Kya Shivling Radioactive hote hai  क्या शिवलिंग रेडियोएक्टिव होते हैं? हाँ १००% सच है!! भारत का रेडियो एक्टिविटी मैप उठा लें, हैरान हो जायेंगे! भारत सरकार के न्युक्लियर रिएक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगों के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया जाता है। ▪️ शिवलिंग और कुछ नहीं बल्कि न्युक्लियर रिएक्टर्स ही तो हैं, तभी तो उन पर जल चढ़ाया जाता है, ताकि वो शांत रहें। ▪️ महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे कि बिल्व पत्र, आकमद, धतूरा, गुड़हल आदि सभी न्युक्लिअर एनर्जी सोखने वाले हैं। ▪️ क्यूंकि शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है इसीलिए तो जल निकासी नलिका को लांघा नहीं जाता। ▪️ भाभा एटॉमिक रिएक्टर का डिज़ाइन भी शिवलिंग की तरह ही है।[1] ▪️ शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल नदी के बहते हुए जल के साथ मिलकर औषधि का रूप ले लेता है। ▪️ तभी तो हमारे पूर्वज हम लोगों से कहते थे कि महादेव शिवशंकर अगर नाराज हो जाएंगे तो प्रलय आ जाएगी। ▪️ ध्यान दें कि हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है। ▪️ जिस संस्कृति की कोख से हमने जन्म लिया है, वो तो चिर सनातन है। विज्ञान को परम्पराओं का जामा इसलिए पहनाया

વાર્તા કરૂણા ની

*છેલ્લે સુધી પૂરેપૂરૂ વાંચજો...!* રડવું *ના* આવે  તો સમજવું  કે તમારે *દિમાગ છે*  પણ *દિલ નથી* !! હરખ ભેર હરીશભાઈએ  ઘરમાં પ્રવેશ કર્યો..  બોલ્યા: ‘સાંભળ્યું ?’ અવાજ સાંભળી  હરીશભાઈ નાં પત્ની  નયનાબેન હાથમાં  પાણીનો ગ્લાસ લઈને  બહાર આવ્યા. “આપણી *સોનલ* નું માંગું આવ્યું છે ખાધેપીધે સુખી ઘર છે છોકરાનું નામ દિપક છે અને બેંકમાં નોકરી કરે છે. *સોનલ* હા કહે એટલે સગાઇ કરી દઈએ.” *સોનલ* એમની  એકની એક દીકરી હતી.. ઘરમાં કાયમ આનંદ નું વાતાવરણ રહેતું . હા.. ક્યારેક હરીશભાઈનાં સિગારેટ અને પાન-મસાલાનાં વ્યસન ને લઈને નયનાબેન અને સોનલ બોલતા પણ હરીશભાઈ ક્યારેક ગુસ્સામાં અને ક્યારેક મજાકમાં આ વાત ને ટાળી દેતા. *સોનલ* ખુબ સમજદાર  અને સંસ્કારી હતી. એસ.એસ.સી પાસ કરીને ટ્યુશન, ભરતકામ કરીને પપ્પાને મદદ રૂપ થવાની કોશિશ કરતી. હવે તો *સોનલ* ગ્રેજ્યુએટ થઇ ગઈ હતી અને નોકરી કરતી હતી પણ હરીશભાઈ એની આવક નો એક રૂપિયો લેતા નહિ… અને કાયમ કહેતા: ‘બેટા આ તારી પાસે રાખ તારે ભવિષ્યમાં તારે કામ લાગશે..' બંને ઘરની સહમતી થી *સોનલ* અને દિપકની સગાઇ કરી દેવાઈ અને લગ્નનું મુહર્ત પણ જોવડાવી દીધું. લગ્નને આડે હવે પંદર દિવસ બાકી

