गुड़

ठंड के दिनों में पित्त कम, वात थोड़ा बढ़ा हुआ और कफ सबसे अधिक बढ़ा हुआ होता है। इसलिए सर्दी के दिनों में तिल, गुड़, मूंगफली खाना चाहिए।
        कफ को शांत रखने के लिए गुड़ और शहद दोनों ही अच्छा होता है।चीनी शरीर को नुकसान पहुंचाती है, जबकि‍ गुड़ औषध‍िय गुणों से भरपूर है।
      सफेद गुण कभी न खाएं,  हमेशा तांबई रंग का या काले रंग का गुड़ खाएं।
मूंगफली क्षारीय होता है। अतः इसे गुड़ में मिलाकर खाना चाहिए। इसे नवंबर, दिसंबर ,जनवरी,फरवरी में जरूर खाना चाहिए। इससे कफ संतुलित रहेगा।

प्राकृतिक मिठाई के तौर पर पहचाना जाने वाला गुड़, स्वाद के साथ ही सेहत का भी खजाना है, अगर आप  अब तक अनजान हैं इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों से, तो अब जानते हैं गुड़ खाने के कुछ बेहतरीन लाभ -

1. पेट की समस्या - गुड़ पेट की समस्याओं से निपटने का एक बेहद आसान और फायदेमंद उपाय है। यह पेट में गैस बनना और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य समस्याओं को हल करने में बेहद लाभदायक है। खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन पाचन में सहयोग करता है।

2. सर्दी होने पर - सर्दी के दिनों में या सर्दी होने पर गुड़ का प्रयोग आपके लिए अमृत के समान होगा। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह सर्दी, जुकाम और खास तौर से कफ से आपको राहत देने में मदद करेगा। इसका काढ़ा भी बनाकर ले सकते हैं।

3.  गले में खराश - गुड़ को अदरक के साथ गर्म कर, इसे गुनगुना खाने से गले की खराश और जलन में राहत मिलती है। इससे आवाज भी काफी बेहतर हो जाती है।

4. जोड़ों का दर्द  - जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर गुड़ का अदरक के साथ प्रयोग काफी लाभदायक सिद्ध होता है। प्रतिदिन गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

5.  त्वचा के लिए -  त्वचा की सेहत के लिए भी गुड़ आपके लिए बहुत काम की चीज है। जी हां गुड़ रक्त से हानिकारक टॉक्स‍िन्स को बाहर कर, त्वचा की सफाई में मदद करता है, और रक्त संचार भी बेहतर करता है। प्रतिदिन थोड़ा सा गुड़ खाने से मुंहासों की समस्या नहीं होती और त्वचा में चमक आती है। यह आपकी त्वचा की समस्याओं को आंतरिक रूप से ठीक करने में मदद करता है।

6.  आयरन के लिए - शरीर में आयरन की कमी होने पर गुड़ आपकी काफी मदद कर सकता है। गुड़ आयरन का एक अच्छा और सुलभ स्रोत है। एनिमिया के रोगियों के लिए भी गुड़ बेहद फायदेमंद होता है।

7. थकान होने पर - अगर आप बहुत अधि‍क थकान या कमजोरी महसूस कर रहे हैं, तब भी गुड़ आपकी मदद कर सकता है। क्योंकि यह आपके शरीर में उर्जा के स्तर को बढ़ा देता है, और आपको थकान महसूस नहीं होती।

8. शरीर तापमान -  शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में गुड़ सहायक होता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व होते हैं, इसलिए अस्थमा होने पर भी मरीज़ों के  लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।

9. गैस -  पेट में गैस बनने की समस्या होने पर प्रतिदिन एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन करने से पेट में ठंडक होती है, और गैस भी नहीं बनती।

10. पाचन -  प्रतिदिन दोपहर व रात के खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ मुंह में रखकर चूसने से पाचन भी बेहतर होता है, और गैस भी नहीं बनती।

11. पीलिया हो जाने पर पांच ग्राम सोंठ में दस ग्राम गुड़ मिलाकर एक साथ खाने से काफी लाभ मिलता है।

12. गुड़ शरीर में रक्त की सफाई कर मेटाबॉलिज्म रेट को भी नियंत्रित करता है। इसकें अलावा गुड़ गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद होता है।

13. अस्थमा के इलाज में गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ और काले तिल के लड्डू बनाकर खाने से सर्दी में अस्थमा की समस्या नहीं होती और शरीर में आवश्यक गर्मी बनी रहती है।

14. इसके अलावा सांस संबंधी रोगों के लिए पांच ग्राम गुड़ को समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर खाने से सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

15.  कान में दर्द होने पर भी गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ को घी के साथ मिलाकर खाने से कान में होने वाले दर्द की समस्या ये निजात मिलती है।


16.  महिलाओं को मासिकधर्म की समस्याओं में राहत देने के लिए भी गुड़ काफी फायदेमंद है। उन दिनों में गुड़ का सेवन करने से हर तरह की तकलीफ में राहत मिलेगी।

17. स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग कमजोर नहीं होता।

18. अगर आपको कम भूख लगती है,तो आपकी इस समस्या का इलाज गुड़ के पास है। गुड़ खाने से आपकी भूख खुलेगी, और पाचनक्रिया दुरूस्त होगी।

19.  गु़ड़ एक अच्छा मूड बूस्ट है, यह आपके मूड को खुशनुमा बनाने में मदद करता है। इसके अलावा माइग्रेन की समस्या में भी गुड़ फायदा पहुंचाता है। प्रतिदिन गुड़ का सेवन करने से लाभ होता है।

 20.  खट्टी डकारें आने या पेट की अन्य  समस्या में गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटने से लाभ होता है।

21.  वजन कम करने के लिए भी गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है। शरीर में जल के अवधारण को कम करके शरीर के वजन को नियंत्रित करता है।

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