राहु देवता का पिछले जन्म से संबंध
राहु देवता का पिछले जन्म से संबंध
राहु का संबंध हमारे पिछले जन्म के कर्मों के अनुसार होता है। उसका प्रभाव हमारे जीवन में कई प्रकार से पड़ता है। चतुर्थ भाव का राहु, अष्टम भाव का राहु और 12 भाव का राहु यह एक दूसरे से दृष्टि के अनुसार कनेक्टेड होते हैं। जिनके कुंडली में 4,6, 8 और 12 भाव में राहु बैठा है। इन लोगों में कुछ अलग करने की इच्छा आकांक्षा जरूर होती है। यह लोग वास्तविकता काफी ऊंचाई भी प्राप्त करते हैं।
अगर कुंडली में 12वां भाव है। राहु वाला इंसान सारी दुनिया को भी संभाल सकता है। इतनी उसने क्षमता होती है। जब तक 12वां घर चलता नहीं किसी का तब तक इनकी जिंदगी में कुछ भी नहीं हो पाता। यह इनकी जीवन में हमेशा मुसीबत लगी रहती है। यह कितने भी कोशिश करो कितने भी उपाय करो !
यह कारगर साबित नहीं होते हैं। जब तक ठीक तरह से आपके कुंडली का बारवा घर अच्छी तरह से नहीं चल पाता। तब तक जीवन में कठिनाई समस्या का सामना आपको करना पड़ेगा। इनको नौकरी और ससुराल से दिक्कत आती है।
राहुल देवता का पिछले जन्म से संबंध !
राहु का संबंध हमारे पिछले जन्म के कर्मों के आधार पर होता है। राहु का प्रतिबिंब राहु का रूप आपकी पत्नी, पति, प्रेमी या आपके जिसमें इंसान के साथ शारीरिक संबंध होते हैं। वह आपके राहु में पिछले जन्म में आपके साथ रिश्ता उसका था। इस जन्म में आपको कुछ भी कर लो, वह इस जन्म में आपके साथ होता रहेगा या आपके साथ संबंध उसके जरूर बनेंगे। भले इसमें आपकी इच्छा ना हो या हो लेकिन यह जरूर हो जाएगा।
अगर कुंडली में अच्छे स्थिति में राहु है तो आपकी शादी किसी अच्छे इंसान से होगी। या कुंडली में राहु की स्थिति अच्छी नहीं है तो आपके जीवन में शादी हो कर भी ना के बराबर होगी। या तो वह शादी टूट जाएगी। उसके साथ आपको जोर जबरदस्ती या आपके मन में ना होते हुए भी आपको उसके साथ जीवन बिताना पड़ेगा।
राहु का आपसी संबंध एक-दूसरे को पिछले जन्म के अनुसार ही होता है, क्योंकि वह हमारी करम गति है। जो हमारे इस जन्म में भी हमारा पीछा नहीं छोड़ती है। कभी-कभी हमको अचानक से कोई इंसान मिल जाता है। ना चाहते हुए भी हम उसके हो जाते हैं, या वह हमारा हो जाता है। यह यह जो घटना होती है, हमारे जीवन में वह कोई काल्पनिक नहीं है। वह पिछले जन्म के अनुसार ही यह घटित होती है। जो योग्य समय आने के बाद यह घटना घटित होती है।
विदेश में सेटल होते हैं !
राहु वाले लोग विदेश में ही सेटल होते हैं। जिनका इस भाव से संबंध है जिनकी कुंडली में यहां रहो विराजमान है। ऐसे लोग अपने जन्म स्थान छोड़कर कहीं दूर जाकर बस जाए तो शांति महसूस होगी। जिस जन्म स्थान वही है आप अगर वही रहते है तो तकलीफ है। जिंदगी भर भुगतनी पड़ेगी ऐसे लोगों की शादी किसी विदेशी व्यक्ति के साथ भी हो सकती है।
उसके कारण वह लोग विदेश विदेश में जाकर अपना जीवन पारिवारिक समाधान सुखी से रहते हैं। वहां उनको सुख चैन नसीब होता है पर इन लोगों के मन में काफी इच्छा होती है। सबके कुंडली के ग्रह नक्षत्र के अलग-अलग हिसाब से उपाय होते हैं। वह अपनी कुंडली परीक्षण करके उसे उपाय लीजिए तो आपको निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। कुंडली में राहु कहीं भी बैठा हो और जिस व्यक्ति का राहु 12 वा घर में हो और वह उच्च पद मिलता है
Comments
Post a Comment