*જમાદાર શેરી*

*જમાદાર શેરી* ભાવનગરમાં જમાદાર શેરી છે. એ તાલબ જમાદાર ના નામ ઉપરથી ભાવનગર મહારાજે શેરીનું નામ રાખેલું છે. તાલબ જમાદાર ભાવનગર રાજનો સેવક સેનાપતિ હતો. એ બહુ દયાળુ,પોરહીલો, અને દાતાર કહેવાતો હતો. એની ખૂબ પ્રિય વસ્તુના કોઈ વખાણ કરે તો એ વસ્તુ અત્યંત કિંમતી ભલે હોય ! એ આપી દેતો. એની પાસે એક ઘોડી હતી. પણ જાણે દેવતાઈ ઘોડી..!! પીરાણી તાજણ હો...!! અહવારે પલાણ માંડીને હથેળીમાં પાણી ભરેલી થાળી લીધી હોય ..ને ..પલ્લે વે'તી મેલી હોય ..તો ચિક્કાર થાળીમાંથી એક ટીપુંય હેઠું નો પડે એવી રેવાળ હાલ્ય.. પંડ્ય માથે હાથ મેલ્યો હોય તો હાથ સરીને હેઠો આવે.. સૂરજ નારાયણની સામે ચાંદુડિયા પાડે એવી ચમકીલી રેશમી રૂંવાટી... હજારું.. લાખું..સોનાના બારીક તાંતણા નો પૂળો હોય એવી પૂછડાની થોભીયું નો છેડો ધરતી હાર્યે અડતો આવે. બારેય મેઘ ખાંગા થયાં હોય ત્યારે પર્વતોમાંથી પડતો ધોધ હોય એવી કેહવાળી દીસે. જમી હાર્યે ડાબો અડે નો અડે.. અડે નો અડે...એમ થનક થૈ.. થાતાં પગડા જીણી નજર વાળા આદમીને ય સમાયે દેખાય નઈ... એમ ત્રમઝટય..બોલાવે. દેરાણી જેઠાણી સામસામી દરણા દળવા બેઠીયું હોય એવી કાનહોરી. બેય કાનહોરી ની ટશરું આભને અડાડવા મથતી હોય

વાર્તા

*સ્વાભિમાન ....* સાંજનો સમય .. તોય સાડાસાત વાગ્યા હતા... એજ હોટેલ,  એજ ખૂણો,  એજ ચા અને એજ સિગરેટ,  એક કશ અને એક ઘૂંટડો ...  સામે બીજા ટેબલ પર એક માણસ અને આઠ દસ વરસની એની છોકરી .. શર્ટ પણ ફાટલો અને એના જેવો જ ઉપરના બે બટન ગાયબ , મેલી ઘેલી પેન્ટ થોડીક ફાટેલી, રસ્તો ખોદવાવાળો મજુર હોવો જોઈએ ....   છોકરીએ સરસ બે વેણી નાખેલી, ફ્રોક થોડો ધોયેલો લાગતો હતો....  એના ચહેરા પર અતિશય આનંદ... અને કુતૂહલવશ એ બધી જગ્યાએ આંખો મોટ્ટી મોટ્ટી કરીને, આંખો ફાડીફાડીને જોતી હતી ... માથા પર ઠંડી હવા ફેંકતો પંખો ........ બેસવા માટે એકદમ પોચો પોચો સોફા,,,,એના માટે સુખની સીમા જાણે ... વેઇટરે બે સ્વચ્છ ગ્લાસ એકદમ ઠંડુ પાણી મુક્યું ... દીકરી માટે એક ઢોસો લાવજો ને,  એ માણસે વેઇટરને કીધુ ... દીકરીનો ચહેરો વધુ ખીલ્યો .. અને તમને .... ના ના, બેટા મને કશુ નહી ... ઢોસો આવ્યો,  ચટણી સાંભાર જુદો, ગરમાગરમ મોટ્ટો ફુલેલો .. છોકરી ઢોસો ખાવામાં એકદમ મશગુલ,  એ એની સામે કૌતુકથી જોતા જોતા પાણી પીતો હતો .... એટલામાં એનો ફોન વાગ્યો ... આજકાલની ભાષામાં ડબ્બા ફોન... એ મિત્રને કહેતો હતો,  આજે દીકરીનો હેપ્પી બડડે છે ... એને લઈને હોટેલ

कृष्ण गोपाल

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लड्डू गोपाल  एक नगर में दो वृद्ध स्त्रियाँ बिल्कुल पास-पास रहा करती थीं। उन दोनों में बहुत ज़्यादा घनिष्ठता थी। उन दोनो का ही संसार में कोई नहीं था इसलिए एक दूसरे का सदा साथ देतीं और अपने सुख-दुःख आपस में बाँट लेती थीं। एक स्त्री हिन्दू थी तथा दूसरी जैन धर्म को मानने वाली थी। हिन्दू वृद्धा ने अपने घर में लड्डू गोपाल को विराजमान किया हुआ था। वह प्रतिदिन बड़े प्रेम से लड्डू गोपाल की सेवा करा करती थी। प्रतिदिन उनको स्नान कराना, धुले वस्त्र पहनाना, दूध व फल आदि भोग अर्पित करना उसका नियम था। वह स्त्री लड्डू गोपाल के भोजन का भी विशेष ध्यान रखती थी। सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम का ध्यान उसको रहता था। वह जब भी कभी बाहर जाती लड्डू गोपाल के लिए कोई ना कोई खाने की वस्तु, नए वस्त्र खिलोने आदि अवश्य लाती थी। लड्डू गोपाल के प्रति उसके मन में आपार प्रेम और श्रद्धा का भाव था। उधर जैन वृद्धा भी अपनी जैन परम्परा के अनुसार भगवान् के प्रति सेवा भाव में लगी रहती थी। उन दोनो स्त्रियों के मध्य परस्पर बहुत प्रेम भाव था। दोनो ही एक दूसरे के भक्ति भाव और धर्म की प्रति पूर्ण सम्मान की भावना रखती थी। जब किसी को को

