करियर निर्माण में बृहस्पति या गुरु ग्रह की भूमिका।।

।।करियर निर्माण में बृहस्पति या गुरु ग्रह की भूमिका।।

जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु ग्रह बलवान स्थिति में होता है ऐसे व्यक्तियों के अंदर ज्ञान की कभी कोई कमी नहीं रहती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में बिना किसी बाधा और परेशानी के आगे बढ़ते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह या बृहस्पति ग्रह अनुकूल स्थिति में होते हैं ऐसे व्यक्तियों का करियर खराब से खराब परिस्थिति के बावजूद बृहस्पति की दशा अंतर्दशा में या अनुकूल गोचर होने पर करियर में सफलता अवश्य प्राप्त होती है।

ज्योतिष में गुरु ग्रह को दर्शन, धर्म, ज्ञान, आदि का कारक माना गया है। यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत स्थिति में स्थित हो तो ऐसे व्यक्ति वकील, बैंक मैनेजर, बड़ी कंपनी में डायरेक्टर, ज्योतिषी, शिक्षक, शेयर मार्केट में उच्च पद पर काम करने वाले, शिक्षा क्षेत्र में, शिक्षण संस्थानों के संचालक आदि बन सकते हैं

कार्यों में मुद्रा का क्रय-विक्रय, कूटनीतिक सलाहकार, चिकित्सा, पुजारी तथा धर्म-कर्म के कार्य, प्रवक्ता, धार्मिक संस्थानों के अधिकारी व ट्रस्टी, संचालक, दार्शनिक, साहित्यकार, कैशियर, मंत्री और राजनीतिज्ञ आदि भी बृहस्पति की ही देन हैं, इसलिए जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत है या बृहस्पति अनुकूल स्थिति में होता है वह इन क्षेत्रों में भी सफलता कमा सकते हैं।

विभिन्न भावों में गुरु ग्रह का प्रभाव 
गुरु की भावगत स्थिति  सामान्य फल 
प्रथम भाव में गुरु व्यक्ति ज्ञानी और अच्छा परामर्शदाता बन सकता है।
दूसरे भाव में गुरु व्यक्ति शानदार वक्ता और प्रवक्ता बन सकता है।
तीसरे भाव में गुरु व्यक्ति धार्मिक आचरण वाला होता है और पुजारी बन सकता है।
चौथे भाव में गुरु  व्यक्ति को पैतृक कार्यों से लाभ मिल सकता है।
पंचम भाव में गुरु  व्यक्ति को शिक्षा में सफलता मिलती है और उसी से धन प्राप्त हो सकता है। 
छठे भाव में गुरु  इस स्थिति को अनुकूल नहीं माना जाता है क्योंकि इससे व्यक्ति को बीमारी आदि की आशंका बढ़ जाती है
सप्तम भाव में गुरु  व्यक्ति को व्यापार में लाभ मिल सकता है। 
अष्टम भाव में गुरु  व्यक्ति आध्यात्मिक क्षेत्र में झुकाव रखता है और उसमें सफलता हासिल कर सकता है।
नवम भाव में गुरु  व्यक्ति के यश व कीर्ति में इजाफ़ा होता है। 
दशम भाव में गुरु  व्यक्ति कार्यक्षेत्र में निपुण होता है और तमाम सफलता हासिल कर सकता है। 
एकादश भाव में गुरु  व्यक्ति कथावाचक और उपदेशक बन सकता है। 
द्वादश भाव में गुरु  व्यक्ति धर्म और परोपकार में धन खर्च कर सकता है।

नौकरी में टिकने नहीं देता है गुरु चांडाल योग 
शुभ फलों के साथ-साथ कुंडली में अन्य ग्रहों के साथ युति होने पर गुरु ग्रह प्रतिकूल योग का भी निर्माण करते हैं। ऐसा ही एक अशुभ योग है गुरु चांडाल योग।

सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर इस योग का निर्माण कैसे होता है? तो दरअसल जब किसी व्यक्ति की कुंडली में किसी भी भाव में राहु के साथ गुरु ग्रह निकटतम अंशों में स्थित होता है तब गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है। यदि यह योग किसी व्यक्ति की कुंडली में दशम भाव (कर्म भाव) में बनता है तो इस योग के चलते व्यक्ति किसी भी नौकरी में ज्यादा समय के लिए टिक नहीं पाता है। ऐसे व्यक्तियों को व्यापर में भी ज्यादा सफलता नहीं मिलती है और उन्हें बार-बार व्यापार में बदलाव करना पड़ता है।  

