गौरीशंकर रुद्रास
प्राकृतिक रूप से जुड़े दो रूद्राक्षों को गौरी शंकर रूद्राक्ष कहा जाता है। यह रूद्राक्ष भगवान शिव एवं माता पार्वती का प्रत्यक्ष स्वरूप है। इसे धारण करने वाले को शिव और शक्ति दोनों की कृपा प्राप्त होती है। यह रूद्राक्ष गृहस्थ सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इसलिए जिन लोगों का दांपत्य जीवन ठीक नहीं चल रहा है, या जिन युवक-युवतियों के विवाह में विलंब हो रहा है उन्हें गौरी शंकर रूद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। जिन स्त्रियों को संतानसुख प्राप्त नहीं हो पा रहा है या गर्भ से संबंधित कोई समस्या है उन्हें भी यह रूद्राक्ष जरूर पहनना चाहिए।
गृहस्थ जीवन में सुख-शांति के लिए धारण करें ये रूद्राक्ष
गृहस्थ जीवन में सुख-शांति और आपसी प्रेम बढ़ाने में गौरी शंकर रूद्राक्ष चमत्कारिक रूप से कार्य करता है। जिन लोगों को पारिवारिक सुखों की कमी है वे यह रूद्राक्ष पहनें।
पारिवारिक शांति और वंश वृद्धि में भी यह रूद्राक्ष सहायक माना गया है। जिन स्त्रियों को गर्भ ठहरने में समस्या है वे इसे धारण करें।
आध्यात्मिक राह पर चलने की इच्छा रखने वाले लोग इस रूद्राक्ष को चांदी की चेन में धारण करें। इससे उन्हें अंतदृष्टि विकसित होती है।
इस रूद्राक्ष को अभिमंत्रित करके तिजोरी में रखने से कभी आर्थिक संकटों का सामना नहीं करना पड़ता।
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