श्रीकृष्ण की कही ये 10 बातें, दूर होगा हर दुख

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जब भी बहुत परेशान हों याद करें श्रीकृष्ण की कही ये 10 बातें, दूर होगा हर दुख हर इसांन के जीवन में कभी न कभी ऐसे समय आता है, जब वह बेहद परेशान हो जाता है। उसे समय नहीं आता क्या सही है और क्या गलत। ऐसे समय में भगवान श्रीकृष्ण की कहीं कुछ आसान बातें आपका दुख दूर सक सकती है। भगवान कृष्ण के बताए गए कुछ अनमोल वचनों का पालन करके कोई भी मनुष्य जीवन का हर सुख और मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है 1.जो इंसान समय-समय पर दान और तपस्या करता है, हमेशा सच बोलता है और अपनी इंद्रियों को अपने वश में रखता है, ऐसे मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति जरूर होती है। 2.जो मनुष्य माता-पिता की सेवा करते हैं और भाइयों के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना रखते हैं, ऐसे लोगों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। 3.जो मनुष्य हर दिन स्नान, दान, हवन, मंत्रोच्चारण और देवपूजन करता है, उसे निश्चित ही जीवन का हर सुख मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 4.भगवान विष्णु, एकादशी का व्रत, गंगा नदी, तुलसी, ब्राह्मण और गाय- ये 6 ही इस संसार से मुक्ति पाने का रास्ता बनते हैं, अ

शिव

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क्यूं कहते हैं कि "काशी जमीन पर नहीं है, वह शिव के त्रिशूल के ऊपर है!" क्योंकि काशी एक यंत्र है एक असाधारण यंत्र!! मानव शरीर में जैसे नाभी का स्थान है, वैसे ही पृथ्वी पर वाराणसी का स्थान है.. शिव ने साक्षात धारण कर रखा है इसे! शरीर के प्रत्येक अंग का संबंध नाभी से जुड़ा है और पृथ्वी के समस्त स्थान का संबंध भी वाराणसी से जुड़ा है। धरती पर यह एकमात्र ऐसा यंत्र है!! काशी की रचना सौरमंडल की तरह की गई है, इस यंत्र का निर्माण एक ऐसे विशाल और भव्य मानव शरीर को बनाने के लिए किया गया,  जिसमें भौतिकता को अपने साथ लेकर चलने की मजबूरी न हो, और जो सारी आध्यात्मिक प्रक्रिया को अपने आप में समा ले। आपके अपने भीतर ११४ चक्रों में से ११२ आपके भौतिक शरीर में हैं, लेकिन जब कुछ करने की बात आती है, तो केवल १०८ चक्रों का ही इस्तेमाल आप कर सकते हैं। इसमें एक खास तरीके से मंथन हो रहा है। यह घड़ा यानी मानव शरीर इसी मंथन से निकल कर आया है, इसलिए मानव शरीर सौरमंडल से जुड़ा हुआ है और ऐसा ही मंथन इस मानव शरीर में भी चल रहा है।  सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सूर्य के व्यास से 108 गुनी है। आपके अपने भीतर 114