गुरु ग्रह की अन्य ग्रहों के साथ युति का करियर में फल 
दशम भाव में गुरु ग्रह और सूर्य ग्रह: ऐसी स्थिति में व्यक्ति को सरकारी क्षेत्र की नौकरी के लिए प्रयास करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा इन ग्रहों की युति से व्यक्ति को कानून से संबंधित क्षेत्र में और राजनीति में भी सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
दशम भाव में गुरु ग्रह और चंद्र ग्रह: व्यक्ति की कुंडली में मौजूद गुरु ग्रह का यदि चन्द्रमा से संबंध होता है तो ऐसे व्यक्ति को व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता हासिल होती है। इसके अलावा ऐसे जातक हलवाई, व्यवसाय और खेती आदि के क्षेत्र में भी कामयाबी पाते हैं।
दशम भाव में गुरु ग्रह और मंगल ग्रह: ऐसे स्थिति में व्यक्ति को व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति सेना, पुलिस, रेलवे आदि क्षेत्रों में भी नाम कमाते हैं।
नौकरी में सफलता और पदोन्नति प्राप्त करने के कारगर ज्योतिषीय उपाय 
आप पुखराज रत्न पहन सकते हैं या उसके स्थान पर सुनैला रत्न भी धारण कर सकते हैं। इसे कुंडली में मौजूद गुरु ग्रह मज़बूत होता है जिससे नौकरी में सफलता मिलने के योग प्रबल होते हैं। 
मनचाही नौकरी प्राप्त करने के लिए या नौकरी में सफलता प्राप्त करने के लिए गुरु ग्रह की प्रसन्नता भी आवश्यक होती है। ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए आप रोजाना सुबह स्नान करने के बाद अपने माथे और नाभि पर केसर का तिलक लगाएं। इस सरल उपाय को करने से आपको वेतन वृद्धि के भी योग बनने लगते हैं। 
इसके अलावा नौकरी में सफलता और अपने काम को सफल करने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जब भी आप ऑफिस का काम करें उस दौरान आपका मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। ऐसा करने से आपको करियर में सफलता अवश्य प्राप्त होगी।

इसके अलावा नौकरी में आ रही किसी भी तरह की समस्या को दूर करने के लिए सूर्य पूजा करना भी विशेष फलदाई बताया गया है। इसके लिए रोज सुबह स्नान करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। इसके लिए जल में थोड़ा पीला अक्षत, काला तिल और लाल फूल अवश्य शामिल करें।

करियर में सफलता, मनचाही नौकरी, नौकरी में सफलता, वेतन वृद्धि, और पदोन्नति के लिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरा रंग बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में आप अपने कार्यस्थल पर हरे रंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। यदि आप लैपटॉप पर काम करते हैं तो कोशिश करें इसके नीचे एक हरा वस्त्र बिछा दें। ऐसा करने से आपके कार्य में वृद्धि और तमाम सफलता हासिल होगी

नौकरी में सफलता या फिर मनचाही जगह पर स्थानांतरण के लिए आप शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक भी जला सकते हैं। इस उपाय को लगातार तीन शनिवार तक करें और दीपक जलाने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।

गायत्री मंत्र को ऋग्वेद के सबसे पूजनीय मंत्रों में से एक माना गया है। ऐसे में यदि आप रोजाना स्पष्ट उच्चारण पूर्वक इस मंत्र का जाप करते हैं तो इससे भी नौकरी में आने वाले तमाम तरह की समस्या दूर होती है और व्यक्ति को मनचाहा स्थानांतरण, पदोन्नति और वेतन वृद्धि आदि हासिल होती है।

गुरुवार के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें और पीली वस्तुओं का दान करें।
अपने माता-पिता और गुरुओं का सम्मान करें।

क्या आप भी रोजगार अथवा कार्य क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की समस्याओं से परेशान  हैं ।
 आपकी कुंडली में गुरु का क्या है प्रभाव आपके लिए गुरु अनुकूल हैं या प्रतिकूल
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