टॉपिक - अकेलापन या एकांतवास के ज्योतिष योग 🍁


टॉपिक - अकेलापन या एकांतवास के ज्योतिष योग 🍁

✍️ प्रश्न - अकेलापन क्या होता है और ये किन परेशानियों को जन्म दे सकता है 
उत्तर - अकेलापन एक ऐसी भावना है जिसमें लोग बहुत तीव्रता से खालीपन और एकान्त का अनुभव करते हैं। और अजीब ख़याल आते है जैसे - आत्महत्या, शादी न करना, किसी भी तरह की ख़ुशी न बनाना और सादगी जीवन को अपनाने को सोचते हैं धीरे धीरे डिप्रेशन में चले जाते हैं
अगर हम अपने आप को अकेला महसूस करेंगे तो अकेलापन हम पे हावी होने लगता है और अवसाद टेंशन डिप्रैशन का रूप ले सकता है।
कुछ लोगों के जीवन में एक समय ऐसा आता है कि व्यक्ति किसी दोस्त रिश्तेदार पड़ोसी से मिलना नहीं चाहता सोशल सर्कल और सोशल इवेंट से दूरी बनाने लगता है यही स्थति अकेलापन को जन्म देती है ।
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इसके विपरीत एकान्त में ही आप उस चीज़ को ढूंढ सकते है जो गुुुण आप के अंंदर हैं आप अपने आप पर निर्भर रहेंगे तो कभी भी आप को अकेलापन महसूस नही होगा ये स्थति आपको आध्यामिक उन्नति , संन्यास और मेडिटेशन की तरफ़ भी ले जा सकती है ।
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 🕉️ नोट - आज हम केवल उस योग की बात करेंगे जो अकेलापन समस्या देता है संन्यास योग पर चर्चा भविष्य में होगी ।

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🔱 अकेलापन या एकांतवास के ज्योतिष योग ।
🍁 लग्न लॉर्ड / लग्न का कमजोर होना / 6 th 8 th 12 th  भाव में होने या नीच अस्त होके पीड़ित होना 
🍁 लग्न पर शनि केतु की दृष्टि होने या लग्नेश पर शनि केतु का प्रभाव होना , शनि विरक्ति कारक , केतु detechment कारक ।
🦚 मोक्ष त्रिकोण 4 th 8 th 12 th   सम्बन्ध होना ।
 
✴️ चन्द्र पीड़ित / राहु शनि केतु द्वारा , ग्रहण योग अमावस्या योग , केंद्रम योग का होना ।
🕉️ 4 th लॉर्ड का 6 th 8 th 12 th  भाव में होना ।
💥 लग्न पर गुरु बुध शुक्र जैसे ग्रहों की दृष्ट ना होना ।
🍁 हेमन्त थरेजा - ज्योतिष मार्गदर्शक 🦚

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