भारत को जानो भारत को मानो

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#भारत को जानो भारत को मानो🚩🙏🙏🙏 || मन्नारशाला - एक अनोखा मंदिर जहा 30000 से ज्यादा नाग और सर्प मुर्तिया मौजूद है और सबकी पूजा होती है वह भी सिर्फ महिलाओं द्वारा ||  || मन्नारशाला - अलेप्पी - केरला ||  वैसे तो भारत अजूबो का देश है ही और जितना हम इनको जानने का प्रयास करते है यह उतना ही और और विशाल नज़र आता है | देश में वैसे तो बहुत सारे मंदिर नाग और सर्पो को समर्पित है पर वह पर उनकी सिर्फ एक प्रतिमा की पूजा होती है पर केरल के मन्नारशाला में में एक ऐसा मंदिर है जहा सर्र्पो की 30000 से ज्यादा प्रतिमाये है जिसमे प्रमुख पूजा नागराज और उनकी साथिन नागयक्षी की होती है और सबसे बड़े बात है की उनकी पूजा सिर्फ महिलाये ही करती है !! इस मंदिर की गिनती भारत के सात आश्चर्यो में होती है और कहा जाता है की श्री भगवन परशुराम जी ने इस मंदिर की स्थापना करी थी | बताया जाता है महाभारत काल के दौरान यहाँ जंगल हुआ करता था जिसे जला दिया गया था और सिर्फ इस क्षेत्र में आग नहीं लगी थी तो नागराज और अन्य सर्पो ने यही पर शरण ली थी और तबसे यह जगह मन्नारशाला बनी |  इस क्षेत्र के पास में ही नम्बूदिरी का खानदानी घर है जहा

तुलसी

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#तुलसी_जी_के_लाभ_और_देखभाल🔥 आपको तुलसी जी का पौधा बता देगा, आप पर कोई मुसीबत आने वाली है l क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया कि आपके घर, परिवार या आप पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो उसका असर सबसे पहले आपके घर में स्थित तुलसी के पौधे पर होता है।  आप उस पौधे का कितना भी ध्यान रखें धीरे-धीरे वो पौधा सूखने लगता है (नोट बहुत ज्यादा सर्दी मे भी तुलसी सूख जाती है )तुलसी का पौधा ऐसा है जो आपको पहले ही बता देगा कि आप पर या आपके घर परिवार को किसी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। पुराणों और शास्त्रों के अनुसार माना जाए तो ऐसा इसलिए होता है कि जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है उस घर से सबसे पहले लक्ष्मी यानी तुलसी चली जाती है।  क्योंकि दरिद्रता, अशांति या क्लेश जहां होता है वहां लक्ष्मी जी का निवास नही होता। अगर ज्योतिष की माने तो ऐसा बुध के कारण होता है। बुध का प्रभाव हरे रंग पर होता है और बुध को पेड़ पौधों का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ऐसा ग्रह है जो अन्य ग्रहों के अच्छे और बुरे प्रभाव जातक तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ फल देगा तो उसका अशुभ प्रभाव बुध के कारक वस्तुओं पर भी होता है। अगर

giloy

🥦🥦🥦🥦🥦🥦🥦🥦 *ગીલોય (ગળો)* *(કડવા લીમડા પર ચડેલી સૌથી ઉત્તમ ઔષધી..) કે જે કોરોના કાળમાં રોગપ્રતિકારક શક્તિ વધારવા છે* ✅ *આ વેલ ગરીબના ઘરની ડોક્ટર છે જે 70 રોગોને  મૂળમાંથી મટાડે છે, તે આસાનીથી ગામડાઓ મા વાડી-ખેતરોમાં અને ઝાડી-જંગલ માં મળી જાય છે* 👉🏽 *ગીલોય એક પ્રકારની લતા/વેલ છે, જેને ગળો પણ કહે છે. જેના પાંદડા પાનના પાંદડા જેવા હોય છે. તે એટલા જ વધુ ગુણકારી હોય છે, કે તેનું નામ અમૃતા રાખવામાં આવેલ છે. આયુર્વેદમાં ગીલોય ને તાવ માટે એક મહાન ઔષધી તરીકે ગણવામાં આવે છે. ગીલોય નો રસ પીવાથી શરીરમાં મળી આવતી જુદા જુદા પ્રકારની બીમારીઓ દુર થવા લાગે છે. ગીલોય ના પાંદડા માં કેલ્શિયમ, પ્રોટીન અને ફોસ્ફરસ મળી આવે છે. તે વાત,કફ અને પિત્ત નાશક હોય છે. તે આપણા શરીરની રોગપ્રતિકારક શક્તિને વધારવામાં મદદ કરે છે. તેમાં જુદા જુદા પ્રકારના મહત્વપૂર્ણ એન્ટીબાયોટીક અને એન્ટીવાયરલ તત્વ મળી આવે છે જેનાથી શરીરના સ્વાસ્થ્ય ને લાભ મળેછે. તે ગરીબના ઘરની ડોક્ટર છે કેમકે તે ગામ માં સરળતાથી મળી જાય છે. ગીલોય માં કુદરતી રીતે જ શરીરના દોષ ને સંતુલિત કરવાની શક્તિ મળી શકે છે.* ✅ *ગીલોય એક ખુબ જ મહત્વપૂર્ણ આયુર્વેદી